मशीन नहीं, मजदूर की मेहनत का सम्मान
December 1, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

मशीन नहीं, मजदूर की मेहनत का सम्मान

by
Apr 19, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 19 Apr 2014 15:24:54

 

नई सरकार कुटीर उद्योगों को लालफीताशाही से मुक्त करके आम आदमी को रोटी-कपड़ा और मकान सुनिश्चित करे तभी उसकी सार्थकता

-भरत झुनझुनवाला-

चुनाव के इस माहौल में हर पार्टी अपने अपने मुद्दों को लेकर मतदाता के बीच जा रही है। कांग्रेस अनाज गारंटी और मनरेगा को अपनी उपलब्धियों में गिना रही है। लेकिन आज का मतदाता सस्ते अनाज एवं मनरेगा की भिक्षा से संतुष्ट नहीं है। वह भिखारी नहीं बनना चाहता है। जब रोजगार चाहता है। लेकिन रोजगार देना कठिन है चूंकि बड़ी कम्पनियों द्वारा ऑटोमेटिक मशीनों से सस्ता माल बनाया जा रहा है, इन फैक्ट्रियों में कम संख्या में ही रोजगार उत्पन्न होते हैं। जैसे किसी शहर में 10,000 गरम कपड़े प्रतिदिन की मांग है। पूर्व में इसे 1000 जुलाहे बुनते थे। अब इतने ही कपड़े टैक्सटाइल मिल के 10 कर्मचारी बुन देते हैं। पूंजी और श्रम के बीच घोर संघर्ष चल रहा है। उद्यमी गणित लगाता है कि उत्पादन मशीन से करना सस्ता पड़ेगा अथवा हाथ से। वह पाता है कि मशीन सस्ती पड़ती है। मशीन के सामने काम तब ही खड़ा रह सकेगा जब उसके वेतन में कटौती हो। जैसे उद्यमी के लिए आम जुलाहे से कपड़ा बुनवाना सस्ता पड़ सकता है यदि उसकी दिहाड़ी 50 रुपए की हो।
समस्या वैश्वीकरण की है। यदि उद्यमी श्रम का उपयोग लगता है तो उसका माल महंगा पड़ता है। दूसरे देशों में  मशीन से उत्पादित माल सस्ता पड़ता है। वह प्रतिस्पर्धा में हार जाता है। ऐसे में सरकार के सामने कठिन चुनौती है। यूं समझिए कि स्वच्छ पानी तथा स्वच्छ हवा में से एक को चुनना है। परोक्ष रूप से सरकार ने वेतन में कटौती के रास्ते को स्वीकार किया है। श्रम कानून के सरलीकरण से वेतन में कटौती को स्वीकार किया जा रहा है। उद्यमी द्वारा जरूरत के अनुसार श्रमिकों को रखा अथवा बर्खास्त किया जा सकेगा। अकुशल श्रमिकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाही की जाएगी। ठेकेदारों के माध्यम से श्रमिकों को रखा जा सकेगा। इन कदमों से वेतन में कटौती होगी और तदनुसार रोजगार में वृद्धि होगी। लेकिन वेतन तथा रोजगार, दोनों में वृद्धि नहीं होगी।
सुशासन, लालफीताशाही पर नियंत्रण, बुनियादी संरचना में निवेश, शिक्षा में सुधार एवं छोटे उद्यमों को कर में छूट आदि से अर्थव्यवस्था में गति अवश्य आएगी, परन्तु बेरोजगारी की मूल समस्या का समाधान नहीं होगा। जैसे रेलवे स्टेशन पर 20 तांगे और 5 सूमो खड़ी हैं। पर्यटक सूमो किराए पर लेकर सैर को निकल पड़ता है। ऐसे में तांगे को नगर पालिका से लाइसेंस आसानी से मिल जाए, घोड़े को रखने का रोड बना दिया जाए, घोड़े वाले को घोड़े के रोग तथा रखरखाव की जानकारी दे दी जाए व कम प्रीमियम पर उसका बीमा कर दिया जाए तो कोई विशेष अन्तर नहीं पड़ेगा। सूमो और तांगे में इतना अधिक फर्क है कि ये सब प्रयास सही दिशा में होते हुए भी निष्प्रभावी सिद्ध होंगे। सूमो वालों की स्थिति में सुधार किया जाए तो भी रोजगार पर सुप्रभाव पड़ना जरूरी नहीं है। टैक्सी का परमिट आसानी से मिल जाए, पक्की सड़क बनवा दी जाए गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए जीपीआरएस लगा दिया जाए एवं आसान किस्त पर कर्ज उपलब्ध करा दिया जाए तो भी विशेष अंतर नहीं पड़ेगा क्योंकि ग्राहक नदारद है। 20 वर्ष पूर्व की स्थिति से तुलना करें तो इन सभी व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है परन्तु सूमो मालिकों की हालत में सुधार नहीं हुआ है। कारण यह कि सूमो की आपूर्ति अधिक तथा मांग कम है।
मांग कम होने का प्रमुख कारण है आम आदमी के लिए रोजगार का अभाव। उसके पास क्रय शक्ति नहीं है। तांगे के बंद हो जाने से वह बाजार से माल नहीं खरीद पा रहा है। पूर्व में स्टेशन पर 20 तांगे चलते थे। 20 लोगों के लिए कपड़ा और मकान की डिमान्ड उत्पन्न होती थी। आज वही काम सूमो द्वारा सन्पन्न हो रहा है। 20 की जगह पर 5 लोगों को रोजगार मिल रहा है। तदनुसार कपड़ा, साबुन, कापी-किताब की मांग कम हो रही है। मूल समस्या आधुनिक तकनीकों की है। आज कम संख्या में श्रमिकों के द्वारा भारी मात्रा में माल का उत्पादन किया जा रहा है। कम संख्या में श्रमिकों को रोजगार मिलने से श्रमिकों की कुल आय कम है। इनके द्वारा बाजार से कपड़ा आदि कम मात्रा में खरीदा जा रहा है। बाजार में माल की मांग कम है और उद्यमी दबाव में हैं। नई तकनीकों के चलते श्रमिक ही अप्रासंगिक होता जा रहा है। समाज घटते रोजगार और बढ़ते उत्पादन के असंतुलन में उलझता जा रहा है। दोषी आधुनिक तकनीकें हैं।
नई सरकार को इस मूल समस्या को चिह्नित करके रोजगार बनाने की रणनीति बनानी चाहिए। सुशासन, बुनियादी संरचना में सुधार तथा स्कि ल डेवलपमेंट से निश्चित रूप से सुधार होगा परन्तु यह ऊपरी बात मात्र है। जैसे सूमो पुरानी हो गई हो तो मोबिल ऑयल बदलने से कुछ राहत अवश्य मिलती है। परन्तु यह स्थाई समाधान नहीं है। अथवा मरीज को कैंसर हो तो सरदर्द की दवा देने से राहत महसूस होती है परन्तु रोग ठीक नहीं होता। इसी प्रकार आधुनिक तकनीकों के दायरे में रहकर बुनियादी संरचना में सुधार तथा स्किल डेवलपमेंट से मूल बेरोजगारी कम नहीं होगी। यह बात अमरीका जैसे विकसित देशों को देखने से स्पष्ट हो जाती है। वहां सुशासन, बुनियादी संरचना और सुशिक्षा के बावजूद बेरोजगारी व्याप्त है। यदि इन कदमों से बेरोजगारी पर नियंत्रण संभव होता इन देशों में शत-प्रतिशत रोजगार उत्पन्न हो जाने चाहिए थे। नई सरकार यदि इन कदमों तक अपने को सीमित रखेगी तो पहले एक दो वर्षों मेंे सुधार दिखेगा जैसे मोबिल ऑयल बदलने से सूमो एक बार चल निकलती है। परन्तु 3-4 वर्ष में फिर बेरोजगारी की पुरानी कहानी सामने आ जाएगी और जनता में आक्रोश फैलेगा। सुशासन आदि में सुधार के साथ-साथ नई सरकार को उन चुनिंदा क्षेत्रों को चिह्नित करना चाहिए जहां मशीनी उत्पादन पर न्यूनतम कर लगाने से बड़ी मात्रा में श्रम-सघन उत्पादन शुरू हो सकता है। जैसे, पेट्रोलियम रिफायनरी पर भारी कर लगा दिया जाए तो भी रोजगार उत्पन्न नहीं होंगे। परन्तु यदि मशीन से बुनाई, माचिस, मोमबत्ती, अगरबत्ती, कागज के डब्बे बनाने आदि पर कर लगा दिया जाए तो उद्यमी के लिए इनका उत्पादन श्रमिकों से करवाना लाभप्रद हो जाएगा। तब ही हम बढ़ती जनसंख्या को रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे। ल्ल

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

Israel Vow to Expand war in southern Gaza against Hamas

युद्ध का अगला चरण दक्षिणी गाजा: इजरायली कमिटमेंट से अमेरिका चिंतित, UNRWA बोला: 10,00,000 शरणार्थी मिस्र में घुसेंगे

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

Sardar Chiranjeev Singh RSS Chief Mohan Bhagwat

रत्नदीप थे सरदार चिरंजीव सिंह जी, जहां भी होंगे जग को प्रकाशित करेंगे: RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Israel Vow to Expand war in southern Gaza against Hamas

युद्ध का अगला चरण दक्षिणी गाजा: इजरायली कमिटमेंट से अमेरिका चिंतित, UNRWA बोला: 10,00,000 शरणार्थी मिस्र में घुसेंगे

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

Sardar Chiranjeev Singh RSS Chief Mohan Bhagwat

रत्नदीप थे सरदार चिरंजीव सिंह जी, जहां भी होंगे जग को प्रकाशित करेंगे: RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

उत्तराखंड: जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर, आपदा प्रबंधन की मद में गृहमंत्री ने दी स्वीकृति

उत्तराखंड: जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर, आपदा प्रबंधन की मद में गृहमंत्री ने दी स्वीकृति

तेलंगाना विधानसभा चुनाव: जी किशन रेड्डी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से बीआरएस उम्मीदवारों की शिकायत की

तेलंगाना विधानसभा चुनाव: जी किशन रेड्डी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से बीआरएस उम्मीदवारों की शिकायत की

ज्ञानवापी सर्वे का दूसरा दिन : मस्जिद के ऊपरी छत, गुंबद पर हुई वीडियोग्राफी, जानें, क्या-क्या मिलने की कही जा रही बात

ज्ञानवापी परिसर: एएसआई बार-बार ले रही है तारीख, न्यायालय ने चेतावनी के साथ दिया 10 दिन का समय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies