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हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को राजनीतिक रंग देने की कोशिश जारी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को इसका जिम्मेदार बताकर उसके कार्यालयों पर हमले किए जा रहे हैं। हाल ही में एबीवीपी के मुंबई और बेंगलुरू के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जिसमें एबीवीपी के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं
हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत शायद कांग्रेस व उसकी छात्र ईकाई एनएसयूआई के लिए विभाजन और विद्वेष की राजनीति का मौका लेकर आई। अब एनएसयूआई के कार्यकर्ता एबीवीपी के कार्यालयों पर हमला कर रहे हैं। एबीवीपी के बेंगलुरू और मुंबई के कार्यालयों पर हुए हमले इस बात का उदाहरण हैं। इस संबंध में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर मामला भी दर्ज किया गया है।
बेंगलुरू के शिषाद्रिपुरम में स्थित एबीपीवी कार्यालय के कार्यालय मंत्री बसवेश कोरी ने बताया कि गत 21 जनवरी की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे एनएसयूआई के 40-50 कार्यकर्ताओं की भीड़ ने एबीवीपी कार्यालय के बाहर आकर नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में नारेबाजी करते हुए उनके कार्यकर्ता गुंडागर्दी पर उतर आए और कार्यालय पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। कोरी कहते हैं, ''पथराव में कार्यालय के शीशे टूट गए। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के अंदर आकर हाथापाई की जिसमें मुझे भी चोट आई। इस बीच हमने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने आकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की भीड़ को उत्पात से रोका।'' इस संबंध मे पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं-प्रभुदेव, प्रशांत व सागर समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एबीवीपी के कोंकण प्रांत के संगठन मंत्री यदुनाथ देशपांडे बताते हैं कि गत 23 जनवरी को शाम करीब साढ़े चार बजे मध्य मुंबई में तीन मार्बल आर्च, सेनापति बापट मार्ग पर स्थित एबीवीपी कार्यालय में परिषद् के तीन कार्यकर्ता अनिकेत ओबाल, फ्रांसिस डिसूजा व प्रमोद एकाड़ मालवन मेें होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की तैयारी में लगे थे। तभी चेहरे को रुमाल से ढके व आंखों पर चश्मा लगाए छह युवकों ने लोहे की रॉड और हॉकी से कार्यालय के शीशों को फोड़ना शुरू कर दिया। शीशा लगने से एबीवीपी के कार्यकर्ता फ्रांसिस डिसूजा घायल हो गए। हमलावरों ने कार्यालय के शीशे तोड़ डाले और वहां से फरार हो गए। इस संबंध में दादर के शिवाजी पार्क थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
देशपांडे का कहना है कि यह सोची समझी रणनीति के तहत कराया जा रहा है। एबीवीपी छात्रहितों के लिए बिना भेदभाव ईमानदारी से संघर्ष करती है जबकि एनएसयूआई छात्र हितों के नाम पर केवल राजनीति करती रही है।
ल्ल प्रतिनिधि
स्वयंसेवकों की बैठक पर हमला
एबीवीपी कार्यालय पर हुए हमले के अगले दिन 24 जनवरी को मुंबई के धारावी में शांतिपूर्ण तरीके से बैठक कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों पर हमला किया गया। रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर 'नेशनल फोरम' संस्था के बैनर तले एक भीड़ ने 24 जनवरी को मोर्चा निकाला था। अचानक ही नारेबाजी करती यह भीड हाथों में डंडे व लोहे की रॉड लेकर बैठक स्थल पर जा धमकी और स्वयंसेवकों पर हमला कर दिया। इस हमले में 10 स्वयंसेवक घायल हो गए। इनमें से महाराज नाडर नाम के एक स्वयंसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। चार दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत खतरे से बाहर बताई है। पुलिस इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को राजनीतिक रंग देने की कोशिश जारी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को इसका जिम्मेदार बताकर उसके कार्यालयों पर हमले किए जा रहे हैं। हाल ही में एबीवीपी के मुंबई और बेंगलुरू के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जिसमें एबीवीपी के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं
हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत शायद कांग्रेस व उसकी छात्र ईकाई एनएसयूआई के लिए विभाजन और विद्वेष की राजनीति का मौका लेकर आई। अब एनएसयूआई के कार्यकर्ता एबीवीपी के कार्यालयों पर हमला कर रहे हैं। एबीवीपी के बेंगलुरू और मुंबई के कार्यालयों पर हुए हमले इस बात का उदाहरण हैं। इस संबंध में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर मामला भी दर्ज किया गया है।
बेंगलुरू के शिषाद्रिपुरम में स्थित एबीपीवी कार्यालय के कार्यालय मंत्री बसवेश कोरी ने बताया कि गत 21 जनवरी की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे एनएसयूआई के 40-50 कार्यकर्ताओं की भीड़ ने एबीवीपी कार्यालय के बाहर आकर नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में नारेबाजी करते हुए उनके कार्यकर्ता गुंडागर्दी पर उतर आए और कार्यालय पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। कोरी कहते हैं, ''पथराव में कार्यालय के शीशे टूट गए। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के अंदर आकर हाथापाई की जिसमें मुझे भी चोट आई। इस बीच हमने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने आकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की भीड़ को उत्पात से रोका।'' इस संबंध मे पुलिस ने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं-प्रभुदेव, प्रशांत व सागर समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एबीवीपी के कोंकण प्रांत के संगठन मंत्री यदुनाथ देशपांडे बताते हैं कि गत 23 जनवरी को शाम करीब साढ़े चार बजे मध्य मुंबई में तीन मार्बल आर्च, सेनापति बापट मार्ग पर स्थित एबीवीपी कार्यालय में परिषद् के तीन कार्यकर्ता अनिकेत ओबाल, फ्रांसिस डिसूजा व प्रमोद एकाड़ मालवन मेें होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की तैयारी में लगे थे। तभी चेहरे को रुमाल से ढके व आंखों पर चश्मा लगाए छह युवकों ने लोहे की रॉड और हॉकी से कार्यालय के शीशों को फोड़ना शुरू कर दिया। शीशा लगने से एबीवीपी के कार्यकर्ता फ्रांसिस डिसूजा घायल हो गए। हमलावरों ने कार्यालय के शीशे तोड़ डाले और वहां से फरार हो गए। इस संबंध में दादर के शिवाजी पार्क थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
देशपांडे का कहना है कि यह सोची समझी रणनीति के तहत कराया जा रहा है। एबीवीपी छात्रहितों के लिए बिना भेदभाव ईमानदारी से संघर्ष करती है जबकि एनएसयूआई छात्र हितों के नाम पर केवल राजनीति करती रही है।
ल्ल प्रतिनिधि
स्वयंसेवकों की बैठक पर हमला
एबीवीपी कार्यालय पर हुए हमले के अगले दिन 24 जनवरी को मुंबई के धारावी में शांतिपूर्ण तरीके से बैठक कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों पर हमला किया गया। रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर 'नेशनल फोरम' संस्था के बैनर तले एक भीड़ ने 24 जनवरी को मोर्चा निकाला था। अचानक ही नारेबाजी करती यह भीड हाथों में डंडे व लोहे की रॉड लेकर बैठक स्थल पर जा धमकी और स्वयंसेवकों पर हमला कर दिया। इस हमले में 10 स्वयंसेवक घायल हो गए। इनमें से महाराज नाडर नाम के एक स्वयंसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। चार दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत खतरे से बाहर बताई है। पुलिस इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
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