ये फिल्मकार हैं या 'शैतान'
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

ये फिल्मकार हैं या 'शैतान'

by
Nov 15, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 15 Nov 2014 12:39:24

अंक संदर्भ : 19 अक्तूबर, 2014
आवरण कथा 'है…डर' से प्रतीत होता है कि देश में एक ऐसा वर्ग है, जो मनोरंजन की आड़ में हिन्दू राष्ट्र एवं हिन्दू संस्कृति को नीचा दिखाने का कार्य कर रहा है। वह भारतीय सेना जो कश्मीर सहित सम्पूर्ण देश में आई विपदाओं को अपने ऊपर लेकर एवं अपने प्राणों की चिंता न करते हुए देशवासियों को जीवन देने का कार्य करती है, उस भारतीय सेना की निष्ठा व देश सेवा पर फिल्मों में सवाल उठाया जाता है। कुछ फिल्मकारों का एक ही उद्देश्य रह गया है कि वे देश की अस्मिता व अखंडता की रक्षा में रात-दिन लगी सेना को साहस देने की बजाय उसको कमजोर करने का प्रयास करते हैं। वास्तव में इनके लिए यही कहना उचित होगा कि ये मनोरंजन दूत के वेष में वे भेडि़ये हैं जो देश तोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
—कमलेश कुमार ओझा
पुष्प विहार (दिल्ली)
० जान हथेली पर रखकर देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीद सैनिकों का अपमान करने वाली फिल्म की पटकथा को पर्दे पर प्रदर्शित करने वाले फिल्मकार विशाल भारद्वाज संकीर्ण सेकुलरवादी राजनीति का मोहरा व्यक्त होते हैं। सैनिकों की राष्ट्र भक्ति व राष्ट्र के प्रति उनके उच्च कर्त्तव्यों को हैदर जैसी फिल्म ठेंगा दिखाने की कोशिश करें यह कार्य अक्षम्य नहीं है। कुल मिलाकर इस फिल्म से यह स्पष्ट हो जाता है कि कुछ लोग हैं, जो मनोरंजन की आड़ में अपना स्वार्थ सिद्ध करके देश को नुकसान पहुंचाने की जुगत में हैं। साथ ही संविधान में दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग भी कर रहे हैं।
-मोहन मिश्रा, गुड़गांव (हरियाणा)
० हैदर फिल्म पूरी तरह से देशद्रोही है। जिस प्रकार फिल्म के दृश्यों व उसकी पटकथा को फिल्माया गया है वह पूर्णत: झूठी है। जब फिल्म इतना कुछ बताती है तो उसमें यह क्यों नहीं बताया जाता कि आखिर कश्मीर में प्रतिदिन सेना के जवानों की हत्या कौन करता है? वे कौन लोग हैं, जो पाक के इशारे पर सेना पर पत्थरों से हमला करते हैं? हिन्दुस्थान मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले घाटी के लोग कौन हैं? क्या इन सवालों का जवाब फिल्म निर्देशक के पास है? सच तो यह है कि अगर जम्मू-कश्मीर में सेना थोड़ा सा भी नियंत्रण खो दे, तो कश्मीर के हर घर में रहने वाले आतंकी क्या गुल खिला सकते हैं यह पूरे देश को पता है।
—राममोहन चन्द्रवंशी
टिमरनी जिला-हरदा (म.प्र.)
० पाञ्चजन्य ने हैदर का विश्षलेणात्मक विवरण प्रस्तुत कर खुलासा किया कि किस प्रकार भारत की एकता और अखंडता पर कुछ लोगों द्वारा प्रहार किया जा रहा है। एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की अस्मिता व एकता का परचम चारों ओर लहराते हुए विशेषता दर्शा रहे हैं तो दूसरी ओर ये फिल्मकार देश को ही नीचा दिखाने पर तुले हैं। सच तो यह है कि अभी भी एक कुनबा ऐसा है, जो मुसलमानों के दुख दर्द को सम्पूर्ण मानवता का दुख दर्द समझता है पर इनकी करनी को छुपा लेता है। ऐसे लोगों से सवाल है कि क्या उन्होंने कभी लाखों कश्मीरी हिन्दुओं की फिक्र की, जिनको उनके ही घर में मौत के घाट उतार दिया गया था? क्या कभी यह चिंता की जो हिन्दू बचे थे वे किस प्रकार हालत में रह रहे होंगे? उनके बच्चों का लालन-पालन किस प्रकार हो रहा होगा? इन सब सवालों पर इन सेकुलरों का मुंह सिल जाता है। सच तो यह है कि इसकी चिंता इनको कभी नहीं हुई क्योंकि इनका गुनाह ये है कि ये सभी हिन्दू थे और आज भी हैं।
—जमालपुरकर गंगाधर
जियागुडा (हैदराबाद)
मुसलमानों का आतंक
गोरक्षपीठ के महन्त व भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम आतंक की परिभाषा को सही ढ़ग से पूरे देश को बताया है। भारत सहित विश्व के अन्य देशों में मुसलमानों द्वारा किए जा रहे  घृणित कार्य इस बात के प्रमाण हैं कि वे जहां भी रहते हैं कुछ न कुछ हरकतें करते रहते हैं। देश की जनता को जागरूक होकर इनका मुकाबला करना होगा क्योंकि यह देश के विकास में कम तोड़फोड़ में ज्यादा भागीदारी निभाते हैं, इसलिए ऐसे लोगों को करारा जवाब देना समय की मांग है।
—हरिओम जोशी
भिण्ड (म.प्र.)
सेकुलर नीति
'नेहरू की विरासत है कश्मीर समस्या' लेख नेहरू की सेकुलर नीति की पूरी कलई खोलता है। आज देश जान चुका है कि कैसे नेहरू ने मुस्लिम प्रेम और अपनी हठधर्मिता के चलते कश्मीर समस्या को सुलझाने के बजाय और उलझाने की कोशिश की। यह सब स्वराष्ट्र प्रेम के अभाव के कारण ही हुआ। आज भी यह परिवार देश की जनता को बरगलाने में लगा हुआ है। लेकिन अब देश इनके बरगालाने में नहीं आने वाला।
—सताराम बेनीवाल, वेडि़या, जालौर (राज.)
जनहित की सरकार
जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आई है तब से देश में अत्यधिक बदलाव दिखाई दे रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति का पहिया अपने वेग से दौड़ रहा है। महंगाई से लेकर आम जनता के सभी हितों का भाजपा सरकार पूरा ध्यान रख रही है। इन सभी चीजों से स्पष्ट हो गया है कि असल में भारत की जनता को अब जनहित की सरकार मिली है नहीं तो अब तक रही कांग्रेस की सरकार ने देश और जनता को लूटा ही है।
