भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी. रमना ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के नौ न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। इनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, न्यायमूर्ति चुडालायिल थेवन रविकुमार, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला मधुर्या त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पामिघनतम श्री नरसिम्हा हैं। सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार नौ न्यायाधीशों ने एक बार में पद की शपथ ली है।
कोविड-19 दिशानिर्देशों के मद्देनजर शपथग्रहण समारोह का आयोजन सभागार में किया गया। परंपरागत रूप से नए न्यायाधीशों को शपथ कोर्ट रूम नंबर-1 में दिलाई जाती है, जिसकी अध्यक्षता सीजेआई करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 अगस्त, 2021 को शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नति के लिए नौ नामों की सिफारिश की थी। इनमें तीन महिला न्यायाधीशों के नाम थे। कॉलेजियम की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ने 26 अगस्त, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय में नौ न्यायाधीशों की नियुक्ति की है।
बहुत कुछ पहली बार
शीर्ष अदालत के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एक साथ नौ न्यायाधीशों ने शपथ ली। साथ ही, पहली बार शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में किया गया। अन्यथा नए न्यायाधीशों को पद की शपथ सीजेआई के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है। नौ नए न्यायाधीशों के शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में सीजेआई सहित न्यायाधीशों की संख्या 24 से बढ़कर 33 हो गई है। शीर्ष अदालत में सीजेआई सहित सहित कुल 34 न्यायाधीश हो सकते हैं। शपथ लेने वाले नौ न्यायाधीश अलग-अलग राज्यों से संबंधित हैं।
शपथ लेने वाले नौ न्यायाधीशों में तीन महिलाएं हैं, जिनमें न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी शामिल हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में सीजेआई बनने की कतार में हैं। यह पहली बार हुआ है कि न्यायमूर्ति नागरत्ना के शपथ लेते ही देश को पहली महिला सीजेआई भी मिलेगी। हालांकि उनका कार्यकाल मात्र 36 दिनों का होगा। वे कर्नाटक बार काउंसिल से पदोन्नत होने वाली पहली महिला हैं। कर्नाटक में लंबे समय तक सेवाएं देने वाली पहली महिला न्यायाधीश हैं। साथ ही, कर्नाटक की पहली महिला हैं, जो शीर्ष अदालत तक पहुंची हैं। इसके अलावा, यह भी पहली बार हुआ है जब सर्वोच्च न्यायालय में चार महिला न्यायाधीश काम करेंगी। यही नहीं, यह भी पहली बार होगा कि पिता-पुत्री शीर्ष अदालत के न्यायाधीश बनेंगे। न्यायमूर्ति नागरत्ना के पिता न्यायमूर्ति ई.एस. वेंकट रमैया सीजेआई रह चुके हैं।
टिप्पणियाँ