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देश में आतंकी संगठनों की पैठ कितनी गहराती जा रही है इसका अंदाजा पिछले कुछ समय के दौरान विभिन्न स्थानों से पकड़े गए आतंकवादियों अथवा संदिग्धों की संख्या से हो जाता है।
06 फरवरी, 2016
एनआईए ने हरदोई से अब्दुल समी कासमी को किया गिरफ्तार। इस पर आतंकवादी संगठन तैयार करने का आरोप है। वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दहशत फैलाना चाहता था। इससे पूर्व पकड़े गए आतंकवादियों से भी जांच एजेंसियों को कासमी की गतिविधियों के बारे में सूचना मिली थी। वह वेबसाइट पर भड़कीले भाषण भी अपलोड करता था। जिहाद के नाम पर वह 18 से 28 वर्ष के युवकों को बहकाने में लगा था। जांच एजेंसियों के मुताबिक कासमी के मदरसे और ट्रस्ट को भारत में आतंक फैलाने के लिए विदेशों से आर्थिक मदद मिलती थी। वह बेरोजगार मुसलमानों को जिहाद के नाम पर भड़का रहा था। 2007 में वह विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। वह उत्तर प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के विभिन्न हिस्सों में आईएस का नेटवर्क बढ़ाने के लिए कई जगह सभाएं और भाषण कर चुका था।
22 जनवरी
महाराष्ट्र के एटीएस ने कुशीनगर से 16 वर्षीय किशोर को हिरासत में लिया। आरोप है कि 12वीं कक्षा का यह छात्र भारत में आईएस की ओर से नंबर दो के स्थान पर है।
23 जनवरी
हैदराबाद से एनआईए ने आईएस से जुड़े चार संदिग्ध युवकों को किया गिरफ्तार, जो गणतंत्र दिवस पर भारत में दहशत फैलाना चाहते थे। इनमें मधापुर निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अबु अनाज, तोवलीचौकी निवासी नफीज खान, ओबेद खान और मो. शरीफ मोइनुद्दीन खान शामिल हैं। इनसे जिहाद से जुड़ी किताबें और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। इसके अगले दिन आठ और सदस्यों को किया गया गिरफ्तार। ये सभी इंटरनेट के जरिए बम बनाना सीख रहे थे।
24 जनवरी
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आईएस से जुड़े चार युवकों को किया गिरफ्तार। रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अखलाक, बी. ए. के छात्र ओसामा और अजीज और आयुर्वेद के छात्र मेहराज को किया गया गिरफ्तार। ये सभी इराक में यूसुफ और सीरिया में शफी अरमार से सोशल साइट-फे सबुक, व्हाट्सएप और हाइक से लगातार संपर्क में थे और अर्द्धकुंभ के दौरान हरिद्वार में दहशत फैलाना चाहते थे।
29 जनवरी
एनआईए ने भारत में दहशत फैलाने वाले तीन आईएस संदिग्धों को किया गिरफ्तार। इनमें कर्नाटक निवासी अदनान हुसैन, महाराष्ट्र निवासी मो. फरहान और जम्मू-कश्मीर निवासी शेख अजहर अल इस्लाम शामिल थे। ये सभी अबु धाबी मॉड्यूल के सदस्य थे।
11 सितम्बर, 2015
हैदराबाद से 37 वर्षीय अफ्शा जाबिन उर्फ 'निक्की जोसफ' को पकड़ा गया। अफ्शा पर आईएस के सदस्यों की भर्ती करवाने और युवाओं को सोशल मीडिया के जरिये बहकाने का आरोप था। इससे पहले जाबिन के सहयोगी सलमान मोहिदुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था, जो दुबई से सीरिया जाना चाहता था। जाबिन ने खुलासा किया था कि आईएस के सदस्य मुंबई, बेंगलुरू, हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं।
11 दिसम्बर
जयपुर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एक मार्केटिंग मैनेजर मो. सिरदीन को आईएस की विचारधारा सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में राजस्थान एटीएस ने किया गिरफ्तार। आरोपी मुस्लिम युवाओं को आईएस की विचारधारा से जोड़ने के काम में जुटा था। वह भारत में रहकर आईएस से इंटरनेट के माध्यम से संबंध स्थापित करने में जुटा था।
जांच एजेंसियां आईएस से जुड़े 150 से अधिक संदिग्ध भारतीयों पर नजर बनाए हुए हैं
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