रिंकू शर्मा की पीठ में घोंपा गया खंजर पराजित मानसिकता का है प्रमाण
December 2, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम भारत

रिंकू शर्मा की पीठ में घोंपा गया खंजर पराजित मानसिकता का है प्रमाण

by WEB DESK
Feb 15, 2021, 01:55 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राममंदिर के लिए शुरू हुए चंदा संग्रह अभियान के दौरान देश के कई हिस्सों में शोभायात्राओं पर पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं। यहां तक कि दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में दो दर्जन से भी अधिक हथियारबंद दंगाइयों ने रिंकू शर्मा नामक युवक की निर्मम हत्या कर दी। पुलिस इसका कारण पुरानी रंजिश बता रही है परंतु पीड़ित परिवार का कहना है कि रिंकू से पड़ोस में रहने कट्टरपंथी खफा थे क्योंकि वह राममंदिर के चंदा संग्रह अभियान से जुड़ा था।

 विगत दिनों में श्रीराम मंदिर के लिए चंदा जुटा रहे लोगों पर हमले और गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बीच क्या समानता है? प्रश्न का उत्तर खोजेंगे तो पाएंगे कि दोनों तरह की हिंसा पराजित मानसिकता से उपजी दिख रही है। शायद पहली तरह की हिंसा करने वाले लोग राममंदिर निर्माण को और दूसरे लोग कथित किसान आंदोलन की असफलता को अपनी पराजय के रूप में देखते हैं। असहिष्णु मनों में पराजय की भावना या तो कुंठा पैदा करती है या हिंसा। एक स्वस्थ लोकतंत्र में इस तरह की मानसिकता के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। कुंठित व हिंसक मन न तो लोकतंत्र के, न ही समाज के और न ही स्वयं के लिए शुभ लक्षण है।
राममंदिर के लिए शुरू हुए चंदा संग्रह अभियान के दौरान देश के कई हिस्सों में शोभायात्राओं पर पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं। यहां तक कि दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में दो दर्जन से भी अधिक हथियारबंद दंगाइयों ने रिंकू शर्मा नामक युवक की निर्मम हत्या कर दी। पुलिस इसका कारण पुरानी रंजिश बता रही है परंतु पीड़ित परिवार का कहना है कि रिंकू से पड़ोस में रहने कट्टरपंथी खफा थे क्योंकि वह राममंदिर के चंदा संग्रह अभियान से जुड़ा था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदियों से चले आ रहे राममंदिर प्रकरण को विभाजनकारी राजनीति ने समाज के दो वर्गों की अस्मिता से जोड़ दिया। ऐतिहासिक तथ्यों, विधिसम्मत दस्तावेजों को नजरंदाज कर एक वर्ग को निरंतर यह घुटि पिलाई जाती रही कि अयोध्या में मंदिर निर्माण का अर्थ इस वर्ग की पराजय होगी। इस घुटि में आंशिक भी सचाई होती तो पराजित मानसिकता का कारण समझ आ सकता था, परंतु इसमें केवल और केवल झूठ का जहर था। इस तरह की राजनीति करने वालों ने इतना झूठ फैलाया, इतने षड्यंत्र और प्रपंच किए कि इस वर्ग को झूठ भी सच लगने लगा कि यहां कभी राममंदिर था ही नहीं, बहुसंख्यक समाज उन पर मंदिर थोंप रहा है। हालांकि राममंदिर विवाद में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने समाज से अपील की थी कि कोई भी वर्ग इस फैसले को अपनी जय या पराजय के साथ न जोड़े। परंतु एक वर्ग तब तक झूठ का इतना जहर निगल चुका था कि उसे पचाना संभव न था। इसीलिए उसने मंदिर निर्माण को अपनी पराजय माना। उस समय तो यह मानसिकता खामोश रही, परंतु अब हिंसा करती दिख रही है। तभी तो चंदा जुटाते रामभक्तों के रूप में इन्हें अपनी पराजय दिखाई देती और जय श्रीराम के नारे गर्म तेल के छींटों की तरह महसूस होते हैं। रिंकू शर्मा की पीठ में गहरे से घोंपा गया खंजर प्रमाण है कि पराजित मानसिकता में कितनी घृणा भरी है।
असल में रिंकू शर्मा के रूप में खंजर लोकतांत्रिक व्यवस्था की पीठ में घोंपा गया है। लोकतंत्र में हर कार्य कानून सम्मत व तथ्यों के आधार पर ही संपन्न होते हैं न कि निजी या सामूहिक जिद के अनुरूप। लेकिन देश में पिछले सात दशकों से पंथनिरपेक्षता के नाम पर जो तुष्टीकरण का बोलबाला रहा, उसने संविधान से अधिक जिद को प्राथमिकता दी। शाहबानो केस में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को ही संसद में बदला गया, तीन तलाक से पीड़ित बच्चियों की चितकार को अनसुना किया जाता रहा, कट्टरपंथियों की मिजाजपुर्सी राजनीतिक कुर्सी की गारंटी बना दी गई। तुष्टीकरण की राजनीति इतनी बेशर्मी पर उतर आई कि इन्हें आतंकवाद में भी ‘मानववाद’ दिखाई देने लगा। इसी से एक वर्ग को लगने लगा कि अयोध्या में ढांचा वाले स्थान पर मंदिर तो उनके लिए कयामत के समान है। शायद इसी काल्पनिक कयामत से भयभीत और पराजित मानसिकता से पीड़ित हो, यह वर्ग आज हिंसा पर उतर आया लगता है।
देश ने पराजित मानसिकता की हिंसा का एक उदाहरण कथित किसान आंदोलन के दौरान भी देखा। किसानों के नाम पर एक स्वघोषित आंदोलन तूफान की भांति गर्जन-तर्जन करता, फुंकारते हुए सब कुछ तहस-नहस कर आगे बढ़ता हुआ इस अहंकार में था कि उसकी जीत निश्चित है। परंतु पवित्रता के अभाव में अपना नियंत्रण खो बैठा। अपनी बात न बनती देख अधीर हो गया और पराजित मानसिकता से पीड़ित हो देश के गणतंत्र को भी लहूलुहान कर गया।
लोकनायक किसान नेता चौधरी देवीलाल कहा करते थे कि ‘लोकराज’ ‘लोकलाज’ से चलता है। लोकलाज केवल सत्ताधारियों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी जरूरी है। कानून, दण्ड व न्यायालय की तो अपराधियों के लिए आवश्यकता पड़ती है परंतु स•य समाज के लिए लोकलाज ही पर्याप्त है। कानून की व्यवस्था स्थापित करने में भी लोकलाज सबसे अहम है क्योंकि अगर पूरा समाज ही कानून के उल्लंघन पर उतर आए तो शासन को भी उस स्थिति पर नियंत्रण पाना कठिन हो जाता है। आज भी रामराज्य को भारतीय शासन व्यवस्था का आदर्श इसीलिए माना जाता है क्योंकि इसमें लोकलाज दण्ड व्यवस्था पर भारी थी।
जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया है, परंतु दुर्भाग्य है कि आजादी के सात दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी हम अपने समाज को लोकतांत्रिक भावना से परिपूर्ण नहीं कर पाए हैं। तभी तो हम हर विषय को अपनी या खास वर्ग की जय-पराजय से जोड़ते हैं और अपनी अपेक्षा अनुरूप काम न होने पर हिंसा या कुंठा का सहारा लेते हैं। अगर ऐसा न होता तो, न तो राममंदिर निर्माण को एक वर्ग अपनी पराजय के रूप में देखता और न ही लाल किले का चीरहरण होता। लोकतांत्रिक प्रणाली में अपनी बात रखने, अपने अधिकार मांगने, उसके लिए संघर्ष करने का सभी को अधिकार है परंतु यह कानून सम्मत होना चाहिए और कानून का निर्णय सभी को स्वीकार होना चाहिए। देश को फिर से बताने की जरूरत है कि सर्वोच्च अदालत के आदेश पर आज रामंदिर बन रहा है जिसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। जय-पराजय की भावना से उठ कर प्रयास करें कि राममंदिर समाज को जोड़ने का माध्यम बने न कि तनाव का।

