मुस्लिम जगत/अफीम का अंतरराष्ट्रीय गोरखधंधा :अफगानिस्तान से विश्वभर में फैलता अफीम का कारोबार
December 2, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

मुस्लिम जगत/अफीम का अंतरराष्ट्रीय गोरखधंधा :अफगानिस्तान से विश्वभर में फैलता अफीम का कारोबार

by
Dec 6, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Dec 2014 14:27:00

राजनीति और अफीम अफगानिस्तान में एक-दूसरे के पूरक हैं। नाटो की घोषणा के अनुसार अफगानिस्तान से समस्त विदेशी सेना अपने-अपने देशों में लौट जाएगी। लेकिन इसके पश्चात अफगानिस्तान में जो उथल-पुथल मचेगी उसका आंकलन करना बहुत कठिन नहीं है। अभी हाल ही में सम्पन्न आम चुनावों ने भी वहां किसी एक पार्टीको बहुमत देकर वास्तविक लोकतंत्र का मार्गप्रशस्त नहीं किया है। पहले तो यह तय हुआ कि सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले दो राष्ट्रपति बारी-बारी से सत्ता संभालेंगे, लेकिन काबुल से मिलने वाले अंतिम समाचार यह बतला रहे हैं कि वहां राष्ट्रीय स्तर की मिली-जुली सत्ता कायम हो गई है। यह सब होने के उपरांत भी लाख टके का यह सवाल शेष है कि क्या अफगानिस्तान में हो रहे इस प्रकार के प्रयोग से वहां स्थायी शासन कायम हो सकेगा? उक्त संभावना अब अधिक धूमिल हो गई है। इसका मुख्य कारण है इस बार वहां अफीम की पैदावार इतनी अधिक हुई है कि उसके नशे में सत्ताधीशों के साथ-साथ वहां के असामाजिक तत्व भी घूमने लगे हैं। अफगानिस्तान में यह कहा जाता है कि आपके पास पारस पत्थर नहीं है तो निराश मत होइये, यदि आपके खेत में अफीम की खेती हो सकती है तो बस उसकी बुवाई कीजिए और रातों-रात करोड़पति बन जाइए। आपको इन शब्दों पर विश्वास न हो तो मध्य-पूर्व से लगाकर अमरीका के समाचार पत्र उठाकर देख लीजिए। अफगानिस्तान में राजनीतिज्ञ हार गए हैं लेकिन तस्कर और तस्करी जीत गए हैं। अफीम की खेती ज्यों ही लहराने लगी उसी समय लोगों ने इस पर विचार करना शुरू कर दिया था कि अफगानिस्तान पश्चिमी एशिया में तो अपनी भौगोलिक स्थिति को लेकर अपना अलग से सामरिक महत्व बनाए हुए है ही लेकिन आर्थिक दुनिया में भी इस समय उसका भारी बोलबाला होने वाला है। जिसके पास पैसा होगा उसके पास आधुनिक हथियार आएंगे। हथियार मिलते ही आतंकवादी अपने निशाने पर आए अपने शत्रु को टकटकी बांधकर देखने लगंेगे। अफीम की खेती का पैसा जितना पश्चिमी दुनिया के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है उतना ही पाकिस्तान के लिए अभिशाप है। क्योंकि पाकिस्तान के राजनीतिज्ञों ने देश तस्करों के हवाले कर के अपने बैंक खातों को तो छलका दिया है लेकिन गरीब जनता के खून की अंतिम बूंद भी चूस ली है। सत्ता के दलाल बनकर राजनीतिज्ञ उसे युद्ध की ओर धकेल देते हैं। सेना उनके इशारे पर नाचती है और आम आदमी महंगाई की चक्की में पीसा जाता है। केवल अफगानिस्तान में ही नहीं भारत और पाकिस्तान में भी अफीम की खेती होती है, लेकिन पाकिस्तान की अफीम घटिया है। भारत एक बड़ा अफीम उत्पादक देश है लेकिन यहां सरकारी अंकुश कड़े हैं इसलिए किसान को उसका लाभ नहीं मिलता है। जबकि अफगानिस्तान में तो तालिबान का राज है जो उसका पूरा पैसा वसूल करते हैं। मुस्लिम राष्ट्र जिसे जिहाद की बातें करते हैं उसके पीछे भी अफीम के डोडे ही नाचते हुए दिखलाई पड़ते हैं। इन डोडों को चीरकर जो काला रस निकाला जाता है वही जम जाने के बाद अफीम कहलाता है। भारत में अफीम की खेती केवल सरकारी देखरेख में होती है। प्रतिवर्ष किसानों को पट्टे दिए जाते हैं। मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में इसका रिकार्ड उत्पादन होता है। नीमच नामक नगर में अंग्रेजों के समय से स्थापित ओपियम फैक्ट्री इन तथ्यों की पुष्टी करती है इसके पश्चात राजस्थान के पांच और उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में भी यह फसल बोई जाती है।
अफगानिस्तान में 2013 की तुलना में 2014 में इसका उत्पादन अपने कीर्तिमान पर पहुंच गया है। सेना की भाषा में इसे हथियारों की फसल का नाम दिया जाता है। राष्ट्र संघ के यूएनओडीसी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान में अफीम की खेती दो लाख 24 हजार हेक्टेयर भूमि में की जाती है। इस बार की पैदावार अनुमान से अधिक होने वाली है। इस प्रचुर उत्पादन के कारण अनेक देशों को यह चिंता सताने लगी है कि उनके यहां नशेडि़यों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाएगी। क्योंकि नशे की रोकथाम में उनके द्वारा होने वाली रोकथाम में करोड़ों डॉलर की वृद्धि प्रत्येक सरकार को करनी ही पड़ेगी। अपने मजदूरों के गिरते स्वास्थ्य और साथ ही सम्पन्न समाज में अफीम के सेवन से अनेक दूषण जन्म लेंगे जिनसे उनके यहां नागरिकों का स्वास्थ्य एक राष्ट्रीय चुनौती बन जाएगी। इस नशे की रोकथाम करने वाले विभाग का कहना है कि उनके नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए इसका नशा सबसे अधिक घातक है। ओपियम से अनेक दवाएं तैयार की जाती हैं लेकिन इसका सबसे अधिक उपयोग झूम बराबर झूम में ही होता है। अफगानिस्तान में अफीम की खेती दो लाख 24 हजार हेक्टेयर वैध रूप में होती है। अवैध रूप से कितनी पैदा की जाती है यह कहना और उसका आकलन करना कठिन है। संयुक्त राष्ट्र संघ के इस सम्बंध के विभाग के निदेशक जॉन न्यूक नीमाहयू का कहना है कि चूंकि अब वहां निर्वाचित सरकार आ गई है इसलिए संभवत: कुछ न कुछ तो अंतर पड़ेगा, लेकिन यह केवल अपने मन को दिलासा देने वाली बात है। अफगानिस्तान नशेडि़यों के लिए जन्नत है, उसमें और वृद्धि होगी और उनके पैसों से धड़ल्ले से हथियारों का व्यापार बढ़ेगा। दूसरी बात यह है कि जब अफगानिस्तान से विदेशी सेना हट जाएगी तो फिर यहां तालिबान का जोर बढ़ेगा। अपना राज स्थापित करने और दुनिया में अपना वर्चस्व पैदा करने की हूक मन में न केवल उठने लगेगी बल्कि आधुनिक हथियारों की खरीद से हिंसा का नंगा नाच और भी तीव्र हो जाएगा। विदेशी सेना के रवाना होते ही तालिबान फिर से अपने क्षेत्रों पर कब्जा कर लेंगे जहां उनका पहला काम है अपना दबदबा और वर्चस्व कायम करना और फिर से दुनिया में तालिबानी साम्राज्य कायम करने के लिए उठापटक शुरू करना। तालिबानों के आपसी गुटों में भी द्वंद्व बढ़ेगा, जिसका अर्थ होगा अफगानिस्तान का फिर से 20वीं शताब्दी के आठवें दशक में लौट जाना।
आंकड़े साक्षी हैं कि दुनिया में जितनी अफीम पैदा की जाती है उसका 80 प्रतिशत भाग अकेला अफगानिस्तान पैदा करता है। इसकी कुल आय का 70 प्रतिशत भाग अपने प्रतिस्पर्द्धी गुट से लोहा लेने और अपना वर्चस्व स्थापित करने की ललक में खर्च हो जाता हैं। विश्व के नशेडि़यों के लिए यह जन्नत है, इसलिए हर देश चाहता है कि इसका खात्मा हो लेकिन हथियार के व्यापारी इसका खात्मा नहीं होने देता चाहते। पिछले दिनों की तुलना में इसके भाव गिरे हैं लेकिन इसका मुनाफा यानी लाभांश बढ़ा है। इससे होने वाली कमाई 850 मिलियम डॉलर तक पहुंच गई है। जो अफगानिस्तान की कुल पैदावार का 4 से सात प्रतिशत माना जाता हैं। अब लाख टके का सवाल यह है कि क्या अमरीका चाहेगा कि अफगानिस्तान में अफीम की पैदावार कम हो, लेकिन अमरीका तो अब तक इस दुर्ग को तहस-नहस करने के लिए 7 अरब डॉलर खर्च कर चुका है, लेकिन अनुभव यह बतलाता है कि इससे नशेडि़यों में एक प्रतिशत की भी कमी नहीं हुई है। युवा पीढ़ी के नशेड़ी बढ़ रहे हैं जिनका एक ही नारा है….'दम मारो दम, मिट जाए गम'। इन नए नशेडि़यों की चुनौती है कि हम मिट जाएगे लेकिन हमारे साम्राज्य में तो दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि ही होगी, इसलिए मुस्लिम आतंकवादियों का नारा है अमरीका को भगाने और कमजोर करने का सबसे बड़ा प्रभावशाली शस्त्र केवल और केवल अफीम है। अफगानिस्तान के बलमंद नामक राज्य में अफीम की पैदावार सबसे अधिक होती है। विश्व में उपयोग की जाने वाली अफीम की पूर्ति का यह 80 प्रतिशत भाग पैदा करता है। इसकी पुष्टि स्वयं राष्ट्रसंघ करता है। अफीम की खेती में दिन प्रतिदिन जो वृद्धि हो रही है उसमें वर्तमान तकनीक की बहुत बड़ी भागीदारी है। नशीली वस्तुओं के उत्पादन की रोकथाम करने वाले विभाग के मुखिया लाल मोहम्मद अजीजी का कहना है कि कोई नहीं जानता है कि यह जिला कितनी अफीम पैदा करता है?
विश्व में अफीम की उपज कम करने सम्बंधी जितनी कार्रवाई हुई है उसमें से पचास प्रतिशत इसी जिले में हुई है। इस जिले में जब हवा का झोंका चलता है तो वह अपने साथ अफीम की गंध लेकर आता है। उनका कहना है कि उनके जीवन का यह अनुभव है कि 2009 में इस जिले में सबसे कम अफीम का उत्पादन हुआ। इसका श्रेय ब्रिटेन और अमरीका को जाता है, लेकिन समय के साथ इन दोनों देशों के उक्त प्रयास कम होते चले गए। आज तो बलमंद सबसे अधिक बलवान बनकर फिर से अफीम उत्पादन में अग्रणी हो गया है।
2011 से उसने फिर से अपनी रफ्तार पकड़ ली है। इस खेती के जानकार बतलाते हैं कि पिछले दो वर्षों में बलमंद फिर से बड़ा उत्पादक होकर अफगानिस्तान की मंदी को मंद कर रहा है। जिनेवा सम्मेलन में एक बार एक कृषि विशेषज्ञ ने कहा था कि अफगानिस्तान और अफीम ने मिलकर सम्भवत: यह तय किया है कि वे एक साथ मरेंगे और एक साथ चलेंगे। – मुजफ्फर हुसैन

