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पिछले दिनों ब्रिटेन में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एम. क्यू. एम.) के नेता अल्ताफ हुसैन की गिरफ्तारी हुई। उनकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के हैदराबाद, कराची, सक्खर आदि शहरों में आगजनी और हिंसा शुरू हो गई। देखते ही देखते 150 करोड़ रुपए से अधिक की अचल सम्पत्ति का नुकसान हो गया। अल्ताफ हुसैन पर हवाला का आरोप है। यह भी कहा जा रहा है कि ब्रिटेन में हवाला का कारोबार अल्ताफ की देखरेख में ही फलफूल रहा है। ब्रिटेन की पुलिस काफी समय से अल्ताफ पर नजर रख रही थी।
अल्ताफ 1991 से लन्दन में रह रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान जाने पर उनकी हत्या की जा सकती है। लन्दन से ही वे अपनी पार्टी एम. क्यू. एम. का संचालन करते हैं। 60 वर्षीय अल्ताफ का जन्म कराची में एक मुहाजिर परिवार में हुआ है। पाकिस्तान में मुहाजिर वहां के उन मुसलमानों को कहा जाता है,जो 1947 में भारत विभाजन के समय उत्तर प्रदेश,बिहार,बंगाल आदि राज्यों से पाकिस्तान गए थे। इन मुहाजिरों के साथ शुरू से भेदभाव होता रहा है। अभी भी मुहाजिरों को समान अवसर नहीं दिया जाता है। अस्सी के दशक में कई मुहाजिर नेता भेदभाव के विरोध में खुलकर सामने आए और मुहाजिरों को समान अवसर देने की मांग करने लगे। इन्हीं में से एक अल्ताफ हुसैन हैं। इन्होंने 1984 में एम. क्यू. एम. का गठन किया था। एक समय में एम. क्यू. एम. पाकिस्तान में तीसरी ताकत बन कर उभरी थी। इसके बाद सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर अल्ताफ का विरोध शुरू हुआ और वे लन्दन चले गए।
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