ऑस्ट्रेलिया में एक शर्मसार करने वाले प्रकरण में कुछ असामाजिक तत्वों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ डाली। 14 नवम्बर को प्रतिमा का कुछ ही घंटे पहले अनावरण किया गया था। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ही भारत की स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में गांधी जी की इस प्रतिमा का अनावरण किया था।
कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत श्री राजकुमार और ऑस्ट्रेलिया के अन्य नेता भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मॉरिसन ने अफसोस जताते हुए कहा है कि इस कृत्य के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ताजा खबर मिलने ते पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी में जुटी है।
मेलबर्न में लगाई गई महात्मा गांधी की यह प्रतिमा भारत सरकार से उपहार में प्राप्त हुई थी। कांस्य की इसी आदमकद प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ के बाद स्थानीय भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय ने इस दुखद घटना पर निराशा व्यक्त की है। यह प्रतिमा मेलबर्न के रॉविल नामक स्थान पर ऑस्ट्रेलियाई भारतीय सामुदायिक केंद्र में लगाई गई थी।
मॉरिसन स्वयं इस घटना से आहत हैं और उन्होंने कहा है कि गांधी जी की प्रतिमा के प्रति इस स्तर का अनादर देखना शर्मनाक तथा बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि हम आस्ट्रेलिया में सांस्कृतिक स्मारकों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना के लिए जो भी दोषी है, उसने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय समुदाय का बहुत अपमान किया है, उसे अपने इस कृत्य पर शर्म आनी चाहिए।
मेलबर्न में रहने वाले भारतीयों ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए इसे शर्मनाक कृत्य बताया है। अनिवासी भारतीय समुदाय की संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन ऑफ विक्टोरिया संस्था के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश सोनी ने कहा है कि प्रवाीस भारतीय समुदाय अपराधियों के इस कृत्य से काफी हैरान और दुखी है। समझ में नहीं आता कि कोई इतना घटिया कृत्य कैसे और क्यों करना चाहेगा।
समाचार चैनल 'एबीसी न्यूज' ने विक्टोरिया पुलिस के हवाले से बताया है कि कुछ अपराधियों ने गत शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे से शनिवार शाम साढ़े पांच बजे के बीच प्रतिमा को काटने के लिए बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने कहा है कि नॉक्स अपराध जांच इकाई के अधिकारी इस गंभीर मामले की जांच कर रहे हैं। वे गवाहों से अपील कर रहे हैं कि सामने आकर इस बारे में कुछ जानकारी हो तो वह पुलिस को उपलब्ध कराएं।
मेलबर्न में रहने वाले भारतीयों ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए इसे शर्मनाक कृत्य बताया है। अनिवासी भारतीय समुदाय की संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन ऑफ विक्टोरिया संस्था के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश सोनी ने कहा है कि प्रवाीस भारतीय समुदाय अपराधियों के इस कृत्य से काफी हैरान और दुखी है। समझ में नहीं आता कि कोई इतना घटिया कृत्य कैसे और क्यों करना चाहेगा।
श्री सोनी ने आगे कहा कि रोविल सेंटर, विक्टोरिया राज्य में पहला भारतीय सामुदायिक केंद्र है और 30 साल के प्रयास के बाद महात्मा गांधी की प्रतिमा को यहां लगाया गया था। उधर ऑस्ट्रेलिया इंडिया कम्युनिटी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष वासन श्रीनिवासन का कहना है कि गांधी जी की प्रतिमा के अनावरण के 24 घंटे के अंदर ही उसे तोड़ने की घटना बेहद निंदनीय है। उल्लेखनीय है कि विक्टोरिया राज्य में करीब 3,00,000 भारतीय रह रहे हैं। विक्टोरिया में ऐसा हो सकता है, इसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
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