60 वर्ष पहले पाञ्चजन्य के पन्नों से
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

60 वर्ष पहले पाञ्चजन्य के पन्नों से

by
Jun 27, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 27 Jun 2016 14:38:25

वर्ष: 9  अंक: 48
25 जून ,1956

नेहरूजी सिद्ध करें

पं. नेहरू ने अपने रोहतक के भाषण में कुछ भारतीय पत्रों पर विदेशी सहायता प्राप्त होने के संबंध में जो आरोप लगाए, उनके संबंध में हम अपना मत व्यक्त न करके देश के कुछ प्रमुख पत्रों के विचार उद्धृत करते हैं। -संपादक
हिन्दुस्तान टाइम्स
''पं. नेहरू द्वारा रोहतक में यह टिप्पणी किए जाने के कारण काफी बबंडर उठ खड़ा हुआ है कि भारत के कुछ पत्रों को विदेशी सहायता प्राप्त होती है। स्वाभाविक है कि देश में कार्य करने वाला प्रत्येक कूटनीतिक मिशन चाहेगा कि उसकी स्थिति साफ कर दी जाए। यह तभी हो सकता है जबकि अपराधियों के नाम गिना दिए जाएं। इसी प्रकार भारत का समाचार पत्र जगत भी चाहेगा कि अपराधियों का नाम लेकर अन्य समाचार पत्रों की स्थिति साफ कर दी जाए।
''दुर्भाग्यवश, मामला उतना सरल नहीं है जितना ऊपर से दिखता है। यदि प्रधानमंत्री ने खुले रूप में जनता के बीच इस विषय के संबंध में चर्चा नहीं की होती तो शायद अच्छा रहता।…''
 (पोलिटिकल डायरी)
हिन्दुस्तान स्टैण्डर्ड
''हमें इस बात से अत्यंत दु:ख हुआ है कि प्रधानमंत्री ने कुछ समाचार पत्रों पर आरोप लगाया है कि वे देश में गड़बड़ी पैदा करने के लिए विदेशी शक्तियों से चुपचाप रुपया ले रहे हैं। हम यह अनुमान करते हैं कि श्री नेहरू के पास अथवा उनकी सरकार के पास ऐसे प्रमाण हैं कि जिससे वह यह सिद्ध कर सकें और यदि ऐसा है तो उन समाचार पत्रों के विरुद्ध इस समय तक क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई? बड़े से बड़े पत्र एक अथवा दूसरी पार्टी का समर्थन करते हुए देखे गए हैं, परंतु किसी विदेश से रिश्वत लेना बिलकुल दूसरी बात है और यदि श्री नेहरू के द्वारा लगाए गए आरोप ठीक हैं तो यह भारत के समाचार पत्रों के सम्मान पर एक बड़ा धब्बा है और हम मांग करते हैं कि सरकार के पास जो भी प्रमाण हों, उन्हें पेश करे, देशद्रोही समाचार-पत्रों के विरुद्ध कार्रवाई करे और जनता को उनके प्रति अपने कर्तव्य का पालन करने का अवसर दे।''
स्टेट्समैन
''रोहतक में भाषण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली तथा पंजाब में कुछ ऐसे समाचार पत्र हैं जो विदेशी शक्तियों से रिश्वत लेकर देश में अराजकता और अशांति पैदा करना चाहते हैं। और कुछ ऐसी विदेशी शक्तियां हैं जो सहन नहीं कर सकतीं कि एशियायी देश शक्तिशाली हों जो नए-नए ही स्वाधीन हुए हैं। वे चाहते हैं कि इन देशों में अशांति फैले ताकि वे उनके मुकाबले में कमजोर हो जाएं। न तो प्रधानमंत्री ने किसी सामचार पत्र का नाम लिया है और न किसी विदेशी शक्ति का। इसलिए जब तक किसी का नाम न लिया जाए तब तक अनुमान ही लगते रहेंगे। यह भी अनुमान किया जा सकता है कि पाकिस्तान और पुर्तगाल दोनों देश यह काम करते हों। परंतु पाकिस्तान पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता कि वह एशियायी देशों को कमजोर कर रहा है…।

