पाठकीय: l2 सितम्बर,2012
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'हजारों जवाबों से
अच्छी मेरी खामोशी'
कोयला घोटाले पर
मनमोहन सिंह का
यह बयान बेशक
गैर जिम्मेदाराना तथा
हास्यास्पद अजीब है।
लेकिन सत्य के
बहुत करीब है।।
क्योंकि पर्दे के पीछे
वास्तविक प्रधानमंत्री
सोनिया गांधी हैं
इसीलिए उन्हें ही
ऐसे मसलों पर
जवाब देना चाहिए।
मनमोहन को सिर्फ
गणतंत्र दिवस जैसे
कार्यक्रमों में ही
हिस्सा लेना चाहिए।
–धर्मेन्द्र गोयल
59, बीचपट्टी
पिलखुवा-245304 (उ.प्र.)
हिन्दू राष्ट्र घोषित होना ही समाधान
भारत के विभिन्न हिस्सों में जहां हिन्दू कम संख्या में हैं और पड़ोसी देशों में हिन्दुओं के ऊपर जो अत्याचार हो रहा है, उस पर भारत सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता देश की बहुसंख्यक जनता की भावनाओं के अनुकूल नहीं है। यह चुप्पी और निष्क्रियता छद्म पंथनिरपेक्षता के दंभ को बनाए रखने के कारण है। जबकि विश्व के सभी हिन्दुओं का मूल देश होने के कारण विश्व के किसी भी हिस्से में हिन्दुओं को कष्ट हो या उन पर अत्याचार व अन्याय हो तो भारत सरकार को स्वाभाविक रूप से उनकी सुध लेनी चाहिए और मदद करनी चाहिए। दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो रहा है। इसी उपेक्षात्मक रवैये के कारण नेपाल भी अब हिन्दू देश नहीं रह गया। अत: भारत के अधिकांश समस्याओं का और हिन्दुओं की बहुतायत समस्याओं का समाधान भारत को 'हिन्दू राष्ट्र' घोषित होने से ही संभव है। इसके लिए पूरे देश में जनमत – संग्रह होना चाहिए।
–प्रदीप कुमार चौरसिया
एन-16/128, विनायक वाराणसी-221010(उ.प्र.)
कोयले से 'हाथ' काला
l2 सितम्बर,2012
आवरण कथा में श्री आलोक गोस्वामी की रपट 'कोयले की कालिख' स्पष्ट रूप से कहती है कि वर्तमान केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। सत्तारूढ़ नेताओं ने खरबों रुपए की प्राकृतिक सम्पदा अपने चहेतों के बीच बांट दी है। ऐसा लगता है कि कांग्रेसी नेताओं की धमनियों में खून की जगह भ्रष्टाचार बहता है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बाद कोयला घोटाले ने सोनिया-मनमोहन सरकार की साख ही पूरी तरह खत्म कर दी है।
–गणेश कुमार
कंकड़बाग, पटना (बिहार)
ºÉÉäÊxɪÉÉ-¨ÉxɨÉÉä½þxÉ सरकार निर्लज्जता की सारी सीमाएं पार कर चुकी है। तभी वह सीएजी की रपट पर भी अंगुली उठा रही है। सीएजी चुनाव आयोग की तरह एक संवैधानिक और स्वायत्त संस्था है। यदि कभी सोनिया गांधी चुनाव हार जाएंगी तो हो सकता है कांग्रेस चुनाव आयोग पर टिप्पणी करने लगे। कांग्रेसियों ने कभी भी संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं किया है।
–राममोहन चंद्रवंशी
अभिलाषा निवास, विट्ठल नगर, स्टेशन रोड जिला–हरदा (म.प्र.)
बेकार है भारत सरकार
श्री नरेन्द्र सहगल ने अपने लेख 'ना-पाक पाकिस्तान' में बिल्कुल ठीक लिखा है- युद्ध की पहल वह करता है, सशस्त्र घुसपैठ वह करवाता है, भारत में आईएसआई के एजेन्ट वह भेजता है, आतंकवाद वह फैलाता है, सीमाओं पर गोलीबारी वह करता है। अब तो साइबर में भी उसका हस्तक्षेप हो गया है। आखिर भारत क्या कर रहा है? भारत सरकार बहुत ही निष्क्रिय है। उसे भारत की ही चिन्ता नहीं है, बाकी सारी दुनिया की चिन्ता है।
–वीरेन्द्र सिंह जरयाल
28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर
दिल्ली-110051
अब पाकिस्तान की बदमाशी को देखते रहने से काम नहीं चलेगा। उसे उसी की भाषा में जवाब देने की आवश्यकता है। पाकिस्तान को साफ-साफ बता देना चाहिए कि यदि तुम नहीं सुधरे तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो। कोई निहायत ही घटिया दर्जे की शैतानी करे और हम मूकदर्शक बने रहें, यह हमारे लिए ही नुकसानदायक है।
–हरिहर सिंह चौहान
जंवरीबाग नसिया, इन्दौर-452001 (म.प्र.)
प्रेरणादायक पत्र
श्री हरपाल सिंह के पुरस्कृत पत्र 'सेकुलर कौन?' ने हिन्दू मूल्यों को संरक्षित रखने की प्रेरणा प्रदान की है। जबकि वर्तमान धोखेबाज सरकार अपनी बौद्धिक शक्ति और नेतृत्व के बल पर मात्र मुसलमानों का विश्वास जीतने में ही सफल होना चाहती है। हिन्दुत्व हिन्दुस्थान का प्राण है इसलिए हिन्दुत्व से वैर रखने का अधिकार किसी को भी नहीं होना चाहिए।
–पारूल बिजल्वाण
36, तीरथ कालोनी, हर्रावाला
देहरादून-248001 (उत्तराखण्ड)
पाकिस्तानी हिन्दुओं की सहायता करो
श्री राकेश सैन की रपट 'पाकिस्तानी हिन्दुओं का दर्द- अब वहां रहना संभव नहीं' पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा की एक झलक प्रस्तुत करती है। वहां निरन्तर हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। पर वे मानवाधिकारी भी चुप हैं, जो एक आतंकवादी के मानवाधिकार के लिए भाषण देते हैं, बड़े-बड़े लेख लिखते हैं। हिन्दुओं के मामलों पर सेकुलर दल तो इसलिए चुप रहते हैं कि उन्हें लगता है कि यदि कुछ बोला तो उनकी सेकुलर छवि धूमिल होगी।
–मनोहर 'मंजुल'
पिपल्या–बुजुर्ग, प. निमाड़-451225 (म.प्र.)
भारत में पाकिस्तानी हिन्दुओं को वीजा के नाम पर तंग किया जा रहा है। इस देश में 4 करोड़ से अधिक बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठिए हैं। उनसे कोई वीजा क्यों नहीं मांगता है? प्रतिदिन सैकड़ों पाकिस्तानी मुस्लिम भारत आते हैं। वीजा अवधि के बाद भी वे वापस नहीं जाते हैं। उनकी धर-पकड़ क्यों नहीं की जाती है? हिन्दू स्वभाव से शान्त होते हैं और नियम-कानून का पालन करने वाले होते हैं। इसलिए बेचारे हिन्दू यहां के प्रशासन को अपनी खबर दे देते हैं, यही उनके लिए गले की फांस बन जाती है।
–उमेश प्रसाद सिंह
के-100, लक्ष्मी नगर, दिल्ली-110092
वास्तव में पाकिस्तान में हिन्दुओं का रहना ऐसा है जैसा दांतों के बीच जीभ का होना। पाकिस्तानी हिन्दुओं के मन में इतनी दहशत है कि यदि वे किसी बहाने भारत आ जाएं तो उनका पाकिस्तान जाने का मन नहीं करता है। इन अल्पसंख्यक हिन्दुओं को जान गंवाने की इतनी चिन्ता नहीं होती जितनी चिन्ता अपनी बहू-बेटियों की इज्जत बचाने की होती है। बड़े दु:ख का विषय है कि भारत में करोड़ों की संख्या में रहने वाले मुसलमानों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है जिसके कारण अल्पसंख्यक होने की सभी आवश्यक सुविधाएं उन्हें प्राप्त हो रही हैं। मगर भारत सरकार पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर निरन्तर बढ़ रहे अत्याचार पर एक शब्द भी नहीं बोलती है।
–निमित जायसवाल
ग 39, ई.डब्ल्यू.एस., रामगंगा विहार, फेस प्रथम, मुरादाबाद-244001 (उ.प्र.)
