कोरोना की महामारी ने पूरी दुनिया को करीब दो साल से हिला रखा है। अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि इस बीमारी का वायरस आया कहां से है। वैक्सीन के अलावा इससे बचने का और कोई तरीका भी फिलहाल नहीं है। लेकिन एक शोध में इसकी चपेट में आकर जान गंवाने वालों के आंकड़े हैरान करने वाले हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार, गत दो साल की अवधि में इस बीमारी ने विभिन्न देशों में लाखों लोगों की जान ली है। शोध का दावा है कि करीब 50 लाख लोग इसकी चपेट में आकर अकाल मौत के शिकार हुए हैं।
पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो के अनुसार, 1950 से लेकर अब तक जितने भी युद्ध हुए हैं उनमें करीब इतने ही लोग मारे गए हैं। कोरोना वायरस की बीमारी दिल के दौरे व दिमाग में नस फटने के बाद मौत की तीसरी बड़ी वजह बनी चुकी है। दो वर्ष से भी कम वक्त के अंदर इस बीमारी ने गरीब देशों को ही नहीं, बल्कि विकसित और अमीर देशों को भी बड़ी चोट पहुंचाई है।
इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन तथा ब्राजील जैसे देश आते हैं जिनमें प्रति व्यक्ति आय काफी ज्यादा है। दुनिया की आबादी का आठवां हिस्सा इन्हीं देशों में रहता है। पर विडम्बना यह है कि कोरोना वायरस से मरने वालों में से आधे इन्हीं देशों से हैं। शोध के आंकड़ों के हिसाब से अमेरिका में करीब 7.40 लाख लोगों ने जान गंवाई है जो दुनिया में अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। मरने वालों के संदर्भ में ये आंकड़े जान हापकिंस विश्वविद्यालय ने एकत्र किए हैं।
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