कुमारी अन्नपूर्णा
इस साल महापर्व छठ को लेकर जिस तरह की राजनीति आम आदमी पार्टी दिल्ली में करती हुई नजर आ रही है, वह वास्तविक रूप से पार्टी की मानसिकता को उजागर करती है। पार्टी शुरू से ही नहीं चाहती थी कि दिल्ली में छठ हो। कोविड से लेकर प्रदूषण तक की दलील आम आदमी पार्टी की तरफ से दी जाती रही। पिछले महीने छठ पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया।
ऐसे में समय में दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी सामने आए। उनके नेतृत्व में छठ के पक्ष में पूर्वांचल के लोगों की दिल्ली में गोलबंदी होने लगी। पूर्वांचलवासियों की एकता के सामने दिल्ली की सरकार को घुटने टेकने पड़े। केजरीवाल समझ गए कि वे पूजा को रुकवा पाने के षड्यंत्र में कामयाब नहीं हो पाएंगे। छठ पूजा के सवाल पर पिछले महीने केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करने के दौरान मनोज तिवारी गंभीर रूप से घायल हुए। मनोज तिवारी को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। उनके गले के पास चोट आई थी। इस बात को अब एक महीना हुआ। दिल्ली में मनोज तिवारी के साथ प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा छठ के सवाल पर कदम से कदम मिलाकर चलते हुए नजर आए।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के प्रतिबंध पर मनोज तिवारी का बयान आया कि वे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय त्योहार मनाने के लिए डीडीएमए के आदेशों की अवहेलना करेंगे। इसके बाद ही दिल्ली सरकार को महापर्व के प्रश्न पर पीछे हटना पड़ा।
इस मुद्दे पर केजरीवाल बुरी तरह घिर गए तो उनकी पार्टी के लोग विवाद खड़ा करने लगे हैं। उन्हें लगता है कि इस तरह वे दिल्ली वालों का ध्यान भटका पाएंगे, लेकिन छठ को दिल्ली में ना होने देने के लिए जिस तरह के षड्यंत्र इस बार केजरीवाल सरकार ने किए हैं। उसे पूर्वांचल वाला कैसे भूल सकता है ?
अब मालवीय नगर की घटना ही ले लीजिए। वहां सोमनाथ भारती द्वारा जबरन छठ घाट पर जेसीबी मशीन लेकर पहुंच जाने की घटना के बाद पूर्वांचलियों के बीच केजरीवाल की पार्टी की छवि बहुत खराब हुई है। 'जनता जनार्दन' नाम के यूट्यूब चैनल ने मौके पर जाकर इस मुद्दे पर लोगों से बातचीत की। हौजखास मंडल के बेगमपुर घाट पर वर्षों से छठ पूजा होती आ रही है। बेगमपुर छठ पूजा समिति के पिछले 14 सालों से अध्यक्ष रहे शिवचन्द्र महतो के अनुसार— 5 नवंबर को शाम पांच बजे छठ घाट पूजा समिति से कोई चर्चा किए बिना स्थानीय विधायक सोमनाथ भारती जेसीबी मशीन लेकर घाट पर पहुंच गए। जब खुदाई उन्होंने प्रारंभ करा दी उसके बाद आस पास के लोग इकट्ठा होना शुरू हुए। लोगों ने सोमनाथ भारती को समझाया कि घाट बनाने से पहले यहां भूमि पूजन जरूरी है। उसके बाद आप जेसीबी मशीन चलाइए। वे इस बात के लिए तैयार नहीं हुए। जिससे विवाद बढ़ा। जिस छठ घाट पर 14 सालों में कोई मामूली झड़प तक नहीं हुई वहां आम आदमी पार्टी के नेता ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। वैसे सोमनाथ भारती का पूरा इतिहास ही ऐसी झड़पों से भरा हुआ है।
अब सोमनाथ भारती सफाई दे रहे हैं और खुद को श्रीराम की गिलहरी कह रहे हैं। लेकिन स्थानीय लोगों ने मोबाइल में उनकी हरकते रिकॉर्ड करके रखी हैं। लोग यह भी कह रहे हैं कि वहां उन्होंने रास्ते में आने वाले को जान से मारने की धमकी तक दे डाली।
आस—पास के लोग बता रहे हैं कि सोमनाथ भारती के साथ जो गुंडे तत्व वहां आए थे, उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ अभद्रता की। वास्तव में सोमनाथ भारती का उद्देश्य पूजा में सहयोग करना नहीं था। वे अराजकता फैलाने ही आए थे। यदि उनका उद्देश्य सहयोग करना होता तो वे छठ व्रतियों से बात करते। पूजा समिति से बात करते। उन्होंने ऐसा नहीं किया।
यदि उन्हें जेसीबी चलाकर घाट ही तैयार करना था, तो इतने सारे पार्क दिल्ली सरकार के अन्तर्गत हैं। किसी भी पार्क में वे एक घाट जेसीबी से तैयार करा सकते थे। उन्होंने ऐसा भी नहीं किया। ऐसा लगता है कि वे पूजा में विध्न ही उत्पन्न करना चाहते थे और वे अपने इस उद्देश्य में सफल रहे।
प्रदूषित यमुना की जिस तरह की तस्वीर 8 नवंबर की सुबह से सामने आ रही है, वह दिल्ली की छठव्रतियों को लेकर चिन्ता बढ़ाने वाली है। दिल्ली की यमुना प्रदूषण की भेंट चढ़ गई है। उसकी सफाई को लेकर दिल्ली सरकार की उदासीनता शर्मनाक है। अब केजरीवाल की पोल खुल गई है। वे इसीलिए नहीं चाहते थे कि दिल्ली में छठ पूजा हो क्योंकि इस तरह उनका झूठ देश के सामने आ जाएगा। फिर वे पंजाब से लेकर गोवा तक के लोगों को मूर्ख कैसे बनाएंगे ?
अब तो पूरे देश के सामने केजरीवाल की सरकार एक्सपोज हो चुकी है। छठ पूजा रुकवा नहीं पाए, अब अपनी असफलता को छुपाने के लिए वे छठ के नाम पर कुछ दूसरे विवाद खड़े करना चाहते हैं, जिससे आम आदमी का ध्यान दिल्ली सरकार की नाकामियों से भटकाया जा सके।
टिप्पणियाँ