मदुरै में प्रशासन ने 285 मंदिर तोड़े
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मदुरै में प्रशासन ने 285 मंदिर तोड़े

by
Apr 6, 2006, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Apr 2006 00:00:00

…पर सेकुलर मीडिया कोयह दिखाई नहीं देतानिगम के बुलडोजर ने यूं ढहाए प्राचीन मन्दिर1. मन्दिर गिराने पहुंचा बुलडोजर2. चारों दीवारें हटते ही धराशाही हुआ गोपुरम3. बचा ईंट-पत्थर का एक ढेरमदुरै के एक अन्य मंदिर को ढहाता बुलडोजरपिछले दिनों गुजरात के वडोदरा शहर में नगर निगम द्वारा एक अनधिकृत दरगाह गिराये जाने पर मुस्लिम ऐसे भड़के कि सारा शहर धू-धू कर जल उठा और तीन दिन तक कफ्र्यू लगाना पड़ा। सेकुलर मीडिया और तथाकथित मानवाधिकारवादियों ने इस मामले को खूब उछालते हुए मुसलमानों का जमकर पक्ष लिया। लेकिन तमिलनाडु के प्रसिद्ध “मंदिरों के शहर” मदुरै में 18 फरवरी से शुरू की गई कार्रवाई में नगर निगम द्वारा 285 मंदिरों को गिरा दिया गया, मगर हिन्दुओं की शांतिप्रियता के कारण वहां न तो कोई दंगा हुआ और न ही पुलिस पर पथराव। मंदिरों की चर्चा तो खैर जाने दीजिए, हिन्दुओं की इस सहिष्णुता पर सेकुलर मीडिया से एक शब्द भी नहीं बोला गया।हुआ यूं कि गत 3 फरवरी को राज्य के उच्च न्यायालय ने सड़कों के किनारे बने सभी अवैध निर्माणों को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद नागरिक प्रशासन ने 800 से ज्यादा अवैध निर्माणों को गिरा दिया। इसमें 285 मंदिर, जिनमें से अनेक तो शताब्दियों पुराने थे, के अलावा कई राजनीतिक दलों के कार्यालय, दो चर्च, एक दरगाह व अन्य निर्माण शामिल हैं। मन्दिर ढहाने की यह कार्रवाई 18 फरवरी से शुरू होकर दो माह चली। जिन प्राचीन मंदिरों को गिराया गया, उनमें प्रमुख हैं-जयहिन्द पुरम स्थित भगवती मंदिर, आरपालयम स्थित तिरुमल मंदिर, पालम स्टेशन रोड पर चंदन मारीयम्मा मंदिर और सुप्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर के निकट बना विनायक मंदिर। प्राचीन भगवती मंदिर का गोपुरम 70 फुट ऊंचा था और इस मंदिर का निर्माण उस समय हुआ था जब वहां आबादी अधिक नहीं थी और वहां कोई सड़क भी नहीं थी। पुलिस के लिए वह क्षण कठिन था जब मन्दिरों को गिराने के लिए बुलडोजर पहुंचे। उस समय भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों के अन्दर जमा हो गए और उन्होंने बाहर निकलने से इनकार कर दिया। परन्तु प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को न्यायालय के आदेश का पालन करने की आवश्यकता के बारे में समझाया। उन्होंने कहा, “हम बिना भेदभाव के सभी पूजा स्थलों, सभी अवैध निर्माणों को ढहा रहे हैं।” अधिकारियों ने अनधिकृत निर्माणों के मालिकों से बातचीत कर उन्हें भवन खाली करने के लिए मनाने हेतु एक वार्तादल भी बनाया था।मन्दिरों को गिराए जाने से पूर्व वहां से मूर्तियां तथा अन्य सामान निकाल लिया गया था। हालांकि प्रारंभिक स्तर पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से कई स्थानों पर टकराव नहीं हुआ। लेकिन कुछ जगहों पर बातचीत से मामले का हल नहीं हो पाने के कारण पुलिस को श्रद्धालुओं पर बल प्रयोग भी करना पड़ा।इस प्रकरण पर जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्राह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि सरकार को इस कार्रवाई के विरुद्ध लोगों का रोष झेलना पड़ेगा। निगम के इस अभियान से अनेक श्रद्धालुजन तो उदास थे ही, साथ ही अपने घर के टूट जाने से अथवा छोटी-मोटी चाय की दुकान चलाकर अपनी जीविका कमाने वाले लोग अब सड़कों पर आ गए हैं। उनका एक ही सवाल है कि अगर इस जगह निर्माण अनधिकृत था तो निगम ने उन्हें बिजली-पानी कैसे दे दिया? कुछ प्राचीन मंदिर हिन्दू रिलीजियस एंड चेरिटेबल एंडोमेंट ट्रस्ट से जुड़े थे। इन मन्दिरों को ढहाये जाने के खिलाफ निगम की आलोचना हो रही है। स्थानीय लोग इस बात पर भी नाराज हैं कि अगर मंदिर सड़कों पर बाधा बन रहे थे और आवाजाही में रुकावट पैदा कर रहे थे तो उनको ध्वस्त करने के बाद ठीक उन्हीं स्थानों पर निगम ने अपनी दुकानें कैसे बना दीं? इन नई बनी दुकानों को निगम ने भारी कीमत वसूलकर बेचा है। क्या अब ये दुकानें सड़क पर रुकावट पैदा नहीं कर रहीं? स्पष्ट है कि निगम की योजना कुछ और ही थी। इस बात की पूरी संभावना है कि निगम के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के शुरू में निगम के अधिकारियों ने जो उग्रता दिखाई थी उसमें थोड़ी कमी आई है। 22 मार्च को उच्च न्यायालय ने मामले पर थोड़ा भिन्न मत रखते हुए कहा कि अदालत ने अतिक्रमण हटाने के लिए निगम को कानून ताक पर रखकर कार्रवाई करने का सर्वाधिकार नहीं दिया था। न्यायमूर्ति डी. मुरुगेशन ने निगम के अधिकारियों से कहा कि किसी भी निर्माण को हटाने से पहले उचित प्रक्रिया अपनानी चाहिए। प्रतिनिधि30

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अर्थ जगत: कर्ज न बने मर्ज, लोन के दलदल में न फंस जाये आप; पढ़िये ये जरूरी लेख

जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

सेना में जासूसी और साइबर खतरे : कितना सुरक्षित है भारत..?

उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि शुरू : सीएम धामी ने कहा- ‘फर्जी छद्मी साधु भेष धारियों को करें बेनकाब’

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना की अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies