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योग का मकसद आपके भीतर एक दूसरे आयाम को व्यवस्थित करना है, जो भौतिक से परे होता है। उसके सक्रिय होने पर ही, धीरे-धीरे लाखों अलग-अलग रूपों में आपके लिए अस्तित्व के द्वार खुलने लगते हैं। जिन चीजों की मौजूदगी का आपको पता तक नहीं था, वे आपके लिए एक जीवंत सचाई बन जाते हैं। इसकी वजह सिर्फ यह होती है कि भौतिक से परे एक आयाम आपके अंदर सक्रिय हो जाता है।
'उप-योग' और अंगमर्दन
योग कोई व्यायाम नहीं है। इसके दूसरे आयाम भी हैं। योग को एक व्यायाम प्रक्रिया तक सीमित कर देना एक गंभीर अपराध होगा। मगर योग में 'उप योग' नामक एक चीज होती है, जिसका मतलब है़, सहायक योग या चीजों को करने की उपयोगी प्रक्रियाएं। इसके साथ कोई आध्यात्मिक आयाम जुड़ा नहीं होता। अगर आप उप योग या अंगमर्दन योग करें, तो 'फिटनेस' पाना निश्चित है। इन तरीकों से आप बिना किसी उपकरण के 'फिटनेस' पा सकते हैं। आपको बस फर्श पर छह गुणा छह फीट जगह की जरुरत है। आप बहुत 'फिट' हो सकते हैं और अपना बदन कसरती बना सकते हैं। लेकिन इससे आपकी मांसपेशियां जरुरत से ज्यादा बड़ी नहीं होंगी। बहुत से लोग शरीर को इस तरह बना लेते हैं। उन्हें लगता है कि वे फिट हैं मगर मुझे ऐसा लगता है कि वे जंजीर में बंधे हैं! शरीर के सही ढंग से काम करने के लिए सिर्फ आपकी मांसपेशी की मजबूती या उभार नहीं, बल्कि आपके शरीर का लचीलापन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
योग में हम सिर्फ मांसपेशियों की ताकत पर ध्यान नहीं देते। सभी अंगों का स्वस्थ होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। योग प्रणाली को इसलिए विकसित किया गया ताकि सभी अंग स्वस्थ रहें। चाहे आपका बदन कितना भी कसरती हो, अगर आपका 'लीवर' ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो उसका क्या फायदा? यह बहुत जरूरी है कि शरीर लचीला और काम के लायक हो।
मनुष्य की मांसपेशियां एक अद्भुत चीज हैं। हमारी मांसपेशियां शानदार काम कर सकती हैं। उन्हें मजबूत के साथ ही बहुत लचीला बनाते हुए उनकी क्षमता को और बेहतर किया जा सकता है। अगर आप खूब वजन उठाने वाले व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियां बहुत उभरी हुई लगेंगी, मगर उनमें कोई लचीलापन नहीं होगा। ऐसे बहुत से लोगों को आप देखेंगे जिनकी मांसपेशियां खूब उभरी होंगी लेकिन वे ठीक से सूर्य नमस्कार तक नहीं कर सकते। वे झुक भी नहीं सकते। अगर आप सिर्फ ऐसी मांसपेशियां चाहते हैं, जो अच्छी लगें तो इन दिनों ऐसा करने के बहुत आसान तरीके हैं। आप 'बाइसेप इंप्लांट' लगवा सकते हैं।
हां, 'बॉडी बिल्डिंग' आपको जानवरों जैसी ताकत देती है। मगर आप वैसी ही ताकत बिल्कुल अलग तरीके से भी बना सकते हैं और सबसे बढ़कर अपने शरीर को लचीला रख सकते हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है। खुशहाली के कई पहलू हैं- अच्छी सेहत, ऊर्जा, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलू। जब हम सुबह 30 मिनट से एक घंटे तक का समय देते हैं, तो हम यह चाहते हैं कि इसके फायदे हमारे पूरे 'सिस्टम' को समान रूप से मिले, हमें सिर्फ उभरी हुई मांसपेशियां नहीं चाहिए।
अगर आप मांसपेशी बढ़ाना चाहते हैं, तो क्या आपको वजन नहीं उठाना चाहिए? आप उठा सकते हैं क्योंकि आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन से शारीरिक अभ्यास और क्रिया को खत्म कर दिया है। हमें बाल्टी भर कर पानी नहीं उठाना पड़ता या इस तरह के दूसरे काम नहीं करने पड़ते। सब कुछ मशीनों से किया जाता है। अपने आईफोन के अलावा आपको कुछ और नहीं उठाना या ढोना पड़ता। अब चूंकि आप दिन भर अपने हाथ-पैरों का इस्तेमाल नहीं करते, इसलिए हल्के-फुल्के वजन उठाने वाले व्यायाम में कोई बुराई नहीं है। मगर उप योग में व्यायाम या अभ्यास करने के लिए आपके अपने शारीरिक भार का इस्तेमाल करना होता है। अंगमर्दन यही है- अभ्यास करने के लिए अपने शरीर के भार का प्रयोग करना। इसके बाद, आपके पास कोई बहाना नहीं होगा कि घर के आस-पास कोई जिम नहीं था। आप जहां भी हों, यह अभ्यास कर सकते हैं क्योंकि आपका शरीर हमेशा आपके पास होता है। यह किसी भी 'वेट ट्रेनिंग' की तरह ही शरीर को ताकतवर बनाने में असरदार है, साथ ही यह शरीर पर कोई बेकार का दबाव नहीं डालता। यह आपको एक समझदार इंसान बनाने के साथ-साथ आपको मजबूत भी बनाता है- बहुत मजबूत।
सद्गुरू जग्गी वासुदेव
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