—निशान्त कुमार, गाजियाबाद (उ.प्र.)
आचरण की शिक्षा पर जोर हो
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित न्यायिक अधिकारियों का प्रशिक्षण के उपरांत,उनके स्वयं के दुराचरण के चलते सेवा से बर्खास्त हो जाना एक अभूतपूर्व घटना है। कड़ी मेहनत से अपनी मंजिल को प्राप्त करने वाले इन कानूनविदोंं की प्रतिभा और बौद्धिक क्षमता पर संदेह होता है। इसके पीछे के कारण में जायें तो पता चलता है कि उन्होंने किताबी ज्ञान तो बहुत प्राप्त किया पर आचरण की शिक्षा का उनमें अभाव रहा। ये तो कुछ लोगोंं के उदाहरण हंै। समाज में आने वाली नई युवा पीढ़ी अधिकतर ऐसी ही है। राज्य और केन्द्र सरकारों को चाहिए कि वह किताबी ज्ञान से कहीं अधिक सदाचरण की शिक्षा पर जोर दे एवं उसे पाठ्यपुस्तकों मेंं अनिवार्य रूप से लागू करवाए।
—डॉ. विष्णु प्रकाश पाण्डेय
अलीगढ़(उ.प्र.)
शर्मनाक बयान
अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का टी.वी पर एक बयान आया, जिसमें वे कह रहे थे कि कोई भी पाकिस्तान और उसकी सेना को हल्के में न ले…। पूर्व राष्ट्रपति इसके बाद भी बहुत कुछ बोले। इस तरीके के बयानों से एक बात स्पष्ट हो जाती है कि पाकिस्तान और वहां के हुक्मरान हर समय भारत के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़े रहते हैं। जिस तरीके से अपने बयान के माध्यम से मुशर्रफ ने कश्मीरियों को भड़काया वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है। वैसे पाकिस्तान की खीझ जायज भी है क्योंकि आज उसके घृणित कार्यों को पूरा विश्व जान चुका है।
-एस.एन.झा
गंगोत्री अपार्टमेंट,सिविललाइन,जबलपुर
परिवर्तन की आवश्यकता
पाकिस्तान जिस तरह से घोषित एवं अघोषित तौर पर सीमा पर युद्ध के हालात बनाए हुए है, वह बहुत ही निंदनीय है। भारत को चाहिए कि वह पाकिस्तान को करारा जवाब दे ताकि वह दोबारा इस प्रकार की हरकतों से बाज आए। साथ ही कश्मीर के मुसलमानों को समझना होगा कि उनका निज धर्म मुस्लिम है पर असल में वे हिन्दुस्थानी हैं।
—अंशु राजानी
तीन खंबा गली, शाहजहांपुर (उ.प्र.)
साकार होता सपना
वैसे तो स्वच्छता का विषय महत्वपूर्ण होते हुए भी छोटा रहा है। लेकिन जब से भारत के प्रधानमंत्री ने इस पर रुचि दिखाई और जिस प्रकार समस्त देशवासियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए स्वयं झाड़ू उठाई वह वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं।
—भूपेन्द्र राठौर
नया पलासिया, इन्दौर (म.प्र.)
धार में आई तेजी
पाञ्चजन्य का जब से स्वरूप परिवर्तन हुआ है तब से यह और भी धारदार हो गया है। देश-प्रदेश में घटित होने वाली घटनाओं का प्रस्तुतीकरण, राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय घटनाओं का सटीक वर्णन साथ ही विभिन्न स्तंभों पर आलेख पत्रिका के महत्व को प्रकट करते हैं। समसामयिक घटनाओं पर पाञ्चजन्य की बेबाक टिप्पणियां सराहनीय हैं।
—गोकुल चंद गोयल
सवाई माधोपुर (राज.)
गरीबों के हक पर डाका
भारत सरकार देश के गरीबों के लिए अन्न योजना सहित कई जनहित योजनाएं चलाती है। जिसमें गरीबों को कम दर पर अन्न सहित कई चीजें उपलब्ध होती हैं। लेकिन सवाल उठता है कि क्या वास्तव में इसका लाभ उन तक पहुंच पाता है जिन तक पहुंचना चाहिए? तो इसका उत्तर है नहीं। सच तो यह है कि किसी एक प्रदेश में नहीं बल्कि अधिकतर प्रदेशों में अन्त्योदय योजना में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि पूरे वर्ष में दो से तीन बार या इससे कुछ अधिक बार ही अन्न एवं अन्य सामग्री मिल पाती है और बाकी के महीनों का राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। गरीबों के राशन पर दबंगों का ऐसा कब्जा है कि उनके थोड़े से विरोध पर उनके साथ क्या होता है प्रतिदिन समाचारों में छपता रहता है। कोटेदार से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक को इसका हिस्सा भी जाता है तो फिर शिकायत करने से भी क्या फायदा। साथ ही जब बी.पी.एल का सर्वे होता है तो अधिकतर वे लोग गरीबी रेखा में शामिल हो जाते हैं जो इसके पात्र तक नहीं होते हैं और इस तरह वे दोहरा लाभ लेते रहते हैं। सब कुछ जानकर भी इस पर कोई कुछ नहीं बोलता। केन्द्र और राज्य सरकार को चाहिए कि वह प्रत्येक प्रखंड स्तर से लेकर जिले स्तर तक के अधिकारियों को इस दिशा में ईमानदारी से लगाएं। क्योंकि यह अन्त्योदय लाखों गरीबों के परिवार पालने का एकमात्र जरिया है और इसी के भरोसे वह जीवन काटते हैं। इसलिए हर गरीब तक उनका हक पहुंचे यह वर्तमान सरकारों को सुनिश्चित करना होगा। तभी जाकर सरकार का सपना साकार होगा।
—रामकुमार वस्तकार
चंगोरी, जिला-जांजगीर चांपा (छ.ग.)
दिल्ली में चुनावी शंख
दिल्ली में है बज गया, पुन: चुनावी शंख
नेता फिर उड़ने लगे, लेकर उजले पंख।
लेकर उजले पंख, वही आश्वासन-वादे
पहले से भी ज्यादा हैं मजबूत इरादे।
कह 'प्रशांत' किसकी किस्मत में होगी माला
और पिटेगा किसका अबकी बार दिवाला॥
—प्रशांत

