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इन दिनों दुनिया के पांंच देशों-पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नाइजीरिया, इराक और सीरिया से मरने और मारने की सबसे अधिक खबरें आ रही हैं। मरने वाले और मारने वाले दोनों ही प्राय: मुसलमान हंै। अब नाइजीरिया को ही देख लें। उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के एक विद्यालय में 10 नवम्बर को हुए आत्मघाती हमले में 78 छा़त्रों की मृत्यु हो गई। अनेक लोग घायल भी हुए। हमला करने वाला आतंकवादी उस विद्यालय की वर्दी पहन कर आया था। यह विद्यालय पोस्टिकम शहर में है और उसका नाम है 'साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी स्कूल'। जब हमला हुआ उस समय विद्यालय में 2000 से भी अधिक छात्र उपस्थित थे। पुलिस का कहना है कि इस हमले के पीछे आतंकवादी संगठन बोको हराम का हाथ है। उल्लेखनीय है कि नाइजीरिया में लगभग पांच वर्ष में आतंकवाद के कारण हजारों लोगों की मौत हुई है। बोको हराम नाइजीरिया को 'दारूल हरब' बनाना चाहता है। उसकी राह में जो भी बाधा बनता है उसको मौत के घाट उतार दिया जाता है। बोको हराम अपनी राह में सबसे बड़ी बाधा पश्चिमी शिक्षा को मानता है। इसीलिए वह विद्यालयों को निशाना बनाता रहता है। बोको हराम का मानना है कि पश्चिमी शिक्षा से मुसलमानों की नई पीढ़ी मजहब से दूर हो
रही है। ल्ल
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