अमेरिकी कंपनी के अनुसार, भारत के कई प्रतिष्ठानों पर ये साइबर हमले संभवत: भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव से जुड़े हों। कंपनी ने इसी साल फरवरी और अगस्त के बीच एक मीडिया कंपनी को दिए गए चार आइपी पतों की जांच की थी जिसमें कई चीजें सामने आई थीं
अमेरिका की एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने एक हैरान करने वाला दावा किया है कि अगस्त 2021 की शुरुआत में दर्ज किए आंकड़ों से पता चला है कि साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में चीनी हैकरों ने भारतीय प्रतिष्ठानों तथा कंपनियों को निशाना बनाने के लिए अपनी हरकतें 261 प्रतिशत बढ़ा दी हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अमेरिकी निजी साइबर सुरक्षा कंपनी का यह खुलासा भारत और चीन के बची तनावपूर्ण चल रहे रिश्तों में और खटास ला सकता है।
22 सितम्बर को अमेरिकी कंपनी ने बताया कि उसे ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे साफ होता है कि संभवत: सरकार की शह पर चीन की एक हैकर कंपनी ने कुछ भारतीय मीडिया समूहों व सरकारी विभागों को हैक किया है।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स की कंपनी रिकार्डेड फ्यूचर के तहत काम कर रही साइबर सुरक्षा कंपनी 'इनसिक्ट ग्रुप' का कहना है कि चीन के हैकरों ने भारत में हैकिंग के लिए 'विन्नटी मालवेयर' इस्तेमाल किया है। फिलहाल इस समूह को अस्थायी नाम दिया गया है टीएजी-28. उल्लेखनीय है कि विन्नटी मालवेयर चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित कई चीनी समूहों को खासतौर पर दिया गया है। लेकिन हमेशा से यही देखने में आया है कि चीन के अधिकारी ऐसी किसी भी हैकिंग की हरकत से साफ मुकरते रहे हैं।
साइबर सुरक्षा कंपनी 'इनसिक्ट ग्रुप' का कहना है कि चीन के हैकरों ने भारत में हैकिंग के लिए 'विन्नटी मालवेयर' इस्तेमाल किया है। फिलहाल इस समूह को अस्थायी नाम दिया गया है टीएजी-28. उल्लेखनीय है कि विन्नटी मालवेयर चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित कई चीनी समूहों को खासतौर पर दिया गया है। लेकिन हमेशा से यही देखने में आया है कि चीन के अधिकारी ऐसी किसी भी हैकिंग की हरकत से साफ मुकरते रहे हैं।
इनसिक्ट ग्रुप ने अपनी रपट में साफ बताया है कि हो सकता है, साइबर हमले भारत—चीन सीमा पर जारी तनाव से जुड़े हों। कंपनी ने इसी साल फरवरी और अगस्त के बीच दो विन्नटी सर्वरों के साथ एक मीडिया कंपनी को दिए गए चार आइपी पतों की जांच की थी जिसमें कई चीजें सामने आईं। इसी तरह एक मुंबई की एक निजी कंपनी के नेटवर्क से लगभग 500 मेगाबाइट डाटा खंगाला गया था। उधर मध्य प्रदेश के पुलिस विभाग से पांच मेगाबाइट डाटा निकाला गया। जून 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद के चरम पर पहुंचने के बाद पूरे देश की भावना से तालमेल बैठाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया था।
अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी इनसिक्ट ग्रुप का कहना है कि जून और जुलाई 2021 में उसने भारत की विशेष पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) में भी हैकिंग पकड़ी थी। उसके अनुसार, करीब 10 मेगाबाइट डाटा डाउनलोड किया गया था और 30 मेगाबाइट डाटा अपलोड हुआ था। हैरानी की बात है कि इस कंपनी को यूआइडीएआइ ने उसे ऐसी कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है।
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