पिछले दिनों पाकिस्तान में एक हिन्दू नवयुवक को मुसलमान बनाया गया। इस पूरी प्रक्रिया का प्रसारण एक टीवी चैनल पर किया गया। क्या पवित्र कुरान में लिखा गया है कि जबरन मतान्तरण कराया जाए? यदि हां तो फिर उसे पवित्र नहीं कहा जा सकता है। क्या मुल्ला-मौलवियों का यही काम रह गया है कि वे जबरन लोगों का मतान्तरण कराएं? क्या इस काम से उनको जन्नत मिलेगी?
–हसन अली
चमनगंज, कानपुर (उ.प्र.)
पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा पढ़कर हृदय तड़प उठा। वास्तव में पाकिस्तानी हिन्दू वहां भगवान भरोसे जिन्दा हैं। विश्व समुदाय पाकिस्तान सरकार से पूछे कि तुम्हारे यहां हिन्दुओं की संख्या दिनोंदिन कम क्यों हो रही है? 1947 में वहां 14-15 प्रतिशत हिन्दू थे, पर अब 1 प्रतिशत से भी कम रह गए हैं।
–डा. आनन्द भारतीय
ग्रा.-बसंतपुर, पो.-कुंडवा चैनपुर
जिला–पूर्वी चम्पारण (बिहार)
भारत सरकार बोस्निया, चेचन्या आदि जगहों पर कथित मुस्लिम उत्पीड़न का विरोध करती है। विदेश राज्यमंत्री और मुस्लिम लीग के नेता ई. अहमद फिलीस्तीन जाते हैं, वहां के नेताओं को सान्त्वना देते हैं। पर यही ई. अहमद कभी भी पाकिस्तानी हिन्दुओं के उत्पीड़न पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं करते हैं। क्या यही सेकुलरवाद है? यदि हां तो इस सेकुलरवाद को और इस सेकुलरवाद की रट लगाने वाले नेताओं को धिक्कार है।
–बी.एल. सचदेवा
263, आई.एन.ए. मार्केट, नई दिल्ली-110023
लघु भारत है मारीशस
पिछले दिनों श्री बालेन्दु शर्मा दाधीच का लेख 'मारीशस में राम-राम' पढ़ा। मुझे 1968 में मारीशस को मिली स्वतंत्रता के बाद नौसेना की सेवा में मारीशस जाने का सौभाग्य मिला था। मारीशस अति सुन्दर, हरियाली से आच्छादित टापू है। यहां गन्ने की खेती प्रचुर मात्रा में होती है। इस छोटे से देश में समान नागरिक संहिता लागू है, जबकि 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी इस समय है। पर दृढ़ता से उन्होंने 'समान नागरिक संहिता' का कानून बना रखा है। मारीशस के पास आज भी अपनी सेना नहीं है। सर शिवसागर रामगुलाम उस समय मारीशस के प्रथम प्रधानमंत्री थे। अत्यन्त सरल, मृदुभाषी, दिखने में ठेठ उत्तर प्रदेश के पूर्वी अंचल के रहने वाले। मारीशस के हिन्दू परिवारों में गंगा, गायत्री व गोमाता के प्रति अपार श्रद्धा। घरों में रामायण, गीता व दुर्गा सप्तशती का पाठ। मुझे आज भी मारीशस का वह अभूतपूर्व स्नेह व सम्मान, जो उन्होंने भारत से जाने वाले नौसेना के युद्धपोत आईएन एस तलवार को दिया था, याद आने पर रोमांचित एवं भावविभोर करता है। वास्तव में मारीशस लघु भारत है जिसका विराट भारत को सामरिक दृष्टि से भी बहुत ख्याल रखना चाहिए।
–डा. सुभाष चन्द्र शर्मा
हरी भवन, रुड़की रोड, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)
केशव पथ के पुजारी
नई सोच के थे धनी, सभी विधा में तज्ञ
चले सुदर्शन जी गये, संघ–कार्य मर्मज्ञ।
संघ–कार्य मर्मज्ञ, मंत्र अनुपम बतलाया
भारत के हित में जीना–मरना सिखलाया।
कह 'प्रशांत' थे केशव पथ के सत्य पुजारी
श्रद्धानत हैं दुनिया में लाखों नर–नारी।।
–प्रशांत
पञ्चांग
वि.सं.2069 तिथि वार ई. सन् 2012
शुद्ध भाद्रपद पूर्णिमा रवि 30 सितम्बर, 2012
आश्विन कृष्ण 1 सोम 1 अक्तूबर, 2012
” ” 2 मंगल 2 ” “
(गांधी जयन्ती)
” ” 3 बुध 3 ” “
” ” 4 गुरु 4 ” “
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