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

Earthquake in Maharashtra: महाराष्ट्र के तीन जिलों में भूकंप के झटके, किसी के हताहत होने की नहीं मिली जानकारी

फिलीपींस के मिडानाओ में 7.4 की तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट

प्रतीकात्मक चित्र।

Ghaziabad: जन्म-मृत्यु और कोविड प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मोहम्मद साहिल, जुबेर और रियाजुद्दीन गिरफ्तार

कोयम्बटूर और मंगलुरू ब्लास्ट मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारा छापा

एनआईए का चार राज्यों में छापा, करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, नकली मुद्रा जब्त

Joe Biden Visit India: 4 दिवसीय भारत दौरे पर सितंबर में आएंगे जो बाइडेन, G20 समिट में लेंगे हिस्सा

चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी को लेकर अमेरिका चिंतित, चीन की यात्रा पर पाबंदी लगाने की उठी मांग

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Earthquake in Maharashtra: महाराष्ट्र के तीन जिलों में भूकंप के झटके, किसी के हताहत होने की नहीं मिली जानकारी

फिलीपींस के मिडानाओ में 7.4 की तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट

प्रतीकात्मक चित्र।

Ghaziabad: जन्म-मृत्यु और कोविड प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मोहम्मद साहिल, जुबेर और रियाजुद्दीन गिरफ्तार

कोयम्बटूर और मंगलुरू ब्लास्ट मामले में एनआईए ने तीन राज्यों में मारा छापा

एनआईए का चार राज्यों में छापा, करेंसी रैकेट का भंडाफोड़, नकली मुद्रा जब्त

Joe Biden Visit India: 4 दिवसीय भारत दौरे पर सितंबर में आएंगे जो बाइडेन, G20 समिट में लेंगे हिस्सा

चीन में फैली रहस्यमयी बीमारी को लेकर अमेरिका चिंतित, चीन की यात्रा पर पाबंदी लगाने की उठी मांग

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

2 दिन बाद आ रहा मिचौंग तूफान, इन राज्यों में अलर्ट, स्कूल बंद, कई ट्रेनें कैंसिल

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

उत्तराखंड के सीएम ने पीएम मोदी से की मुलाकात, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए दिया आमंत्रण

मध्यप्रदेश शांति का टापू, तनाव फैलाने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : नरोत्तम मिश्रा

MP Assembly Election Results : नरोत्तम मिश्रा का कांग्रेस पर हमला, कहा- कल के बाद EVM पर भी सवाल खड़े होंगे

कथित प्राइड परेड में हिंदुत्व से आजादी के नारे, लेकिन ईरान, फिलिस्तीन जैसे देशों में समलैंगिकों की हत्याओं पर चुप्पी?

कथित प्राइड परेड में हिंदुत्व से आजादी के नारे, लेकिन ईरान, फिलिस्तीन जैसे देशों में समलैंगिकों की हत्याओं पर चुप्पी?

‘ज्यादा बच्चे पैदा करो, परिवार बड़े करो’, पुतिन का रूसियों से आह्वान

‘ज्यादा बच्चे पैदा करो, परिवार बड़े करो’, पुतिन का रूसियों से आह्वान

आप सांसद संजय सिंह को मानहानि का नोटिस

दिल्ली आबकारी नीति मामला : ED ने संजय सिंह के खिलाफ कोर्ट में पेश की चार्जशीट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies