स्टार्टअप इंडिया - ललक आसमान छूने की
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

स्टार्टअप इंडिया – ललक आसमान छूने की

by
Jan 25, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Jan 2016 16:40:04

केन्द्र सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को  #र३ं१३४स्रकल्ल्रिं का श्रीगणेश किया।  हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे और मुझे इस बात की अनुभूति हो रही थी कि यह दिन स्टार्टअप इंडिया के शुरू करने की हमारी यात्रा में एक अहम दिन होने वाला है। इससे लगा कि सरकार जान गई है कि स्टार्टअप युवा और उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं और वह अर्थव्यवस्था जरूरतों पर बहुत ध्यान दे रही है। भारत में उद्यमिता के तेजी से आगे बढ़ने में कुछ जादुई होने वाला है। इसके उद्घाटन कार्यक्रम में अभूतपूर्व जोशोखरोश देखने   को मिला।   
मंच पर बैठे अतिथियों और नवउद्यमियों ने जब अपनी प्रखर सोच और प्रयासों की चर्चा की तो उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति उत्साह से भर गया। किसी व्यावसायिक कार्यक्रम में इतनी अधिक तालियां बजना शायद विज्ञान भवन के इतिहास में एक नया रिकार्ड होगा।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के साथ ही हर संदर्भित विभागों के मुख्य सचिवों की उपस्थिति असाधारण थी। स्टार्टअप की आवश्यकताओं  से अधिकारियों को जोड़ने के साथ ही वे किसी स्टार्टअप में सहयोग, उसके स्थापन, नियोजन संबंधी चीजों में तेजी ला सकते हैं। सहायक, सेवा प्रदाता और सहयोगकर्ता के नाते सरकार का साथ रहना उद्यमियों, निवेशकों, उद्यमनिवेशकों के लिए भरोसा बढ़ाने वाला था। उनको लगा कि वे सही वक्त पर सही जगह हैं। इस मौके पर घोषित कार्ययोजना के संक्षिप्त बिन्दु इस प्रकार हैं-
–    'सेल्फ सर्टिफिकेशन': यह व्यवसाय में विश्वास निर्मित करने की एक पहल है। इसके ये मायने नहीं कि स्टार्टअप श्रम एवं पर्यावरण के 9 चुनिंदा कानूनों से परे होंगे।  ये कानून स्टार्टअप्स पर लागू तो होंगे। मगर निरीक्षण के किसी भी झमेले से दूर रहकर। मिसाल के लिए साल में निरीक्षण में जाने वाला एक भी दिन बचाना खुले दिमाग से ग्राहकों की सेवा करने में सहायक होगा। स्टार्टअप नियमों के साथ सामंजस्य बिठाने में समर्थ हैं और इसलिए आने वाले सालों में सेल्फ सर्टिफिकेशन और क्षेत्रों में भी स्वीकृत किया        जाना चाहिए।
–    निर्माण क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए सरकारी खरीद के कायदों में लचीलापन : फिलहाल निर्माण क्षेत्र के कुछ ही स्टार्टअप को इस योजना का लाभ मिल पायेगा। एंजल/वेंचर कैपिटलिस्ट से फंड प्राप्त करने वाले ज्यादातर स्टार्टअप सेवा आपूर्ति, डॉटा विश्लेषण, सॉफ्टवेयर समाधान, सॉफ्टवेयर उत्पाद और प्लेटफार्म के नई सोच के क्षेत्रों में है। उनको भी इस छूट की जरूरत है ताकि वे किसी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी को साथ लिए बिना ही निजी क्षेत्र को सेवा दे सकें।
–    वेंचर कैपिटल फंड्स में निवेश के लिए 'फंड ऑफ फंड्स': भारत को घरेलू पूंजी तक पहुंच की आवश्यकता है।  किसी एंजल इन्वेस्टर द्वारा किसी भी फंड में किसी भी तरह के निवेश के साथ यह फंड ऑफ फंड्स सहायक के तौर पर जोड़ा जायेगा। यह 2014 में मूल 2,000 करोड़ रुपये के साथ शुरू किये गए इंडिया एस्पिरेशन फंड के लिए सहायक होगा।
    स्थानीय समस्याओं को दूर करने वाले स्टार्टअप इसके सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। इसके क्रियान्वयन के मायने होंगे कि आइडियाज के लिए आमतौर पर विदेशी फंडों द्वारा पैसा प्राप्त कर रहे विकसित बाजारों का मुंह नहीं ताकना होगा। (एंजल इन्वेस्टर कोई ऐसा प्रभावशाली व्यक्ति जो किसी व्यावसायिक स्टार्टअप के लिए पूंजी उपलब्ध कराता है। यह आमतौर पर अदला-बदली किये जा सकने वाले ऋण अथवा स्वामित्व वाले अंशों के आदान-प्रदान के आधार पर किया जा सकता है।)
–    के्रडिट गारंटी फंड : हमारे स्टार्टअप को  बैंकों के जरिए काम शुरू करने के लायक पूंजी की सुविधा की आवश्यकता पड़ती है। भले  ही उनको वंेचर कैपिटल फंड्स से पैसा मिला हो। यह सुविधा बैंकों और निवेशकों को वंेचर ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करती है। स्पष्ट कहें तो इससे नकद-उधार सीमा या ओवर ड्रॉफ्ट सुविधा की बुनियादी जरूरत की पूर्ति करने की भी उम्मीद है। हमारे स्टार्टअप की दीर्घकालिक वेंचर ऋण की आवश्यकताएं सीमित हैं। मगर इनमें से हरेक को रिसीवेबल्स, इन्वेंटरी, टीडीएस, इन्वॉयसिंग पर सेवा कर के भुगतान आदि के लिए पैसे की आवश्यकता है। स्टार्टअप की ओर से हमें उम्मीद है कि यह के्रडिट गारंटी ओवरड्राफ्ट सुविधा, कार्य निष्पादन गारंटी आदि भी अपनी जद में लेगी।
–    कैपिटल गेन्स पर कर छूट-यह स्टार्टअप में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की एक शानदार पहल है, बजाय कैपिटल गेन्स बांड्स या गृह संपदा के। इस छूट से कैपिटल गेन को सेबी पंजीकृत एआईएफ, एफओएफ और अंतर मंत्रिपरिषदीय बोर्ड द्वारा मान्य स्टार्टअप में एंजल इन्वेस्टमेंट में छूट की सहूलियत देनी चाहिए। इसके क्षेत्र पर अधिसूचना में ऐसा स्पष्टीकरण  अतिआवश्यक है।
–    पांच साल के समयान्तराल में तीन साल के लिए स्टार्टअप के लिए कर छूट : यह स्टार्टअप के लिए टीडीएस में बांध दी जाने वाली कार्यकारी पूंजी के लिए एक बड़ी राहत देगा। व्यावहारिक तौर पर हमारे स्टार्टअप शुरू के 3-7 साल में घाटे में चलते हैं क्योंकि वे विकास से दौड़ लगा रहे होते हैं, लेकिन उम्मीद है कि अधिसूचना स्पष्ट कर देगी कि स्टार्टअप के ग्राहक इनवॉयसिस पर टीडीएस में पैसा काटे जाने से छूट प्राप्त कर सकेंगे। 12-18 महीनों के लिए टीडीएस में जो पैसा आज घिर जाता है उस पैसे की बचत उनको तेजी से आगे बढ़ने में मददगार साबित होगी।   
–    स्टार्टअप कर- धारा 56(2) (५्र्रु) : यह वेंचर कैपिटल फंड्स के अतिरिक्त शुरुआत करने वालों को छूट देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। सीबीडीटी को चाहिए कि वह स्टार्टअप के लिए सभी एंजल निवेशकों  को छूट दे ताकि उनसे पैसा  आने में आसानी रहे।
–    नाकाम रहने पर स्टार्टअप को बंद करने की आजादी : प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि हमें नाकाम रहने वाले विचारों को भी उतना ही महत्व देना चाहिए क्योंकि ये एक मौलिक सीख तो देते ही हैं।
कुल मिलाकर कार्ययोजना में बताए गए सभी प्रयास एक अधिक उत्कृष्ट स्टार्टअप तंत्र बनाने और नई सोच की संस्कृति को विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हमारे युवाओं के सामने अपने और दूसरों के लिए उत्पादक काम तैयार करने के लिए अहम शुरुआत है। इस अवसर पर भारत में वेंचर निवेशक के नाते हमारे निवेशकों की सेवा का मौका पाना एक शानदार अहसास है। चिंता बस इस बात की है कि यह कार्य योजना जल्दी ही सामने नहीं लाई गई तो यह एक निरर्थक घोषणा मात्र रह जायेगी। हर तरह की सावधानी और संशोधन प्रामाणिक और पारदर्शी हों ताकि यह अर्थतंत्र फले-फूले और यह पूरा प्रयास बेवजह की कसरत न साबित हो।  – राजीव शर्मा
(लेखक 'एम्पावर प्रगति' के संस्थापक और प्रबंध निदेशक हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies