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बच्चो ! रंग-बिरंगे पक्षी सभी को अच्छे लगते हैं न ? आज हम आपको एक अनूठे पक्षी धनेश (हॉर्नबिल) के बारे में बताने जा रहे हैं। धनेश पेड़ की कोटर या चट्टान की दरारों में अपना घोंसला बनाता है । रंग-रूप के अलावा इसके आकार में भी काफी विविधता होती है । 'काला बौना हॉर्नबिल'1.06 किलोग्राम और 30 सेंटीमीटर का होता है, वहीं 'सदर्न ग्राउंड हॉर्नबिल' का वजन 6.2 किलोग्राम और लंबाई 1.2 मीटर तक होती है । नर का आकार मादा से बड़ा होता है। दोनों की चोंच का आकार भी अलग-अलग होता है ।
इसकी विशाल चोंच गरदन की मजबूत मांसपेशियों और मेरुदंड से जुड़ी होती है, पैनी चोंच इन्हें लड़ने, पंखों को साफ करने, घोंसला बनाने और शिकार पकड़ने में सहायता करती है। हेलमेट जैसी हड्डी की मजबूत संरचना शत्रु पर तेज प्रहार के लिए कारगर होती है । धनेश के पंखों का रंग नीला, काला, भूरा मटमैला और सफेद होता है।
चोंच का रंग पीला, सफेद, लाल और नारंगी होता है । मादा अबीसीनिया ग्राउंड हॉर्नबिल की त्वचा व गले का रंग नीला, जबकि नर का लाल व नीला होता है हॉर्नबिल की दूरबीन की तरह काम करती हैं।
दुनिया में धनेश (हॉर्नबिल) की लगभग 55 प्रजातियां पाई जाती हैं इनमें से 24 प्रजातियां अफ्रीका में पाई जाती है। जबकि भारतीय उप महाद्वीप में इसकी 10 प्रजातियां ही पाई जाती हैं, जिनमें से नौ प्रजातियां भारत और निकटवर्ती देशों में हंै। इनमें 'इन्डियन ग्रे हॉर्नबिल' प्रजाति सब जगह पाई जाती है। इंडोनेशिया में धनेश (हॉर्नबिल) की 13 प्रजातियां पाई जाती हंै। यह दिन में भ्रमण करने वाला पक्षी है। यह जोड़े में या फिर समूह में विचरण करता है। मादा एक बार में छह सफेद अंडे किसी पेड़ के कोटर या चट्टान की दरार में देती है । अंडे देने के बाद मादा खुद को कोटर में अपने आप को कैद कर लेती है । नर व मादा मिलकर खोल के मुंह को मिट्टी की दीवार से बंद कर देते हैं। कोटर में सिर्फ खाना पहुंचाने लायक ही छेद रह जाता है । इस दौरान नर फलों का गूदा मादा को भोजन के रूप में पहुंचाता रहता है । जब बच्चे बड़े हो जाते है, तो नर और मादा मिट्टी की दीवार को हटा देते हैं। धनेश(हॉर्नबिल) के सिर पर बना 'हेलमेट' एक प्रकार की हड्डी होती है, जिसे 'हॉर्नबिल आइवरी' कहते है । इससे चीन व जापान जैसे देशों में नक्काशीदार वस्तुएं बनाई जाती हंैं। इसी कारण एक तरह से मनुष्य ही इसका सबसे बड़ा शत्रु है। बाल चौपाल डेस्क
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