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

Earthquake in Maharashtra: महाराष्ट्र के तीन जिलों में भूकंप के झटके, किसी के हताहत होने की नहीं मिली जानकारी

फिलीपींस के मिडानाओ में 7.4 की तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट

प्रतीकात्मक चित्र।

Ghaziabad: जन्म-मृत्यु और कोविड प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मोहम्मद साहिल, जुबेर और रियाजुद्दीन गिरफ्तार

कोयम्बटूर और मंगलुरू ब्लास्ट मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारा छापा

एनआईए का चार राज्यों में छापा, करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, नकली मुद्रा जब्त

Joe Biden Visit India: 4 दिवसीय भारत दौरे पर सितंबर में आएंगे जो बाइडेन, G20 समिट में लेंगे हिस्सा

चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी को लेकर अमेरिका चिंतित, चीन की यात्रा पर पाबंदी लगाने की उठी मांग

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Earthquake in Maharashtra: महाराष्ट्र के तीन जिलों में भूकंप के झटके, किसी के हताहत होने की नहीं मिली जानकारी

फिलीपींस के मिडानाओ में 7.4 की तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट

प्रतीकात्मक चित्र।

Ghaziabad: जन्म-मृत्यु और कोविड प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मोहम्मद साहिल, जुबेर और रियाजुद्दीन गिरफ्तार

कोयम्बटूर और मंगलुरू ब्लास्ट मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारा छापा

एनआईए का चार राज्यों में छापा, करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, नकली मुद्रा जब्त

Joe Biden Visit India: 4 दिवसीय भारत दौरे पर सितंबर में आएंगे जो बाइडेन, G20 समिट में लेंगे हिस्सा

चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी को लेकर अमेरिका चिंतित, चीन की यात्रा पर पाबंदी लगाने की उठी मांग

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

मध्यप्रदेश शांति का टापू, तनाव फैलाने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : नरोत्तम मिश्रा

MP Assembly Election Results : नरोत्तम मिश्रा का कांग्रेस पर हमला, कहा- कल के बाद EVM पर भी सवाल खड़े होंगे

कथित प्राइड परेड में हिंदुत्व से आजादी के नारे, लेकिन ईरान, फिलिस्तीन जैसे देशों में समलैंगिकों की हत्याओं पर चुप्पी?

कथित प्राइड परेड में हिंदुत्व से आजादी के नारे, लेकिन ईरान, फिलिस्तीन जैसे देशों में समलैंगिकों की हत्याओं पर चुप्पी?

‘ज्यादा बच्चे पैदा करो, परिवार बड़े करो’, पुतिन का रूसियों से आह्वान

‘ज्यादा बच्चे पैदा करो, परिवार बड़े करो’, पुतिन का रूसियों से आह्वान

आप सांसद संजय सिंह को मानहानि का नोटिस

दिल्ली आबकारी नीति मामला : ED ने संजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में पेश की चार्जशीट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies