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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने आज सारंगपुर पहुंचकर ब्रह्मलीन प्रमुख स्वामी महाराज को श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी जी का जीवन एक श्रेष्ठ जीवन है, एक ईश्वरीय शक्ति का दर्शन उनके जीवन में हम सबको होता आया है, उनके आशीर्वाद से आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा अनेकों के हृदय में संक्रमित करने का एक श्रेष्ठकार्य हुआ है।
भारत और भारत के बाहर अन्य देशों में भी हिन्दुत्व की सनातन धर्म की परम्परा को पहुंचाने का कार्य पूज्य स्वामी जी के परिश्रम से हुआ है। उनका व्यक्तित्व स्नेहपूर्ण, आत्मीयता का व्यवहार प्रकट करने वाला, सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त ऐसा उनका आचरण जिसके द्वारा समाज में आस्था और विश्वास निर्माण करने का कार्य स्वाभाविक रूप से हुआ है। पू. प्रमुख स्वामी जी के वचनों से ही आध्यात्मिक मार्ग को जनसामान्य का मार्ग बनाने का कठिन कार्य प्रशस्त बना है, उच्च शिक्षा विभूषित युवा वर्ग में जीवन दृष्टि प्रदान करते हुए संन्यास के मार्ग पर चलने का भाव उनकी प्रेरणा से हजारों युवाओं के मन में जगा और उनके आशीर्वाद से हम संन्यासी वर्ग को आज हजारों की संख्या में आज काम करते हम देख रहे हैं।
प्रमुख स्वामी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पण करने के पश्चात श्री भैयाजी ने महंत स्वामी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
वि.सं. के. गुजरात
राष्ट्र सेविका समिति ने दी भावाञ्जलि
प.पू. प्रमुख स्वामी जी ब्रह्मलीन हो गए। जानकारी मिलने पर दु:ख हुआ। आपने समाज के लाखों लोगों को ईश्वर भक्ति का ज्ञान दिया, अनेकों को ईश्वर सेवा के लिए दीक्षा दिलाई, श्रद्धानिष्ठ-स्वावलंबी जीवन प्रणाली के साथ हम अपने लिए जितना भी करें उसमें ईश्वर का हिस्सा है, इस दृष्टि से भक्तगण समर्पित भाव से ईश्वरसेवा में लगे हैं। आपने भी अपना सम्पूर्ण जीवन नि:स्वार्थ भावना से ईश्वर चरणों में समर्पित किया। आप जैसे महान योगी को राष्ट्र सेविका समिति की संपूर्ण भारत की सेविका बहनें श्रद्धाञ्जलि देते हुए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं-
ॐ पूर्णमद:। पूर्णमिदम्। पूर्णाद्पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवाऽवशिष्यते।
ॐ शांति: शांति: शांति:।
संध्या टिपरे
अखिल भारतीय सेवा प्रमुख
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