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्ग: स्वाभिमान और स्वराज्य की अमर निशानी

महाराष्ट्र के जलगांव में हुई विश्व हिंदू परिषद की बैठक।

विश्व हिंदू परिषद की बैठक: कन्वर्जन और हिंदू समाज की चुनौतियों पर गहन चर्चा

चंदन मिश्रा हत्याकांड का बंगाल कनेक्शन, पुरुलिया जेल में बंद शेरू ने रची थी साजिश

मिज़ोरम सरकार करेगी म्यांमार-बांग्लादेश शरणार्थियों के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड, जुलाई से प्रक्रिया शुरू

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

‘कोचिंग सेंटर का न हो बाजारीकरण, गुरुकुल प्रणाली में करें विश्वास’, उपराष्ट्रपति ने युवाओं से की खास अपील

अवैध रूप से इस्लामिक कन्वर्जन करने वाले गिरफ्तार

ISIS स्टाइल में कर रहे थे इस्लामिक कन्वर्जन, पीएफआई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन से भी कनेक्शन

छांगुर कन्वर्जन केस : ATS ने बलरामपुर से दो और आरोपी किए गिरफ्तार

पंजाब में AAP विधायक अनमोल गगन मान ने दिया इस्तीफा, कभी 5 मिनट में MSP देने का किया था ऐलान

धरने से जन्मी AAP को सताने लगे धरने : MLA से प्रश्न करने जा रहे 5 किसानों को भेजा जेल

उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 : पारदर्शिता, तीव्रता और दूरदर्शिता के साथ काम कर ही है धामी सरकार – अमित शाह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies