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नई दिल्ली में 10 नवम्बर को 'राष्ट्र के बौद्धिक विकास में साहित्य एवं मीडिया की भूमिका' विषय पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी को स्म्बोधित करते हुए गोवा की राज्यपाल और जानी-मानी साहित्यकार श्रीमती मृदुला सिन्हा ने कहा कि व्यक्ति के विकास में शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यही सारे तत्व समाज का विधान बनाते हैं। इसी तरह राष्ट्र का अपना एक व्यक्तित्व होता है, जो कि जीवन्त होता है। अत: राष्ट्र के विकास के लिए इन्हीं तत्वों के श्रेष्ठ संयोजन की आवश्यकता है। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि पत्रकारों को कुछ भी लिखने से पहले उसके परिणामों पर विचार जरूर करना चाहिए। उन्होंने साहित्यकारों और पत्रकारों से यह भी कहा कि वे मधुमक्खी की तरह कार्य करें और देश के हर कोने से पराग इकट्ठा कर समाज में बांटें। गोष्ठी के मुख्य वक्ता और वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलकिशोर गोयनका ने कहा कि साहित्य और मीडिया के जरिए लोगों को आपस में जोड़ने से ही बौद्धिकता का विकास होगा। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति डॉ. बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि नर से नारायण बनना ही वास्तविक बौद्धिक विकास है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीश उपासने सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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