पाकिस्तान में बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में कल शाम एक जबरदस्त बम धमाका हुआ। शहर में सरियाब रोड पर स्थित बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के निकट हुए इस धमाके में अभी तक एक आदमी के मारे जाने तथा पांच पुलिसकर्मियों सहित करीब 17 लोगों के घायल होने की खबर मिली है।
बलूचिस्तान में बार—बार हो रहे बम धमाकों की कड़ी में हुए इस एक और धमाके ने पाकिस्तानी हुकूमत में खलबली पैदा कर दी है। इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है क्योंकि यह धमाका राजधानी क्वेटा में बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के एकदम नजदीक सरियाब रोड पर उस जगह किया गया जहां एक पुलिस की गाड़ी खड़ी थी। इस जबरदस्त बम धमाके की खबर मिलते ही पुलिस और अन्य सुरक्षा बल मौके पर पहुंचकर मामले को संभालने और घायलों को अस्पताल ले जाने में जुट गए। इलाके की घेराबंदी करके घटना की जांच शुरू कर दी गई है। इधर मीडिया में आई खबरों के अनुसार, धमाके की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली है।
इससे पूर्व गत 25 सितंबर को भी बलूचिस्तान के हरनाई जिले में खोसाट में बम धमाका किया गया था। यह धमाका फ्रंटियर फोर्स की गाड़ी को निशाना बनाकर किया गया था जिसमें सुरक्षाकर्मी जा रहे थे। उस घटना में चार जवानों की मौत हुई थी तथा दो अन्य घायल हुए थे। उस धमाके की जिम्मेदारी भी प्रतिबंधित गुट बलोच लिबरेशन आर्मी ने ही ली थी।
यह बम धमाका राजधानी क्वेटा में बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के एकदम नजदीक सरियाब रोड पर उस जगह किया गया जहां एक पुलिस की गाड़ी खड़ी थी। इस जबरदस्त बम धमाके की खबर मिलते ही पुलिस और अन्य सुरक्षा बल मौके पर पहुंचकर मामले को संभालने और घायलों को अस्पताल ले जाने में जुट गए। इलाके की घेराबंदी करके घटना की जांच शुरू कर दी गई है। इधर मीडिया में आई खबरों के अनुसार, धमाके की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली है।
पिछले कुछ वक्त से बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। बताते हैं, वह पाकिस्तान द्वारा बलूचों पर ढाए जा रहे अत्याचारों और दमन के विरोध में ऐसी कार्रवाइयां कर रही है। बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी फौज बलूच युवकों पर जुल्म ढाती आ रही है। वहां जबरदस्त बेरोजगारी है। कितने ही बलूच युवक 'लापता' हैं, महिलाओं के साथ खुलेआम दुर्व्यवहार किया जाता है, विरोध में उठनी वाली आवाजों को पाकिस्तानी फौज सख्ती से कुचलती आई है। इस्लामाबाद ऐसे तमाम आरोपों से इनकार ही करता आया है। बलूच अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसके खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरान उनसे सौतेला व्यवहार ही करते आए हैं। बलूच नेताओं का आरोप है कि पाकिस्तान उन्हें गुलाम बनाए हुए है और उन पर जबरन कब्जा किए हुए है। बलूचिस्तान से लगातार आजादी की मांग उठती रही है।
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