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-उदयराव पटवर्धन, राष्ट्रीय महामंत्री, भारतीय मजदूर संघरमण भाई के चले जाने के बाद जब हम चारों तरफ दृष्टि दौड़ाते हैं तो हमें ऐसा कोई व्यक्तित्व नजर नहीं आता जो हमारा मार्गदर्शक हो। एक खालीपन-सा दिखाई दे रहा है। वैसे तो संगठन में सभी निर्णय सामूहिकता से होते
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