दोहरेपन पर खुलकर चोट
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दोहरेपन पर खुलकर चोट

by
Jan 31, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 31 Jan 2015 13:03:37

दोहरेपन पर खुलकर चोट
शांतिलाल जैन
उनींदी आंखें, अलसाया बदन, चाय की गरम चुस्की, कुछ देर और सो जाने के मन के बीच एक आदमी की अंत:चेतना को तड़ाक से एक तमाचा पड़ता है। तमाचे की तिलमिलाहट के बावजूद भी वह आदमी अगर मुस्करा उठता है- तो मान लीजिये उसने अभी अभी आर. के़ लक्ष्मण का एक ताजा व्यंग्य अखबार में देखा-पढ़ा है। पचपन बरस में हिन्दुस्थान में लाखोें पाठकों के दिनों की शुरुआत ऐसी ही तिलमिलाहटों और मुस्कुराहटों से होती रही है। विडम्बनाओं, विसंगतियों और दोहरेपन की शिकार जीवनचर्या, सामाजिक व्यवस्थाओं और दिनोंदिन दूषित होती राजनीतिक व्यवस्थाओं पर तमाचे रसीद करने वाले व्यंग्योंं को देख-पढ़कर तीन सुधी पीढि़यां भारत में जवान हुई हैं। पिछले कुछ वषार्ें से बीमारी के कारण लगे अल्पविराम पर अब नियति ने पूर्ण विराम लगा दिया है। प्रख्यात व्यंग्यकार आर.के़ लक्ष्मण अब हमारे बीच नहीं रहे। इस पर आई ज्यादातर प्रतिक्रियाओं में उन्हें आम आदमी का चितेरा ठहराकर कर्तव्य पूरा कर लिया गया है, मगर लक्ष्मण सिर्फ यही नहीं थे। वे खांटी देशी दृष्टि से हमारे समय, समाज में अंतर्निहित दोहरेपन पर चोट करने वाले व्यंग्यकार थे। वे सही मायनों में मानवता को समर्पित राष्ट्रभक्त थे।
स्व. आर. के़ लक्ष्मण ने कभी किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने वाले व्यंग्य नहीं बनाये। उनके पात्र दुनिया में आग लगाने और हिंसा फैलाने वाली वृत्तियों से दूर रहे। वे सभी मत-पंथों का आदर करते रहे और अपने धर्म का सही अनुपालन भी। उनकी कूची सही मायनों में निरपेक्ष रूप से चली। किसी बेतुकी परंपरा पर उन्होंने व्यंग्य भले ही किया हो, मगर पंथ, पंथ संस्थापकों और पांथिक अवधाराणाओं पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की। किसी फतवे, आदेश ने उनके काम पर अंगुली नहीं उठाई। वे सादगी से सच कहते-दिखाते रहे। मैसूर में तमिल परिवार में जन्मे स्व. लक्ष्मण के व्यंग्य चित्र में 'कैप्शन' अंग्रेजी में हुआ करते थे मगर वे अंग्रेजीदां नहीं थे। उनके विषय, उनके पात्र, उनके सरोकारों में, भारत का सचमुच आखिरी व्यक्ति हुआ करता था, जो आज भी अंग्रेजीदां व्यवस्था का सबसे बड़ा शिकार है। इसे अभिव्यक्त करने के लिये उन्हांेने एक आम आदमी रचा जो हर जगह उपस्थित तो रहता है मगर दखल देने की स्थिति में नहीं है। जो चुप रहता है, मगर मौन नहीं है। व्यवस्था भले ही जिसे नासमझ मानती है, लेकिन सच में तो वह उसे समझ पा रहा है। वह सत्ताधीशों के समक्ष विवश है। लक्ष्मण ने अपनी रेखाओं से उसे आवाज दी है। कॉमनमैन की दैनंदिनी से उपजने वाली पीड़ाओं, सवालों को उन्हांेने मुख्य रूप से अपने काम के केन्द्र में रखा। भ्रष्टाचार और शोषण पर वे तीखा प्रहार करते थे। अंग्रेजी उनके लिये सम्प्रेषण का माध्यम अवश्य रही परंतु अपने विचारों, कर्म, परंपरा, मूल्यों और संस्कृति से वे हिन्दुस्थानी बने रहे। अंग्रेजियत को उन्हांेने अपने राष्ट्रवादी मूल्यों पर हावी नहीं होने दिया।
आपातकाल के दौर में भी वे सत्ता के शिखर पुरुषों पर प्रहार करने से नहीं चूके। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री और उनके बेटे पर उस दौर में भी व्यंग्य चित्र बनाये जब अभिव्यक्ति पर कड़े पहरे थे। उनकी सक्रियता के दौर में देश में ज्यादातर कांग्रेस का शासन रहा, इसीलिये उसके नेताओं पर लक्ष्मण के व्यंग्य चित्रों की संख्या ज्यादा भले ही दिखाई दे मगर उन्होंने अन्य दलों और राजनेताओं को बख्शा कभी नहीं । वे कभी किसी दल या राजनेता का यशोगान करने वाले चित्रकार नहीं बने ।
उनको मैगसेसे, पद्म विभूषण, पद्म भूषण जैसे सम्मान मिले। उनके काम को अनेक माध्यमों में संजोकर रखा गया है। आने वाली पीढि़यां जब-जब उनके कालजयी काम को देखेंगी-पढं़ेगी तब-तब तिलमिलायेंगी भी और मुस्कुरायेंगी भी। ये मुस्कुराहटें ही उनका सच्चा सम्मान और सच्ची श्रद्घाञ्जलि होगी। (लेखक वरिष्ठ व्यंग्यकार हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies