दिंनाक: 17 May 2014 14:20:46 |
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आस्ट्रेलियन नेशनल हिन्दू कॉन्फ्रेंस' सम्पन्न
न्यू साउथ वेल्स (आस्ट्रेलिया) में गत दिनों तीसरी ह्यआस्ट्रेलियन नेशनल हिन्दू कॉन्फ्रेंसह्ण आयोजित हुई। इसमें आस्ट्रेलिया के अनेक हिन्दू संगठनों और हिन्दू मन्दिर संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा बौद्ध और सिख संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इसके मुख्य अतिथि थे सांसद और आस्ट्रेलिया सरकार के सचेतक फिलिप राडॉक। इनके अलावा आस्ट्रेलिया सरकार में मंत्री भूपिन्दर छिब्बर और विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय सह संयोजक और संयुक्त सचिव स्वामी विज्ञानानन्द भी इसमें शामिल हुए। इसका उद्देश्य था हिन्दू मन्दिरों और हिन्दू संगठनों को आस्ट्रेलिया के समाज के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु प्रेरित करना। सम्मेलन का उद्घाटन गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। वक्ताओं ने अनेक सत्रों में हिन्दू मन्दिरों और संगठनों के कार्यों और समाज में उनकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। – प्रतिनिधि
'सक्षम' ने मनाई सूरदास जयन्ती
गत 4 मई को पटना में दृष्टिहीनों के लिए कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्था 'सक्षम' ने सूरदास जयन्ती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। सक्षम के दक्षिण बिहार प्रान्त के अध्यक्ष श्री अनिरुद्ध मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आम लोगों की भागीदारी रही। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और सक्षम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. कमलेश कुमार ने कहा कि दृष्टिहीनों को सूरदास जी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। दृष्टिहीन होने के बावजूद उन्होंने वह काम कर दिखाया है,जो एक सामान्य व्यक्ति के लिए सपना ही है। सक्षम के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के संयोजक डॉ. कान्त मनु चौरसिया ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर दृष्टिहीन आयोग बनना चाहिए। कार्यक्रम को शिक्षाविद् श्री प्रदीप कुमार लाजरस और नेत्रहीन उच्च विद्यालय,कदमकुआं के प्रधानाचार्य श्री खगेन्द्र पासवान ने भी सम्बोधित किया।
– प्रतिनिधि
दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण की पहल
12 मई को चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान के तत्वावधान में ह्यचित्रकूट की जैव विविधता में दुर्लभ प्रजातियांह्ण विषय पर विद्वानों और जैव विशेषज्ञों ने गहन चिंतन-मनन किया। विद्वानों ने कहा कि चित्रकूट आदिकाल से ही जैव विविधता के रूप में परिपूर्ण रहा है। चित्रकूट पर्वत पर हजारों औषधीय पौधे पाए जाते हैं। कुल 223 तरह के पौधे कामदगिरी पर्वत पर हैं। चित्रकूट के 84 कोसीय क्षेत्र में 780 प्रजातियों के पौधे पाए जाते हैं, जिनमें से 78 पौधे संकटग्रस्त हंै।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीनदयाल शोध संस्थान के मुख्य सचिव डॉ़ भरत पाठक द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन कर रहे जन शिक्षण संस्थान,चित्रकूूट के निदेशक एवं औषधीय-हर्बल उद्यान के विशेषज्ञ डॉ़ रामलखन सिंह सिकरवार ने बताया कि हमारे देश की जैव विविधता में 91,000 जीव-जन्तु और 49,000 वनस्पतियां हैं। एशिया में पक्षियों की 2700 प्रजातियां हैं, जिनमें से 1232 भारत में हैं और 141 प्रजाति भारत के अलावा दुनिया में कहीं नहीं हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र, गनीवां, चित्रकूट के कार्यक्रम समन्वयक डॉ़ नरेन्द्र सिंह ने चित्रकूट क्षेत्र की दुर्लभ फसलों के बारे में बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में मडुआ के प्रति किसानों का रुझान कम हो रहा है। कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां-सतना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ़ राजेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से सतना जिले में धान की 100 किस्मों को संरक्षित किया गया है। कुल 144 प्रकार की फसलें सतना जिले में उगाई जा रही हैं। इस क्षेत्र में बैंगन की बहुरूपीय प्रजातियां हैं। गोवंश विकास एवं अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी डॉ़ रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि 1952 में गोवंश की देश में 52 प्रजातियां थीं और 2012 की गणना के अनुसार 34 प्रजातियां बची हैं। इस अवसर पर कृषि क्षेत्र से जुड़े अनेक विद्वान उपस्थित थे।
-प्रतिनिधि
गोहत्या के विरुद्ध प्रदर्शन
11 मई को दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के खड़खड़ी गांव में हुई गोहत्या के विरुद्ध स्थानीय लोगों,विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। इन लोगों ने राजधानी में बढ़ती गोहत्या की घटनाओं पर अविलम्ब अंकुश लगाने की मांग दोहराई। खड़खड़ी गांव में 11 मई की प्रात: लगभग आधा दर्जन गायों के क्षत-विक्षत अंग देखकर ग्रामवासी हतप्रभ रह गए। देखते ही देखते घटनास्थल पर सैकड़ों लोग और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता पहंुच गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी,पर पुलिस दोपहर बाद तक भी दोषियों के खिलाफ कुछ नहीं कर पाई। इसके बाद गुस्साए लोगों ने प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया। -प्रतिनिधि
सुदूर अरुणाचल प्रदेश में महिला सम्मेलन
अरुणाचल प्रदेश के बरदुमसा में 9 से 11 मई तक महिला सम्मेलन आयोजित हुआ। अरुणाचल विकास परिषद् द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न भागों के 28 गांवों से 275 महिलाओं ने भाग लिया। सम्मेलन के प्रारंभ में राज्य के पूर्व मंत्री नेवालाई तिंगतरा के निधन पर शोक जताया गया। इसके बाद सम्मेलन के मुख्य अतिथि और पूर्व मंत्री श्री कोमोली मोसांग ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाएं परिवार और समाज की मुख्य धुरी होती हैं। महिलाओं के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। समाज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की बहुत ही अहम भूमिका रहती है, इसलिए हमें भी समाज में शान्तिपूर्ण और उत्साहवर्धक वातावरण बनाए रखने में योगदान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने बच्चों के प्रति सजग रहने की जरूरत है,क्योंकि आधुनिकता के नाम पर वे अपनी परम्परा से दूर हो रहे हैं। विशिष्ट अतिथि श्री सिक्तांग सिंगफो ने पूरे इलाके में जनजागरण के लिए अरुणाचल विकास परिषद् की बड़ी प्रशंसा की। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने बताया कि अरुणाचल विकास परिषद् इस क्षेत्र में स्वास्थ्य,शिक्षा,युवाओं में जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं के सशक्तिकरण में प्रमुख भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पासीघाट में महिलाओं ने नशामुक्ति में भी अपना योगदान दिया है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे रानी गाइदिन्ल्यू को आदर्श मानकर आगे बढ़ें।'समाज में महिलाओं की भूमिका' विषय पर श्रीमती यामेक तागु,'पूर्वोत्तर भारत की महान महिलाओं' पर श्रीमती बीना बोरा, 'वनवासी समाज में पहंुच बनाने के लिए आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण' पर श्री संदीप कवीश्वर ने अपने विचार रखे। समारोह के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए श्री एस.एन. सिंगफो ने कहा कि महिलाओं की शक्ति की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। सावित्री ने अपनी शक्ति के बल पर अपने मृत पति को यमराज के हाथ से वापस प्राप्त कर लिया था। इनके अतिरिक्त अनेक लोगों ने भी समापन समारोह कोसम्बोधित किया।
-प्रतिनिधि
महिला सुरक्षा नीति पर संगोष्ठी
नई दिल्ली में 10 मई को सामाजिक संस्था 'दृष्टि' के तत्वावधान में महिला सुरक्षा नीति पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करने वाली संस्था 'महिला समन्वय' की राष्ट्रीय संयोजिका सुश्री गीता ताई गुण्डे ने कहा कि नैतिक मूल्यों की स्थापना से ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। मूल्य आधारित समाज बनेगा तो इसका सुपरिणाम हर जगह दिखेगा, चाहे पुलिस हो या न्याय व्यवस्था। इसके लिए उन्होंने ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे व्यक्ति के आचरण में नैतिक मूल्य उतर आएं। संगोष्ठी में अपनी जान देकर राष्ट्रीय चेतना की अलख जगा देने वाली बहादुर बेटी ह्यनिर्भयाह्ण के माता-पिता भी उपस्थित थे। राज्यसभा की सदस्य श्रीमती स्मृति ईरानी ने निर्भया और उनके माता-पिता को नमन करते हुए कहा कि यदि आज वह जीवित होती तो वह अपना 25वां जन्मदिन मनाती। उन्होंने संपूर्ण समाज की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए सभी मोचोंर् पर एक साथ युद्धस्तर पर काम करने का आह्वान किया। देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी डॉ़ किरण बेदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज के सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा। गोष्ठी को उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता श्रीमती माधवी दीवान, स्वयंसेवी संस्था 'संपूर्णा' की अध्यक्ष डॉ़ शोभा बिजेन्द्र आदि ने भी सम्बोधित किया।संगोष्ठी का संचालन उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने किया। इस अवसर पर लॉ कॉलेज, अमृतसर के प्रो़ विनय कपूर की पुस्तक 'पर्सपेक्टिव्ज ऑन इंडियन पर्सनल लॉज, स्टेटस ऑफ वीमेन' का लोकार्पण भी हुआ।
-प्रतिनिधि
सीधी में 464 लोगों को मिली नेत्र ज्योति
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में इन दिनों सतगुरु नेत्र चिकित्सालय,चित्रकूट की देखरेख में नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर आयोजित हो रहे हैं। पिछले कुछ ही समय में 6 शिविर आयोजित हो चुके हैं। इनमें 1627 मरीजों का पंजीकरण हुआ और 464 मरीजों का सफल ऑपरेशन चित्रकूट में कराया गया। अभी और 3 जांच शिविर प्रत्येक माह की 22 तारीख को रोली मेमोरियल ट्रस्ट, सीधी में आयोजित किए जाएंगे। शिविर में नेत्र संबंधी सभी रोगों की जांच चित्रकूट से आए अनुभवी चिकित्सक करते हैं। *
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