बांग्लादेश में इस बार की दुर्गापूजा पर जिहादी साया साफ देखा गया है। जगह जगह पंडालों पर हमले किए गए हैं, मां दुर्गा की प्रतिमाओं को तोड़ा गया है, पूजा करने आईं महिलाओं से दुर्व्यवहार किया गया है। पंडालों के आसपास हिंसा की गई है। इस सबके पीछे कट्टरपंथी जमाते इस्लामी का हाथ बताया जा रहा है। हिन्दुओं से नफरत के अलावा इस कट्टरपंथी जमात का मकसद शेख हसीना की सरकार को बदनाम करना भी एक उद्देश्य बताया जा रहा है। हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं। इन हिंसक घटनाओं के प्रभाव में शिल्पारा, कॉक्स बाजार के करीब 150 परिवार आए हैं। नोआखली में हटिया नामक स्थान पर काफी तोड़फोड़ की गई है। नगर निगम काली मंदिर में प्रतिमाएं तोड़ दी गईं। हिंसा में चांदपुर में दो लोगों की मौत होने के समाचार मिले हैं।
इस बार इस इस्लामिक देश में नवरात्रि पर मां दुर्गा की आराधना में डाली गई अड़चन कोई पूर्वनियोजित षड्यंत्र मालूम देती है क्योंकि देश के अलग-अलग हिस्सों से पूजा पंडालों पर हुए हमले इसी और इशारा करते हैं कि देश में बचे-खुचे हिन्दुओं को ऐसा डराया जाए कि ये भी यहां से पलायन कर जाएं। लेकिन तमाम नफरती माहौल के बीच भी हिन्दुओं ने हर बार की तरह इस बार भी पूरी धूमधाम से यह त्योहार मनाने का निश्चय किया था। लेकिन ज्यादातर जगहों पर वे शांति से अपना सबसे महत्वपूर्ण त्योहार नहीं मना पाए। मजहबी उन्मादियों ने एक साजिश के तहत फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल की और उसकी आड़ में इस्लामी चरमपंथी दुर्गा पंडालों और श्रद्धालुओं पर टूट पड़े।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, 13 अक्तूबर की रात को वह शरारती पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल की गई जिसका कथित आशय था कि 'हिंदुओं द्वारा कुरान का अपमान किया गया है'। फिर क्या था, पहले से ही तैयार बैठे इस्लामी कट्टरपंथी दुर्गा पंडालों पर हथियार लेकर टूट पड़े। उधर कमिला महानगर पूजा उत्सव समिति के महासचिव श्री शिबू प्रसाद दत्ता ने कुरान का अपमान किए जाने की घटना होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि जब भोर में पहरेदार सो रहा था तो उस दौरान किसी ने जानबूझकर नानुआ दिघीरपार के एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान की प्रति रख दी थी।
जिले के एक सरकारी अफसर ने इस बात की पुष्टि की और कहा, “कुछ शरारती तत्वों ने वहां कुरान रखने के बाद उसकी फोटो खींचीं और भाग निकले। देखते ही देखते फेसबुक पर वे तस्वीरें डालकर उन्माद भड़काया जाने लगा''। उस अफसर ने कहा है कि इस शरारत में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमाते-इस्लामी के तत्वों का हाथ होने का शक है। फेसबुक पोस्ट से भड़के उन्माद के बीच चांदपुर के हाजीगंज, चट्टग्राम के बंशखाली, चपैनवाबगंज के शिबगंज और कॉक्स बाजार के पेकुआ में मंदिरों पर हमला किया गया, श्रद्धालुओं से मारपीट की गई। बताते हैं, इस हिंसक झड़प तीन हिंदुओं की मौत हुई है।
दुर्गा पूजा पर की गई हिंसा पर बांग्लादेश के हिन्दुओं और हिन्दू संगठनों ने सोशल मीडिया और ट्विटर पर अपना आक्रोष व्यक्त किया है। उन्होंने इस्लामी मजहबी उन्मादियों की बर्बरता की तस्वीरें साझा की हैं। हिंदुओं पर हमले के वीडियो साझा किए गए हैं।
न्यूज पोर्टल ‘हिंदू वॉयस’ ने भी इस्लामी जिहादियों द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा को नदी में फेंके जाने का एक वीडियो साझा किया। पोर्टल ने ट्वीट में लिखा, “मुसलमानों की भीड़ ने बांग्लादेश के कोमिला में 9 दुर्गा पंडालों और प्रतिमाओं को तोड़ दिया है। आज सुबह सैकड़ों मजहबी उन्मादियों ने हमला किया, जो अब भी जारी है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हिंदू डरे हुए हैं। पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई है।'' एक सोशल मीडिया हैंडल से चटगांव जिले के दुर्गा पंडाल में हिंसक तोड़फोड़ की फोटो साझा की गई हैं। बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने ट्वीट में लिखा, “कोमिला में हिंदुओं को होशियार रहने का निर्देश दिया जा रहा है। एक साथ मंदिर में रहो। हम बांग्लादेश पुलिस से नानुआ दिघीरपार इलाके में मदद की अपील कर रहे हैं।” परिषद ने लिखा, “बांग्लादेश के इतिहास में एक निंदनीय दिन। अष्टमी के दिन प्रतिमा विसर्जन के वक्त कई पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू अब पूजा मंडपों की चौकसी कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया खामोश है।”
