उत्तराखंड की ऐतिहासिक आपदा पूरे देश का सच से साक्षात्कार कराने वाली घटना है। बादलों की इस गर्जना, हिमालय की इस धसकन में दिल्ली-देहरादून के कई ऐसे किले-कंगूरे ढह गए जिनके पार जनता को कभी नहीं दिखता था, अब सब दिख रहा है। सत्ता गलियारों का सब झूठ बह गया, सच समाज के सामने है।
उत्तराखंड की ऐतिहासिक आपदा पूरे देश का सच से साक्षात्कार कराने वाली घटना है। बादलों की इस गर्जना, हिमालय की इस धसकन में दिल्ली-देहरादून के कई ऐसे किले-कंगूरे ढह गए जिनके पार जनता को कभी नहीं दिखता था, अब सब दिख रहा है। सत्ता गलियारों का सब झूठ बह गया, सच समाज के सामने है।
हालांकि, खोटा सिक्का दोनों ही तरफ से खोटा होता है लेकिन फिर भी, इस दैवी उलट-पलट में जनता ने सत्ता के अलग-अलग चेहरों के कामकाज को उलट-पलटकर देख लिया है। इस आपदा के बाद किस का सियासी सिक्का कब तक चलेगा, यह जनता तय करेगी।
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