चीन में जिंदा समुद्री जीवों को बेचने वाले बाजार ने एक बार फिर वहां के लोगों की सांस अटका दी है। खबर है कि वैज्ञानिकों को वहां फिर से ऐसे 18 वायरस मिले हैं जो मनुष्यों के साथ साथ पालतू पशुओं के लिए भी बहुत खतरनाक माने जाते हैं। बताया गया है कि जीव—विज्ञानियों ने वहां करीब 1725 जानवरों का विश्लेषण किया था। माना जाता है कि कोरोना वायरस भी चीन के वुहान शहर के 'सी फूड मार्केट' से इंसानों में पहुंचा था। इस बीमारी के अब तक 25.38 करोड़ लोग बीमार हो चुके हैं, जिनमें से 51 लाख से अधिक की असमय मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिकों ने 1,725 जंगली जानवरों का अध्ययन किया था। 16 नस्लों के इन जानवरों के पूरे चीन से नमूने लिए गए थे। इस जांच को करने वाले वैज्ञानिकों के दल में अमेरिका, चीन, बेल्जियम तथा आस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ता शामिल थे। अब इन्हीं वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें ऐसे जानवरों का पता लगा है जिनका अमूमन चीन में शिकार किया जाता है अथवा यहां उन्हें महंगे भोजन के तौर पर खाया जाता है। हालांकि इनमें से कुछ ऐसे हैं जिनके कारोबार पर चीन सरकार ने कोरोना महामारी के विस्फोट के बाद रोक लगा दी थी।
नानजिंग कृषि विश्वविद्यालय में जन्तु औषध कालेज से जुड़े अनुसंधान के लेखक शुओ त्सु का कहना है, 'ऐसे 71 वायरस पाए गए हैं जो स्तनपायियों को संक्रमित कर सकते हैं। इन में से 45 ऐसे हैं जिनकी जानकारी पहली बार हुई है। इनमें से भी 18 विषाणु ऐसे हैं, जो घरों में पाले जाने वाले जानवरों तथा इंसानों को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं।'
नानजिंग कृषि विश्वविद्यालय में जन्तु औषध कालेज से जुड़े अनुसंधान के लेखक शुओ त्सु का कहना है, 'ऐसे 71 वायरस पाए गए हैं जो स्तनपायियों को संक्रमित कर सकते हैं। इन में से 45 ऐसे हैं जिनकी जानकारी पहली बार हुई है। इनमें से भी 18 विषाणु ऐसे हैं, जो घरों में पाले जाने वाले जानवरों तथा इंसानों को भी अपनी चपेट में ले सकते हैं।' गनीमत यह है कि शोधकर्ताओं को इस अनुसंधान में 'सार्स सीओवी' या 'सार्स सीओवी-2' जैसे वायरस नहीं मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि यही चीन है जो 2019 के अंत में कोरोना का पहला मामला उजागर होने के बाद उसे दबा गया था और अपने यहां कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दुनिया को लगातार भ्रम में डालते हुए जांच टालता आ रहा था। इस बारे में आज भी चीन लगातार झूठ फैला रहा है। इसके लिए वह राजनीतिक बयानबाजी तथा सरकारी समाचार मीडिया तथा सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहा है। ज्यादा दिन नहीं हुए जब चीन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के पीछे ब्राजील की झींगा मछलियों और अरब से आए सीफूड को जिम्मेदार ठहराया था। चीन का दावा था कि 11 नवंबर, 2019 को शंघाई पहुंचा बोस्टन लॉबस्टर के 55 बक्से वाला लदान ही वहां कोरोना की उत्पत्ति का जिम्मेदार था। हर बार चर्चा उभरने पर चीन ने वुहान की प्रयोगशाला से कोरोना वायरस के लीक होने की बातों का खंडन ही किया है। पहले भी चीन यही वजह बताकर ब्राजील से बीफ के आने पर रोक भी लगा चुका है।
टिप्पणियाँ