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हिमाचल प्रदेश में मनाली-कीरतपुर राजमार्ग पर व्यास नदी मंे 126 मेगावाट लारजी जलविद्युत परियोजना बांध का पानी छोड़े जाने से दो शिक्षकों सहित 24 छात्र-छात्राओं की मौत हो गई। ये सभी हैदराबाद इंजीनियरिंग कॉलेज से पर्यटन के लिए आए हुए थे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये, जबकि आंध्र प्रदेश सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये की मदद करने का ऐलान किया है। हादसे को लेकर लोकसभा व राज्यसभा में भी शोक प्रकट किया गया।
हैदराबाद के वीएनआर विज्ञान ज्योति इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले करीब 46 छात्र-छात्राएं और दो शिक्षक दो बसों से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के लिए गए हुए थे। गत 8 जून की शाम इनमें से एक दल में शामिल करीब16 छात्र, 6 छात्राएं और दो शिक्षक मंडी से 40 किलोमीटर दूर थलौट में नहाने और फोटो खिंचवाने के लिए उतरे थे। इसी बीच पीछे से लारजी बांध से अचानक बिना चेतावनी के पानी छोड़ दिया गया और तेज बहाव में ये सभी बह गए।
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इस हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस और राहत दल की टीम मौके पर पहंुच गई। इनके दूसरे साथी नदी किनारे ही रुक गए थे। आरोप है कि बांध से पानी छोड़ने से पूर्व संबंधित विभाग द्वारा कोई चेतावनी नहीं दी गई। छात्रों का आरोप है कि राहत कार्य काफी विलंब के बाद शुरू किया गया था। हादसे का शिकार हुए करीब आधा दर्जन छात्रों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इन शवों को हवाई जहाज से भेज दिया गया। हादसे के बाद केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी हिमाचल पहंुचकर स्थिति का जायजा लिया और पीडि़तों को केन्द्र व राज्य से हरसंभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। जांच में पता लगा है कि स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर शिमला ने 8 जून की देर शाम लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट प्रबंधन को विद्युत उत्पादन बंद करने को कहा था। विद्युत उत्पादन बंद करने से व्यास व पार्वती नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी आ गया और लारजी बांध का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा पहंुचा। इस खतरे को भांपते हुए बांध के सभी द्वार खोल दिए गए जिससे अंजान छात्र-छात्राएं हादसे का शिकार हो गए। इस मामले में हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड ने तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। वहीं समाचार पत्रांे में प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 16 जून तक सरकार को स्टेटस रपट सौंपने को कहा है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने कहा कि कुछ युवा छात्रों का आनंद विद्युत परियोजना अधिकारियों की लापरवाही से शोक में बदल गया। बिना चेतावनी दिए पानी छोड़े जाने को गलती नहीं कहा जा सकता है।
छात्रों की मौत के मामले में तेलंगाना के गृह मंत्री एन. रेड्डी ने कहा है कि कॉलेज का इंडस्ट्रियल टूर पिकनिक टूर कैसे बन गया इसकी जांच कराई जाएगी और कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मंडी पहंुचकर बताया कि कॉलेज को सिर्फ इंडस्ट्रियल टूर की ही अनुमति दी गई थी। उन्होंने 46 बच्चों की देखभाल के लिए मात्र 3 शिक्षक टूर पर भेजे जाने पर भी सवाल उठाया है। हादसे के बाद आंध्र प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एम. नारायण, सांसद वाई. बी. सुब्बा रेड्डी, मिथुन रेड्डी, एम. माला. रेड्डी, पी. श्रीनिवासन सहित कई सांसद मंडी पहंुच गए। – प्रतिनिधि
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