महाराष्ट्र विधानसभा में संशोधित शक्ति आपराधिक कानून विधेयक पारित हो गया। अब इसे विधान परिषद में पेश किया जाएगा। आंध्र प्रदेश दिशा कानून-2019 की तर्ज पर इस प्रस्तावित कानून में महिलाओं से दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म और एसिड हमले जैसे अपराध के लिए मौत की सजा सहित कड़े प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया। भाजपा ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
प्रस्तावित कानून में महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध आपराधिक मामलों का शीघ्र निपटारा करने की बात कही गई है। संयुक्त समिति की मंजूरी के बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बुधवार को इसे विधानसभा में पेश किया था। विधेयक पर सदन में गुरुवार को चर्चा हुई और यह सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस विधेयक को आंध्र प्रदेश दिशा कानून-2019 की तर्ज पर तैयार किया गया है। दिशा कानून में महिलाओं के विरुद्ध अपराध पर 21 दिनों के अंदर सुनवाई पूरी करके मौत की सजा देने का प्रावधान है, जबकि महाराष्ट्र में ऐसे मामलों में 30 दिन के अंदर जांच पूरी पूरी करनी होगी। 30 दिन में जांच पूरी नहीं होने की स्थिति में पुलिस महानिरीक्षक या पुलिस आयुक्त को 30 दिनों का विस्तार दिया जाएगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्ययमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में मौजूदा कानूनों को कठोर बनाने की जरूरत है।
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