पाकिस्तान में भारत के विरुद्ध जिहाद की तैयारियां

करांची टाइम्स ने सुझाव दिया है कि भारत के विरुद्ध कश्मीर के प्रश्न को लेकर युद्ध छेड़ देना चाहिए।… टाइम्स की बौखलाहट का कारण राष्ट्र संघ के मंत्री श्री हैमरशोल्ड द्वारा हाल ही में दिया गया वक्तव्य है जिसमें उन्होंने कहा है कि कश्मीर के संबंध में तत्काल कोई बात नहीं है। टाइम्स को यह सहन नहीं कि कश्मीर का प्रश्न शांत या चिंता-हीन बना रहे। इसलिए उसका सुझाव है कि पाकिस्तान भारत के विरुद्ध युद्ध की स्थिति पैदा करे।
जनरल अकबर खां पुन: मैदान में
इस युद्ध की स्थिति का लाभ उठाने के लिए भी कम लोग तैयार नहीं हैं। पाकिस्तानी सेना के भूतपूर्व जनरल अकबर खां तो लियाकत अली खां हत्याकाण्ड के बाद पदच्युत होने के कारण काफी समय तक शांत रहे, अब एक नए नारे के साथ पाक-राजनीतिक मंच पर पूरे जोर- शोर के साथ उतरने वाले हैं।  उनका नारा होगा, 'मैं कश्मीर को जीतकर पाकिस्तान में मिला दूंगा।'
यह जनरल अकबर खां यही महानुभाव हैं जिन्होंने 1947 में कश्मीर पर आक्रमण करने वाली पाक-सेना का नेतृत्व किया था। उनके हृदय में पुरानी स्मृति जग गई हो और कश्मीर पर कबाइलियों को ले दौड़ने की सोचने लगे हों तो कोई अनहोनी बात नहीं। क्योंकि पाक-राजनीतिज्ञों को यदि किसी भी समस्या का हल सूझता है तो वह भारत के विरुद्ध युद्ध की घोषणा में। मानो भारत ने ही समस्त समस्याएं उत्पन्न की हों और वह इतना कमजोर हो कि जब चाहे जो चाहे उसे निगलने की सामर्थ्य रखता हो।
जनरल अकबर खां के बारे में ही नहीं कहा जाए, अल्लामा मशरिकी तथा शहीद सुहरावदी भी समय-समय पर उछल कूद करने लगते हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

रील बनाने पर नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई

गुरुग्राम : रील बनाने से नाराज पिता ने टेनिस खिलाड़ी की हत्या की, नेशनल लेवल की खिलाड़ी थीं राधिका यादव

Uttarakhand Kanwar Yatra-2025

Kanwar Yatra-2025: उत्तराखंड पुलिस की व्यापक तैयारियां, हरिद्वार में 7,000 जवान तैनात

Marathi Language Dispute

Marathi Language Dispute: ‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

CM भगवंत मान ने पीएम मोदी और भारत के मित्र देशों को लेकर की शर्मनाक टिप्पणी, विदेश मंत्रालय बोला- यह शोभा नहीं देता

India US tariff war

Tariff War: ट्रंप के नए टैरिफ और भारत का जवाब: क्या होगा आर्थिक प्रभाव?

रील बनाने पर नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या कर दी गई

गुरुग्राम : रील बनाने से नाराज पिता ने टेनिस खिलाड़ी की हत्या की, नेशनल लेवल की खिलाड़ी थीं राधिका यादव

Uttarakhand Kanwar Yatra-2025

Kanwar Yatra-2025: उत्तराखंड पुलिस की व्यापक तैयारियां, हरिद्वार में 7,000 जवान तैनात

Marathi Language Dispute

Marathi Language Dispute: ‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा

Europe Migrant crisis:

Europe Migrant crisis: ब्रिटेन-फ्रांस के बीच ‘वन इन, वन आउट’ डील, जानिए क्या होगा असर?

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies