दिल्ली में आज से नई आबकारी नीति लागू हो गई है। बीजेपी इसका लगातार विरोध कर रही है। बुधवार को बीजेपी नेताओं ने जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करके इस नीति को वापस लेने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि राजधानी में शराब की कई नई दुकानें खुलेंगी और शराब के ठेके बढ़ जाएंगे। केजरीवाल सरकार ने नई नीति में प्राइवेट ठेकदारों को इतने अधिकार दिए हैं कि वे पैसे से लेकर ब्रांड तक खुद तय करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि जब ये पॉलिसी सरकार विधानसभा में लेकर आई थी तब भी बीजेपी ने इसका विरोध किया था। उस वक्त भी हमने कहा था कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली को शराब की नगरी मत बनाओ, गली-गली में शराब के ठेके खुलेंगे इससे दिल्ली के युवा पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा भी घटा दी गई है, जो की गलत है। इसके अलावा भी अन्य इलाकों में नई आबकारी नीति का विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि आवासीय इलाकों में दुकानें खोली जा रही हैं। स्कूल से 100 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका होना चाहिए, लेकिन इस नियम की भी अनदेखी की जा रही है। बीते दिनों पीतमपुरा, बदरपुर गांव, दक्षिण दिल्ली में कालकाजी, रोहताश नगर में नत्थू कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में लोगों ने विरोध किया था।
बता दें कि नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 वर्ष से घटाकर 21 कर दी गई है। इस फैसले को लोग गलत बता रहे हैं। अब अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर संचालित स्वंतत्र दुकान और होटल पर 24 घंटे शराब की बिक्री होगी। पहले 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी निजी हाथों में थीं, अब 100 फीसदी निजी हाथों में होंगी।
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