भुवनेश्वर । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगातार लगाए जा रहे आरोपों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कनाडा कभी भी भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं करता है, बल्कि अपने यहां होने वाले अपराधों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराता है।
जयशंकर ने कहा, “मैंने अभी हाल में देखा कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे स्पष्ट रूप से किसी प्रकार के गिरोह पृष्ठभूमि वाले भारतीय हैं। हम कनाडा की पुलिस से उनके बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर कनाडा के पास कोई ठोस सबूत है, तो उसे भारत के साथ साझा करना चाहिए। “कनाडा ने हमें कभी भी ऐसा कुछ नहीं दिया है जिससे भारत सरकार की संलिप्तता का प्रमाण हो”।
जयशंकर ने कनाडा की सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपनी सीमाओं के भीतर अपराधियों को काम करने की अनुमति देती है, उन्हें वीजा और राजनीतिक शरण प्रदान करती है। उन्होंने कनाडाई सरकार से ऐसे मामलों में अधिक पारदर्शिता और सबूत की मांग की। विदेश मंत्री ने यह भी दावा किया कि भारत ने 25 खालिस्तानी कार्यकर्ताओं का विवरण कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया है और उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
जयशंकर ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कनाडा में हो रही बहस को वहां की आंतरिक राजनीति का परिणाम बताया और कहा कि इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत की आलोचना इसलिए कर रहे हैं क्योंकि खालिस्तान समर्थकों का एक वर्ग कनाडा के लोकतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है और वहां एक प्रभावशाली वोट बैंक बन गया है।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि “वैश्विक स्तर पर भारत की छवि अब पहले की तुलना में बहुत बेहतर है। कनाडा एक अपवाद है। आपने देखा है कि विभिन्न देशों के नेता, भारत और उसके प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हैं।” जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि “विकसित भारत” के निर्माण के लिए एक मजबूत और सक्रिय नेता की आवश्यकता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में अग्रणी हैं।
इन बयानों के साथ, जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और कनाडा के साथ संबंधों में सुधार के लिए ठोस सबूतों और पारदर्शिता की आवश्यकता है।
टिप्पणियाँ