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प्रोजेरिया एक लाइलाज बीमारी है। एक रपट के अनुसार दुनिया में अब तक प्रोजेरिया के सिर्फ 86 मरीज हैं। इलाहाबाद का रूपेश इस बीमारी से पीड़ित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उसके इलाज में प्रशासन हर तरह की मदद कर रहा है
सुनील राय
बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की यादगार फिल्म ‘पा’ के उस अनोखे बच्चे ‘ओरो’ का दर्द तो सभी को याद होगा, जो प्रोजेरिया नामक बीमारी से ग्रसित था। प्रोजेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके दुनिया में अब तक केवल 86 मरीज मिले हैं। इस लाइलाज बीमारी से ग्रसित पहला बच्चा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जनपद में मिला है। इस बच्चे का नाम है रूपेश। उसकी उम्र 21 साल है, पर वह 100 वर्ष के वृद्ध की तरह लगता है। रूपेश के इलाज के लिए उसके गरीब माता-पिता महीनों तक दर-दर की ठोकरें खाते रहे। उन्होंने छोटे-बड़े सभी सरकारी अधिकारियों के यहां इलाज के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। इलाहाबाद के डॉ. गिरीश पाण्डेय ने एक दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट कर उन्हें रूपेश की बीमारी की जानकारी दी। उसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने मामले का संज्ञान लिया और तब जाकर जिला प्रशासन हरकत में आया। पूरा प्रशासन रूपेश की मदद के लिए एक पैर पर खड़ा हो गया। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने रूपेश और उसके माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मद्द देने का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर रूपेश का समस्त चिकित्सकीय परीक्षण महज चार घंटे के अंदर पूरा कर लिया गया। जबकि ये चिकित्साकर्मी पहले उसके लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं थे। यहां तक कि उसकी जांच के लिए एक पर्चा तक नहीं लिखा था।
रूपेश का परिवार बेहद गरीब है। उसके पिता रिक्शा चलाते हैं। पूरा परिवार फूस की झोंपड़ी में रहता है। अब इलाहाबाद के जिलाधिकारी की पहल पर रूपेश के घर वालों को आवास देने की प्रक्रिया शुरू हुई है। कुछ दिन में उन्हें पक्का घर मिल सकता है। जिला प्रशासन के लोग अन्त्योदय से लेकर सभी तरह के कार्ड बनाने के लिए उसके घर तक पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी रूपेश की मदद करने का आश्वासन दिया गया है।
रूपेश चार भाइयों में सबसे बड़ा है। उसके पिता रामपथ ने बताया कि जब रूपेश पैदा हुआ था, तब वह सामान्य बच्चों जैसा ही था, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ उसके शरीर में चौंकाने वाले बदलाव होने लगे। उसका सिर बेडौल हो गया। मुंह में 32 की जगह 70 दांत निकल आए और शरीर छोटा होने लगा। जब उसे पहली बार डॉक्टर को दिखाया गया तो बताया गया कि रूपेश प्रोजेरिया से ग्रसित है। चिकित्सकों के अनुसार रूपेश उत्तर प्रदेश का ऐसा पहला बच्चा है, जो इस दुर्लभ और लाइलाज बीमारी का शिकार है। सामान्यत: इस रोग के मरीज 12 से 15 वर्ष ही जी पाते हैं। इस स्थिति में रूपेश के घर वालों के साथ क्या बीतती होगी, उसका वर्णन करना असंभव है।
डॉ. गिरीश पाण्डेय कहते हैं, ‘‘बच्चा कैसा भी हो, अपने मां-बाप के लिए कलेजे का टुकड़ा होता है। यही वजह है कि जब सर्कस वाले रूपेश को 7,00,000 रुपए में खरीदने आए तो उसके माता-पिता ने साफ मना कर दिया।’’ रूपेश के माता-पिता के इस निर्णय की हर जगह चर्चा हो रही है। यह भी अच्छी बात है कि प्रदेश सरकार रूपेश के इलाज के लिए तत्पर दिख रही है। लोग प्रभु से प्रार्थना कर रहे हैं कि रूपेश जल्दी ठीक हो जाए, ताकि वह एक सामान्य जीवन जी सके। ल्ल
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