नई दिल्ली में 'जम्मू-कश्मीर की अनकही कहानी' लोकार्पित
|
प्रजा परिषद आंदोलन के इतिहास का दस्तावेज
अनुच्छेद 370 को लेकर जो आपत्ति हमें है कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी ऐसी ही आपत्ति की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के साथ संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को अंतिम रूप देने के बाद प्रस्ताव रखने की जिम्मेदारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपालास्वामी अय्यंगर को दी। जब यह प्रस्ताव संविधान सभा में रखा गया तो कांग्रेस के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने श्री अय्यंगर ने इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल की मदद ली। इसके बावजूद उन्हें समर्थन जुटाने में काफी दिक्कत हुई। –लालकृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ नेता, भाजपा
जम्मू-कश्मीर के लिए धारा 370 का कांग्रेस ने भी संविधान सभा मे कड़ा विरोध किया था'। उक्त बात भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने गत 7 जुलाई को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में 'जम्मू-कश्मीर की अनकही कहानी' पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में कही।
श्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को लेकर जो आपत्ति हमें है कांग्रेस के कुछ नेताओ ने भी ऐसी ही आपत्ति की थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के साथ संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को अंतिम रूप देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपालास्वामी अय्यंगर से कहा कि वह विदेश जा रहे हैं और संविधान सभा में अब उन्हें ही इस प्रस्ताव को रखना होगा।
श्री आडवाणी ने कहा कि जब यह प्रस्ताव संविधान सभा में रखा गया तो कांग्रेस के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि देश के 564 रजवाड़ों की तरह जम्मू-कश्मीर के लिए भी वही प्रावधान होने चाहिए। इसके लिए अलग प्रावधान की जरूरत नहीं है। उन्होंने इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल की मदद ली। इसके बावजूद उन्हें समर्थन जुटाने में काफी दिक्कत हुई।
पुस्तक के लेखक डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल प्रजा परिषद ने पिछली शताब्दी के पाचवें दशक में राज्य के विभिन्न मुद्दों को लेकर एक ऐतिहासिक आंदोलन चलाया था। इस आंदोलन में हजारों सत्याग्रही कारागार में बंद रहे। पंद्रह सत्याग्रहियों ने इसके लिए बलिदान दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को नेहरू के चश्मे को किनारे रख कर देखने की आवश्यकता है। इस मौके पर प्रजा परिषद पार्टी के तत्कालीन संगठन मंत्री श्री भगवत स्वरूप को श्री लालकृष्ण आडवाणी ने पुष्प गुच्छ और शॉल भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रभात प्रकाशन के श्री प्रभात कुमार ने किया। मंच पर जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल कौल भी आसीन थे।
राष्ट्रवाद बनाम अलगाववाद था प्रजा परिषद आंदोलन
जम्मू–कश्मीर अध्ययन केन्द्र द्वारा गत 6 जुलाई को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में 'जम्मू-कश्मीर की अनकही कहानी' पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। यहां वक्ताओं ने धारा 370, प्रज्ञा परिषद आंदोलन और आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में पुस्तक के लेखक डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शेख अब्दुल्ला के खिलाफ प्रजा परिषद ने जो आंदोलन चलाया वह राष्ट्रवाद बनाम अलगाववाद था।
परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के प्रति दुराग्रह रखकर जो फैसले किए आज पूरा देश उसे भुगत रहा है। भारत की संसद ने जिस जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग मानकर पाकिस्तान द्वारा लिए गए हिस्से को वापस लेने तक चैन से नहीं बैठने का संकल्प लिया था आज वही संसद अलगाववादियों का पोषण कर रही है। परिचर्चा को डा. राजनारायण शुक्ल, डा. श्याम नाथ मिश्र, श्री जवाहर लाल कौल आदि ने संबोधित किया।
भारतीय स्त्री शक्ति का दो दिवसीय रजत जयंती अधिवेशन
महिला सुरक्षा पर विमर्श
