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देवबंद के उलेमा आए दिन ऊल-जुलूल फतवे देने के लिए कुख्यात हैं। लेकिन अब टोना-टोटका के नाम पर महिलाओं को बरगलाकर दुष्कर्म जैसे घृणित अपराध को भी अंजाम देने में उनका नाम सामने आ रहा
सुरेंद्र सिंघल
दारूल उलूम देवबंद को इस्लामिक शिक्षण संस्था के नाम से देश ही नहीं, विश्व में जाना जाता है। लेकिन इसका एक दूसरा चेहरा भी सामने आया है। उलेमा के रसूखदार घराने के एक शख्स मसूद मदनी को पुलिस ने हरियाणा की एक 25 वर्षीया विवाहित महिला के साथ दुष्कर्म किए जाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस शर्मनाक घटना के खुलासे से यह रहस्योदघाटन भी हुआ कि देवबंद में तंत्र विद्या की आड़ में भोली-भाली महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था। डर और शर्म के मारे किसी महिला ने अभी तक मुंह नहीं खोला था लेकिन हरियाणा की एक साहसी महिला ने दुष्कर्म के आरोपी मसूद मदनी के खिलाफ न केवल
मुंह खोला बल्कि उसे जेल भिजवाकर ही दम लिया।
यदि यह महिला हिम्मत न दिखाती तो लंबे समय से हो रही घिनौनी हरकतों का पर्दाफाश नहीं हो पाता और न जाने कितनी और आरतें इस कपटी की हवस का शिकार बनतीं।
डीआईजी सहारनपुर रेंज जितेंद्र कुमार शाही के मुताबिक हरियाणा के जींद जिले की एक 25 वर्षीया महिला ने 17 मार्च को देवबंद कोतवाली पहुंचकर अपने साथ देवबंदी आलिम एवं उत्तराखंड के दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री मसूद मदनी पुत्र असद मदनी (पूर्व सांसद एवं सदस्य मजलिसे शूरा दारूल उलूम देवबंद) के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई। पीडि़ता एक प्रतिष्ठित जाट परिवार से ताल्लुक रखती है। उसने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि 2013 में उसकी शादी हुई थी। लेकिन कोई संतान नहीं हुई। वह अपने पति के साथ मन्नत मांगने के लिए उत्तराखंड के पिरान कलियर पहुंची जहां उसे एक मौलवी ने देवबंद के मसूद मदनी के पास भेज दिया कि वह तांत्रिक क्रिया करता
है जिससे निस्संतान महिलाओं को बच्चे हो जाते हंै।
महिला 9 मार्च को अपने पति के साथ देवबंद आकर मसूद मदनी से मिली। मसूद मदनी ने उसके पति को एक दरगाह पर चादर चढ़ाने भेज दिया और महिला को बताया कि उसको संतान हो जाएगी लेकिन वह होली के बाद अकेली यहां आए। मसूद मदनी ने चालाकी बरतते हुए महिला का मोबाइल नंबर भी ले लिया। महिला और उसका पति तब वापस घर चले गए। लेकिन मसूद मदनी फोन पर महिला के संपर्क में रहा और उसे संतान होने का भरोसा देता रहा। पीडि़ता के ससुर के मुताबिक उनकी पुत्रवधू घर में किसी को बिना बताए 16 मार्च को बस से देवबंद पहुंच गई। मसूद मदनी उसे मंगलौर बस स्टैंड के पास से कार में अपने ठिकाने पर ले गया। जहां उसने दो घंटे टोना-टोटका करने का पाखंड किया और महिला का मोबाइल कब्जे में लेकर बंद कर दिया। मदनी ने जब महिला को अपनी हवस का शिकार बनाना चाहा तो उसके होश उड़ गए और उसने कहा कि उसके संतान हो या न हो, वह अपने साथ यह नहीं होने देगी। लेकिन कामांध मदनी बाज नहीं आया। उसने उसके साथ जोर-जबरदस्ती की और दुराचार किया। इस दौरान मसूद ने पीडि़ता को बड़ी खुशी से बताया कि इससे पहले वह उस जैसी 24 महिलाओं के साथ यह कृत्य कर चुका है। उसके भी अब संतान हो जाएगी और वह चुपचाप अपने घर लौट जाए। मसूद मदनी 17 मार्च की सुबह आठ बजे महिला को बस में बैठाकर और बस के रवाना होने के बाद लौट गया और जाते वक्त उसका मोबाइल लौटा दिया। लेकिन उसके आंखों से ओझल होते ही महिला बस से उतर गई और पूछते-पूछते रेलवे चौकी देवबंद पहुंची और आपबीती बताई। जानकारी मिलने पर थाना प्रभारी चमन सिंह चावड़ा उसे कोतवाली ले गए और उसके परिजनों को घटना के बारे में सूचित किया। महिला की ओर से कोतवाली देवबंद में मसूद मदनी के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराई गई और कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान कराए जिसमें महिला ने अपने साथ हुए बलात्कार की बात दर्ज कराई। पुलिस ने महिला की चिकित्सीय जांच भी कराई। डीआईजी जितेंद्र शाही ने जांच के लिए एसपी देहात रफीक अहमद को देवबंद भेजा। जिन्होंने संतुष्टि होने के बाद मसूद मदनी को उसके घर से गिरफ्तार कर देवबंद जेल भेज दिया। एसएसपी सहारनपुर, लव कुमार के मुताबिक पुलिस को अभी तक पिरान कलियर के उस मौलवी का कोई सुराग नहीं लग पाया है जिसके तार मसूद मदनी से जुडे़ हुए हैं। स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले में कोताही बरतने के सवाल पर एसएसपी लव कुमार ने कहा कि पुलिस इस स्तर पर कोई समझौता और चूक नहीं करेगी। कोतवाली प्रभारी चमन सिंह का कहना था कि गिरफ्तारी के दौरान मसूद मदनी ने पुलिस पूछताछ में और कोर्ट दोनो में महिला के साथ दुष्कर्म किए जाने की बात स्वीकार की। हैरत की बात यह है कि इतना बड़ा मामला हो जाने पर भी देवबंदी उलेमा के किसी भी तबके ने सामने आकर इसकी निंदा नहीं की।
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