देश के टेलीकॉम मंत्री मुस्तफा जब्बार का कहना है कि 'फेसबुक पोस्ट और वीडियो को साइट से तुरंत हटाने के कदम उठाए गए हैं। हमने 100 से ज्यादा फेसबुक लिंक को हटाने का अनुरोध किया है।' इस घटना पर अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने भरोसा दिया है कि घटना के दोषी जो भी, जिस भी राजनीतिक पार्टी के होंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। कादर ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मजहबी हमलों और इस तरह का दुष्प्रचार करने वाले दोषियों को पहचानकर दंडित करने का आदेश दिया है।
एक अन्य ट्वीट में परिषद ने लिखा है, “बांग्लादेश में हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों? बांग्लादेश में हिंदू जन्म से रहते हैं। 1971 में जान देने वालों में ज्यादातर हिंदू थे। बांग्लादेश के हिंदू, मुसलमानों को अपना भाई मानते है। 90 प्रतिशत मुसलमानों के लिए 8 प्रतिशत हिंदू समस्या कैसे हो सकते हैं?”
प्रशासन आया हरकत में बांग्लादेश के पांथिक मामलों के मंत्रालय द्वारा एक सूचना जारी की गई है कि वह कुमिला में दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान मिलने की खबर पता लगने पर सतर्क थे'। देश के टेलीकॉम मंत्री मुस्तफा जब्बार का कहना है कि 'फेसबुक पोस्ट और वीडियो को साइट से तुरंत हटाने के कदम उठाए गए हैं। हमने 100 से ज्यादा फेसबुक लिंक को हटाने का अनुरोध किया है।' इस घटना पर अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने भरोसा दिया है कि घटना के दोषी जो भी, जिस भी राजनीतिक पार्टी के होंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। कादर ने बताया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मजहबी हमलों और इस तरह का दुष्प्रचार करने वाले दोषियों को पहचानकर दंडित करने का आदेश दिया है।
इधर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस घटना पर कहा है, "बांग्लादेश में धार्मिक आयोजनों पर हमलों की कुछ रिपोर्ट हमारे देखने में आई हैं। पता चला है कि बांग्लादेश सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। बांग्लादेश में दुर्गा पूजा समारोह जारी है। हमारा उच्चायोग संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है।
अधिकारी ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, शीघ्र उचित कदम उठाने का किया आग्रह
पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया है और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की है। अपने पत्र में भाजपा नेता अधिकारी ने लिखा है, “आदरणीय महोदय, मैँ आपका ध्यान बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में मूर्तियों को तोड़ने की ओर दिलाना चाहता हूं। बांग्लादेश की बदनाम कट्टरपंथी ताकतें वहां के सनातनी समुदाय पर हमले करने की आदी हो गई हैं। इस बार कट्टरपंथी ताकतों ने पंडालों और कई मंदिरों को निशाना बनाया है। बांग्लादेश में रहने वाले सनातनी लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है। आपसे आग्रह है कि बांग्लादेश के सनातनी समुदाय को राहत दिलाने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाएं।''
एक ट्वीट करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने लिखा, “बांग्लादेश के कोमिला जिले, कॉक्स बाजार तथा नोआखली में मंदिरों और पूजा पंडालों में तोड़फोड़। सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई गईं ‘साजिशी अफवाहें’ निराशाजनक हैं। जानबूझकर मां दुर्गा की मूर्तियों को खंडित करना सनातनी बंगाली समुदाय पर एक सुनियोजित हमला है।”
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