सामाजिक संस्था भारतीय स्त्री शक्ति का दो दिवसीय रजत जयंती अधिवेशन गत दिनों इंदौर में संपन्न हुआ। 'महिला सुरक्षा' पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित अधिवेशन में देशभर की सैकड़ों बहनों ने भाग लिया।
अधिवेशन का उद्घाटन इंदौर के जिलाधीश कार्यालय की संयुक्त संचालिका सुश्री सुनीता जैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर भारतीय स्त्री शक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नयना सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय सचिव डा. राजश्री, इंदौर नगर अध्यक्ष श्रीमती बीना गुप्ता, सचिव सुश्री शर्मिष्ठा मारू, अधिवेशन की संयोजिका श्रीमती वीणा पैठणकर भी उपस्थित थीं।
प्रास्ताविक उद्बोधन में श्रीमती वीणा पैठणकर ने कहा कि अधिवेशन का उद्देश्य महिला समस्याओं पर विविध महिला संगठनों से मिलकर विचार मंथन के माध्यम से प्राप्त सुझावों को शासन तक पहुंचाना एवं सभी संगठनों के सहकार्य से महिला सुरक्षा के प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना है।
विश्व हिन्दू परिषद का कार्य बताया
विश्व हिन्दू परिषद के बेंग्लूरू क्षेत्र का पांच दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग गत दिनों आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में संपन्न हुआ। इसमें 4 प्रांत के 82 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिनमें 12 महिलाएं भी थीं। वर्ग में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन अनेक अखिल भारतीय स्तर के कार्यकर्ताओं ने किया। इनमें प्रमुख थे राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनेश चंद्र, केन्द्रीय उपाध्यक्ष श्री बाल कृष्ण नाइक, केन्द्रीय सह मंत्री श्री जी सत्यम। श्री दिनेश चंद्र ने कार्यकर्ताओं को विश्व हिन्दू परिषद के कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आज अनेक प्रकार के सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं। इन कार्यों का उद्देश्य निर्धन वर्ग के लोगों की सेवा करना तो है ही, उनमें अपने धर्म के प्रति आस्था को बनाए रखना भी है।
कटक में डा. उमेश पत्री स्मृति व्याख्यान, डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा–
संगठित हिन्दू समाज है सभी समस्याओं का समाधान
ठ सौ साल की इस्लामिक तथा दो सौ साल की अंग्रेजों की गुलामी के बाद भी देश के हिन्दू समाज को उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना स्वतंत्रता के बाद इन तथाकथित सेकुलारवादियों के कारण हो रहा है। सेकुलरवादियों द्वारा भारत के प्रतीकों को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए देश में हिन्दुओं को एकत्रित कर हिन्दू वोट बैंक तैयार किया जाए'। उक्त विचार जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गत दिनों कटक (उड़ीसा) में संपन्न हुए डा. उमेश पत्री स्मृति व्याख्यान में व्यक्त किए। 'हिन्दू शताब्दी' पत्रिका द्वारा आयोजित व्याख्यान का विषय था 'वर्तमान स्थिति में हिन्दू समाज के समक्ष चुनौतियां व भविष्य की रणनीति'। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष श्री जगन्नाथ शाही थे। अध्यक्षता 'हिन्दू शताब्दी' के मुख्य संपादक श्री रघुनाथ दास ने की। इस अवसर पर 'हिन्दू शताब्दी' पत्रिका के विशेषांक तथा डा. उमेश पत्री द्वारा लिखित 'पैराडाइज अंडर शेड्स ऑफ सोर्ड' का लोकार्पण किया
सैकड़ों ने किया विजय महामंत्र जाप
विश्व हिन्दू परिषद, पूर्व आंध्र प्रांत के तत्वावधान में गत दिनों अनेक स्थानों पर विजय महामंत्र 'श्रीराम जय राम जय जय राम' जाप के कार्यक्रम संपन्न हुए।
भद्रचलम जिले में संपन्न हुए कार्यक्रम में एक हजार से अधिक लोगों ने उपस्थित होकर भागवान राम के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा का परिचय दिया। भद्रचलम में ही हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में विशाल मोटरसाइकिल रैली निकाली गई। इसमें 500 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। नेल्लूरू जिला स्थित आत्मकूरू में विजय महामंत्र जाप कार्यक्रम से पूर्व विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में चल रहे लोग भक्ति में मग्न होकर राम नाम का जाप कर रहे थे।
टिप्पणियाँ