आखिरकार बांग्लादेश के रंगपुर में दुर्गा पूजा उत्सव को मजहबी उन्माद की आग में झोंकने मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उन्होंने ही फेसबुक पर भड़काने वाली पोस्ट डालकर हिन्दुओं के दुर्गा पूजा पंडालों को हिंसा का केन्द्र बनाया था।
मुख्य संदिग्ध शैकत मंडल ने पुलिस की पूछताछ में कबूला है कि वही सोशल मीडिया पर मजहबी उन्माद फैलाने का जिम्मेदार है। बांग्लादेश की एक स्थानीय अदालत के एक सूत्र ने उसके कबूलनामे का खुलासा किया है।
अदालत के उस सूत्र के अनुसार, शैकत मंडल ने 24 अक्तूबर को स्थानीय दंडाधिकारी के सामने माना है कि उसकी ही फेसबुक पोस्ट से 17 अक्तूबर को दुर्गा पूजा उत्सव के बीच पीरगंज उप-जिला में रंगपुर नामक स्थान पर हिंसा भड़की थी। मंडल के एक और साथी 36 साल के रबीउल इस्लाम ने इसमें उसका सहयोग किया था।
रबीउल एक मौलवी है। उसके विरुद्ध भी आगजनी व लूटपाट के आरोप लगे हैं। शैकत मंडल और रबीउल इस्लाम ने रंगपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट देलवर हुसैन के सामने अपना अपराध स्वीकार किया है।
गत 22 अक्तूबर को पुलिस ने उन्हें गाजीपुर इलाके से पकड़ा था। उनके विरुद्ध डिजिटल सुरक्षा कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। रंगपुर मंडल में कारमाइकल कॉलेज का छात्र है। पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के बाद उसे अवामी लीग की छात्र इकाई छात्र लीग से बाहर किया जा चुका है।
शैकत मंडल ने 24 अक्तूबर को स्थानीय दंडाधिकारी के सामने माना है कि उसकी ही फेसबुक पोस्ट से 17 अक्तूबर को दुर्गा पूजा उत्सव के बीच पीरगंज उप-जिला में रंगपुर नामक स्थान पर हिंसा भड़की थी। मंडल के एक और साथी 36 साल के रबीउल इस्लाम ने इसमें उसका सहयोग किया था।
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