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श्रीमद्भगवद्गीता के 5151 वर्ष पूरे होने पर गत 7 दिसम्बर को दिल्ली के लालकिला मैदान में 'गीता प्रेरणा महोत्सव' आयोजित हुआ। गीता मर्मज्ञ श्री रमेशभाई ओझा, शंकराचार्य स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी गुरुशरणानन्द जी महाराज, गीतामनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज, योग गुरु स्वामी रामदेव जैसे वरिष्ठ सन्तों के सान्निध्य में आयोजित इस महोत्सव की मुख्य अतिथि थीं विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज। समारोह में विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल की विशेष उपस्थिति रही। विशिष्ट अतिथि थे केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा। इस अवसर पर सन्तों ने सरकार से मांग की कि गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दिया जाए।
समारोह को सम्बोधित करते हुए श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि गीता पढ़ने से मन में उठने वाले सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं। प्रतिदिन दो श्लोक पढ़ने मात्र से ही जीवन को अच्छी तरह जीया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना चाहिए। श्री अशोक सिंहल ने कहा कि गीता हमें हर परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देती है। इसलिए इसे राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा मिलना चाहिए। स्वामी रामदेव ने कहा कि गीता मनुष्य को अपना कर्म करते हुए अच्छा जीवन बिताने की प्रेरणा देती है। इसलिए इसे हर व्यक्ति को पढ़ना चाहिए। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र में दिया था। इसलिए गीता और हरियाणा का गहरा सम्बंध है। अगले वर्ष कुरुक्षेत्र में गीता जयन्ती मनाने के लिए बजट दोगुना किया जाएगा। इस अवसर पर 5151 परिवारों ने गीता का सामूहिक पूजन और पाठ किया तथा बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
समारोह में गीता पर एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, महोत्सव का आयोजन ग्लोबल इंस्पारेशन एंड एलाइटमेंट ऑगनाइजेशन ऑफ गीता (जी.आई.ई.ओ.गीता) और कुछ अन्य धार्मिक संगठनों ने मिलकर किया था। इससे पहले 2 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने इस महोत्सव के लिए भूमिपूजन किया था। ल्ल
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