आज भारत 100 करोड़ लोगों के टीकाकरण का आंकड़ा छूने वाला है
आखिरकार सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, तीस से ज्यादा देशों ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्य करने का फैसला कर लिया है। अब इन देशों में भारत का कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट होने पर कोई आपत्ति नहीं की जाएगी। लेकिन कुछ देश हैं जिनके यात्रियों को भारत आने पर कोरोना की जांच कराने के साथ ही तमाम नियमों का पालन करना होगा। इन देशों में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, बांग्लादेश तथा चीन शामिल हैं।
जिन 30 से ज्यादा देशों ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने का फैसला किया है उनमें ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, बेलारूस, नेपाल, बेलारूस, आर्मीनिया, लेबनान, बेल्जियम, यूक्रेन, सर्बिया और हंगरी शामिल हैं। ये देश भारत के साथ एक-दूसरे के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने को लेकर तैयार हैं। लेकिन ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, बांग्लादेश तथा चीन आदि कुछ देशों के कोरोना वैक्सीन सर्टीफिकेट भारत में मान्य नहीं हैं, इसलिए इन देशों से आने वाले यात्रियों को भारत पहुंचकर नियमों का पालन करने के साथ ही, कोरोना की जांच भी करानी होगी।
जिन 30 से ज्यादा देशों ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने का फैसला किया है उनमें ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, बेलारूस, नेपाल, बेलारूस, आर्मीनिया, लेबनान, बेल्जियम, यूक्रेन, सर्बिया और हंगरी शामिल हैं। ये देश भारत के साथ एक-दूसरे के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने को लेकर तैयार हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट कर जानकारी दी है कि 'कोविड-19 वैक्सीन प्रमाणपत्र को आपस में मान्य करने को लेकर शुरुआत हुई है। भारत तथा हंगरी आपस में कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्य करने के लिए राजी हो गई हैं। इससे शिक्षा, कारोबार, पर्यटन तथा अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।'
भारत में कोरोना वायरस के विरुद्ध टीकाकरण अभियान लगातार कामयाबी पा रहा है। आज भारत 100 करोड़ लोगों के टीकाकरण का आंकड़ा छूने वाला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दो दिन पहले के आंकड़े बताते हैं कि देश में 96 करोड़ से ज्यादा कोरोना रोधी टीके लगाए जा चुके हैं। भारत सरकार अपनी जरूरतें पूरी होने के बाद टीके दूसरे देशों को उपलब्ध कराने पर अपनी सहमति जता चुकी है।
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