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-प्रो. जी.आर.सुन्दर
कुलसचिव, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
गत दिनों नई दिल्ली में संस्कृत भारती द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम के प्रमाणपत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पत्राचार द्वारा संस्कृत सीखने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र दिए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारतीय विद्या भवन के कुलसचिव प्रो.जी.आर.सुन्दर ने कहा कि जब तक गंगा, गीता और हिमालय हैं; तब तक संस्कृत इस धरती पर रहेगी। गंगा की गति रोकने वाले भी संस्कृत की प्रगति नहीं रोक पाएंगे। विशिष्ट अतिथि डा. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत में संस्कृति और संस्कार दोनों हैं और इन्हीं दोनों से भारत की पहचान है। अत: संस्कृत की उन्नति भारत की उन्नति है। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री चांद किरण सलूजा ने संस्कृत छात्रों का आह्वान किया कि वे संस्कृत-कार्यकर्ता के रूप में संस्कृत का प्रचार-प्रसार करें। इस अवसर पर संस्कृत भारती के अनेक कार्यकर्ता एवं छात्र उपस्थित थे। प्रतिनिधि
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