चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनते ही उनका भांजा भूपिंदर सिंह हनी ऐशो-आराम का जीवन जीने लगे थे। महंगी घड़ियों के शौकीन हनी के पास कई गाड़ियां हैं। हालांकि वह खनन के क्षेत्र में सक्रिय था। इसी को लेकर उस पर 2018 में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद इसकी जांच चलती रही। लेकिन जैसे ही चन्नी सीएम बने हनी सिंह का रहन-सहन बदलने लगा। मोहाली के सेक्टर-70 में होमलैंड सोसायटी में उसका फ्लैट है। ईडी ने इस फ्लैट पर भी छापेमारी की थी।
हनी के जानकारों ने बताया कि उसके पास कई गाड़ियां हैं, लेकिन उसके नाम पर नहीं हैं। सबसे ज्यादा चर्चा उसकी 12 लाख की रोलेक्स घड़ी की हो रही है। बताया जा रहा है कि उसके पास इस तरह की कई घड़ियां हैं। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हनी सिंह चर्चा में रहने लगा। वह ब्यूरोक्रेसी से जुड़े कामकाज भी संभालता था। कई विभागों में उसकी अच्छी पैठ थी। वह अक्सर वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स के संपर्क में रहता था। जब ईडी ने अवैध खनन की जांच अपने हाथ में ली तो उसका ध्यान हनी सिंह के रहन-सहन में आए बदलाव की ओर गया। ईडी सूत्रों के मुताबिक तेजी से बदल रहे उसके रहन-सहन के कारण ही उस पर छापेमारी की तैयारी की गई थी। ईडी की टीम को पता था कि छापेमारी में जरूर सफलता मिलेगी। चन्नी का अधिकांश काम वही देख रहा था। इसलिए ईडी ने उस पर नजर रखनी शुरू की।
हालांकि हनी सिंह ज्यादातर लुधियाना में रहता है। लेकिन चन्नी के सीएम बनने के बाद उसकी गतिविधियां मोहाली में तेज हो गई थीं। पंजाब सचिवालय में उसका आना-जाना कम ही था। वह अधिकारियों से उनके घर पर ही मिलता थ। मुख्यमंत्री का नजदीकी रिश्तेदार होने की वजह से न सिर्फ कांग्रेस, बल्कि उद्योगपतियों में उसकी पैठ तेजी से बढ़ती चली गई। पंजाब के बड़े उद्योयोगपतियों से उसके सीधे संपर्क हो गए। खनन कारोबारियों से भी हनी के अच्छे संबंध थे। विपक्ष का आरोप है कि रिश्वत का यह खेल सीएम के इशारे पर खेला जा रहा था।
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