|
जबलपुर में जब हिन्दू समाज वर्ष प्रतिपदा उत्सव एवं शक्ति उपासना में व्यस्त था, तभी शरारती तत्वों ने जबलपुर के संवेदनशील कोतवाली क्षेत्र में स्थित देवी मंदिर पर हमला कर देवी प्रतिमा को पूर्ण रूप से खंडित कर दिया। रात के अंधेरे में किए गए इस कायरतापूर्ण हमले का सुबह श्रद्धालुओं को मंदिर पहंुचने पर पता लगा। इस द्वेषपूर्ण कृत्य को देखकर हिन्दू समाज में आक्रोश फैल गया।
इसके बाद वहां हिन्दू श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। सभी एकत्रित होकर थाने पहुंचे और पुलिस से कार्रवाई की मांग की। इस बीच इस कृत्य के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे युवकों से कांग्रेस के कार्यकर्ता भिड़ गए और राजा लारिया नामक युवक के गले में चाकू मारकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इससे पूर्व 1 तारीख की शाम को ही जबलपुर में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी की चुनावी सभा हुई थी, उससे सारे शहर में उत्साह का माहौल बना हुआ था। ऐसे में कुछ ही घंटों के बाद इस घटना का होना किसी गंभीर षड्यंत्र की ओर संकेत दे रहा है। गौरतलब है कि जबलपुर पिछले दो दशकों से भाजपा का गढ़ रहा है। पिछले चुनाव में भी भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी राकेश सिंह भारी मतों से विजयी रहे थे। इस बार भी राकेश सिंह जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी इसी को लेकर बौखलाए हुए हैं।प्रशांत वाजपेयी
इमरान मसूद को नहीं मिला मुस्लिम बुद्धिजीवियों का समर्थन
सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेसी प्रत्याशी इमरान मसूद द्वारा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के बारे में दिए गए घृणास्पद बयान पर कम से कम मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने उसे अपना समर्थन नहीं दिया है। हालांकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मसूद के बयान पर साफ किया था कि वह उनकी पार्टी की शब्दावली नहीं है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि कांग्रेस की मंशा गलत या साम्प्रदायिकता वाली नहीं है तो फिर मसूद को कांग्रेस ने प्रत्याशी क्यों बनाए रखा, जबकि भड़कीले भाषण देने के आरोप में उसे जेल भी जाना पड़ा।
इस पूरे प्रकरण में मसूद साम्प्रदायिक धु्रवीकरण और कट्टरवादी मुसलमानों का समर्थन लेने में सफल जरूर रहा। मसूद के अलगाववादी, साम्प्रदायिक, भड़काऊ एवं मजहबी उन्माद वाले भाषणों की सीडी भी चुनाव आयोग को भेजी गई है। मसूद ने सहारनपुर नगरपालिका का अध्यक्ष रहते हुए बोर्ड की बैठक में हिन्दू सभासदों पर हमला भी कराया था। उस समय एक हिन्दू युवक की जान भी चली गई थी।
दारूल उलूम, देवबंद के बुजुर्ग आलिम मौलाना अब्दुल्ला जावेद ने मसूद क ी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मसूद ने आपत्तिजनक भाषण दिए, वह समाज और देश के लिए घातक हैं। दारूल उलूम के जनसंपर्क अधिकारी अशरफ उस्मानी ने कहा कि इस मामले में पुलिस व प्रशासन को बिना भेदभाव के निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
सुरेन्द्र सिंघल
मुजफ्फनगर में मुलायम के साथ-साथ पाक जिंदाबाद के नारे गूंजे
मेरठ और ग्रेटर नोएडा के कॉलेजों में कश्मीरी छात्रों द्वारा लगाए गए पाकिस्तानी नारों की गूंज अभी समाप्त भी नहीं हुई थी कि 6 अप्रैल को मुजफ्फनगर में फिर से ह्यपाकिस्तान जिंदाबादह्ण का नारा गूंज उठा। मुजफ्फनगर के नुमाइश मैदान में सपा नेता मुलायम सिंह की चुनावी सभा थी। इसी सभा में बुढ़ाना से एक बस भरकर सपा समर्थक लाल रंग की टोपी लगाए ह्यपाकिस्तान जिंदाबादह्ण के नारे लगा रहे थे। इन लोगों ने पाकिस्तान के साथ-साथ मुलायम सिंह और आजम खां जिंदाबाद के नारे भी लगाए। शाहपुर में रहने वाले स्थानीय लोग स्वयं इन नारों की पुष्टि कर रहे हैं। नारेबाजी करने वालों से नाराज होकर मुजफ्फनगर-बुढ़ाना मार्ग पर कुछ दुकानदार उन्हें पकड़ने के लिए लपके भी थे। इसके बावजूद पुलिस सबकुछ देखकर भी अंजाम बनने का नाटक करती रही। शाहपुर चौकी प्रभारी का कहना है कि उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है और कहते हैं कि कोई यदि उन्हें प्रमाण पेश करे तो कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है उत्तर प्रदेश की पुलिस सुभारती कॉलेज में भी आरोपी छात्रों पर कुछ खास कार्रवाई नहीं कर पाई थी।
अजय मित्तल
टिप्पणियाँ