रामानंद सागर ने धारावाहिक रामायण बनाया और इस सीरियल ने उन्हें अमर कर दिया। रामानंद सागर का जन्म आज ही के दिन (29 दिसंबर 1917) अविभाजित भारत के लाहौर में हुआ था। उनका पहले नाम चंद्रमौलि चोपड़ा था। दादी ने उनका नाम रखा रामानंद सागर। विस्थापन, बचपन में ही माता की मौत, पिता की दूसरी शादी से ‘लावारिस बचपन’ और गरीबी जैसी मुसीबतों ने उन्हें ‘लौह’ जरूर बना दिया। यह शायद राम की प्रेरणा हो। हालांकि जीवनयापन के लिए साबुन बेचे, ट्रक क्लीनर और चपरासी भी हुए।
कश्मीर से बंबई तक की यात्रा की। वहां तमाम मुसीबतों के बीच मूक फिल्म में एक छोटा सा रोल भी किया। पृथ्वीराज कपूर ने असिस्टेन्ट स्टेज मैनेजर बनाया तो जिंदगी कुछ व्यवस्थित हुई। यहां वृहत् कथा मुमकिन नहीं है। कथा तो वह अमर है, जो उन्होंने दूरदर्शन के लिए बनाई। नब्बे के दशक में बना 72 एपिसोड का ‘रामायण’ धारावाहिक हर रविवार को जब प्रसारित होता, सड़कें सुनसान हो जातीं, जैसे स्वघोषित लॉकडाउन हो।
क्या संयोग है कि जब प्रकृति की मार के बीच लॉकडाउन लगाना पड़ा, लोगों की मन-स्थिति को संभाले रखने के लिए रामायण का फिर से प्रसारण किया गया। इतने साल बाद भी इस सीरियल ने दर्शकों का विश्व रिकॉर्ड फिर से बनाया।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1778 –अमेरिकी राज्य जॉर्जिया पर ब्रिटिश सेना का कब्जा
1911 – मंगोलिया किंग वंश के शासन से आजाद हुआ
1949 – यूरोपीय देश हंगरी में उद्योगों का राष्ट्रीयकरण
1975 – ब्रिटेन में महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकारों से जुड़ा कानून प्रभावी
1977 – बंबई (अब मुम्बई) में विश्व का सबसे बड़ा ओपन एयर थियेटर ‘ड्राइव’ शुरू
1998 – विश्व के पहले परमाणु बम निर्माता अमेरिकी वैज्ञानिक रेगर सक्रेबर का निधन।
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