उत्तराञ्चल
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

उत्तराञ्चल

by
Sep 1, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 01 Sep 2005 00:00:00

पांव पसारता माओवाद-उत्तराञ्चल से दिनेशनैनीताल के पुलिस अधीक्षक श्री विजय शाखरे माओवादियों से प्रभावित क्षेत्रों के बारे में बताते हुएवन क्षेत्र में बम निरोधक ट्रैक्टर पर प्रशिक्षण प्राप्त करता हुआ एक सुरक्षाकर्मीउत्तराञ्चल में माओवादी संगठन जनमुक्ति गुरिल्ला वाहिनी के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद नेपाली माओवादियों की भी धरपकड़ हुई है। इन घटनाओं से उत्तराञ्चल से सटी नेपाल की खुली अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारयण दत्त तिवारी भले ही यह बयान दे रहे हों कि उनके राज्य में “माओवाद या नक्सलवाद नहीं है। माओवाद एक विचारधारा है यदि कोई इसे अपनाता है तो यह अपराध नहीं।” बावजूद इसके राज्य के अनेक हिस्सों में माओवादी सशस्त्र संघर्ष सम्बंधी पोस्टर लग रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री का बयान उनके उच्च अधिकारी ही झुठला रहे हैं।कोई माओवादी-नक्सलवादी नहीं-नारायण दत्त तिवारी, मुख्यमंत्री, उत्तराञ्चल”उत्तराञ्चल में माओवादी-नक्सलवादी नहीं हैं, यह एक विचारधारा है। इसे अगर कोई अपनाता है तो यह कोई अपराध नहीं है।” यह बयान है उत्तराञ्चल के मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी का। श्री तिवारी के इस बयान को लेकर यही अनुमान लगाया जा सकता है कि हमेशा की तरह वे आलोचनाओं से परहेज कर रहे हैं या फिर बयान देने से बच रहे हैं। ऐसा इसलिए प्रतीत होता है क्योंकि उनके ही पुलिस विभाग ने जनमुक्ति गुरिल्ला वाहिनी के लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के मामले दर्ज किए हैं।हम सतर्क हैं-कंचन चौधरी भट्टाचार्य, पुलिस महानिदेशक, उत्तराञ्चल”उत्तराञ्चल से सटी नेपाल सीमा पर हम चौकसी बढ़ा रहे हैं और पूरी तरह सतर्क हैं।” यह कहना है उत्तराञ्चल की पुलिस महानिदेशक कंचन चौधरी भट्टाचार्य का।जंगलों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने आयीं कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने पाञ्चजन्य को बताया कि वे इन जंगलों में पांच नई चौकियां भी स्थापित कर रही हैं। उनका कहना था कि केन्द्र और राज्य सरकारें इस बारे में चिंतित हैं, उन्हें चौकसी के कड़े निर्देश मिले हैं। सीमा को सुरक्षित करने का हर संभव उपाय किया जाएगा।हाल ही में राज्य की पुलिस महानिदेशक सुश्री कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने नेपाल सीमा से लगे जंगलों का दौरा करके वहां पांच नई पुलिस चौकियां स्थापित की हैं। सुश्री चौधरी ने इन जंगलों में सघन तलाशी करने वाले पुलिस जवानों को विशेष प्रशिक्षण लेते हुए देखा। आखिर ये तैयारियां किसके लिए की जा रही हैं? जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली है कि नेपाल और भारत के माओवादियों के बीच सूत्र सधे हुए हैं। साथ ही आंध्र प्रदेश के कुछ नक्सली नेताओं का कुमाऊं‚ में लगातार आना यहां माओवादी आंदोलन की तैयारी की ओर इशारा कर रहा है। पुलिस के अपर महानिदेशक (कानून-व्यवस्था, अपराध) श्री कविराज नेगी ने बताया, “माओवादी खुली भारत-नेपाल अन्तरराष्ट्रीय सीमा का लाभ उठा रहे हैं। इस बारे में केन्द्र को अवगत करा दिया गया है। एक तरफ जहां नेपाल में हवाई यात्रा के लिए पारपत्र की जरूरत पड़ती है, वहीं मैदानी क्षेत्र में ऐसे किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होने से हालात चिंताजनक हैं।” श्री नेगी के बयान को इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि उत्तराञ्चल सीमा से लगे दार्चला, बैतड़ी, कंचनपुर आदि नेपाली जिलों में शाही राज खत्म सा हो गया है और वहां माओवादी शासन चला रहे हैं। ये वे जिले हैं जो कि चीन सीमा से भी सटे हुए हैं। चीन-नेपाल सीमा और भारत-नेपाल सीमा, दोनों खुली हुई हैं। नेपाल के जंगलों में माओवादियों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। उनके पास अत्याधुनिक स्वचालित राइफलें, राकेट लांचर और बारुदी सुरंग भी हैं। खबर है कि ये हथियार चीन से माओवादियों को मिल रहे हैं। नेपाली माओवादी जंगल के रास्तों का इस्तेमाल करना खूब जानते हैं। गुप्तचर विभाग के पास यह खबर भी है कि देश के माओवादी-नक्सलवादी गुटों को भी हथियार इसी सीमा क्षेत्र से पहुंच रहे हैं। जहां तक सीमा निगरानी का प्रश्न है, तीन सौ कि.मी. भारत-नेपाल सीमा को सीमा सशस्त्र बल (एस.एस.बी.) के हवाले तो कर दिया गया, लेकिन उन्हें तलाशी तक का अधिकार नहीं दिया गया है। पुलिस की चौकियां स्थापित की जा रही हैं, लेकिन उनके क्षेत्र सीमित हैं। अभी भी नेपाल सीमा से लगा कई कि.मी. का क्षेत्र “पटवारी पुलिस व्यवस्था” के हवाले है, जिसे “नागरिक पुलिस” को दिए जाने की जरूरत समझी जा रही है। नैनीताल के अपर पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत कहते हैं, “सीमा पर पटवारी कानून-व्यवस्था समाप्त कर देनी चाहिए, क्योंकि अब न तो पहले जैसा माहौल है और न ही राष्ट्रविरोधी तत्व इस सन्दर्भ में कोई अज्ञानता रखते हैं। देश की सीमाओं पर कंटीले तार लग रहे हैं, वहां से घुसपैठ अब आसान नहीं। लेकिन चूंकि उत्तराञ्चल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है अत: यहां से प्रवेश आसानी से मिल रहा है।”उत्तराञ्चल के जंगलों में बीते कुछ माह में जनमुक्ति गुरिल्ला वाहिनी के एक दर्जन कार्यकर्ता पकड़े गए हैं। इनके पास से बन्दूकें, वर्दी, रस्से आदि भी बरामद हुए, लेकिन इस वाहिनी के सक्रिय सदस्य आज तक पुलिस के हाथ नहीं लगे। उत्तराञ्चल पुलिस अभी तक गुरिल्ला वाहिनी के मुखिया मनीष भट्ट और उसके साथियों तक नहीं पहुंच पाई है। नैनीताल के पुलिस अधीक्षक श्री विजय शाखरे इन माओवादियों को शीघ्र गिरफ्तार कर लेने का दावा करते हैं।उधर राज्य शासन नेपाल सीमा पर चल रही माओवादी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर केन्द्र को बराबर सूचनाएं भेज रहा है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के पास नेपाल सीमा को विभाजित करने वाली शारदा-काली नदी के किनारे टनकपुर से जौलजीवी तक “निगरानी सड़क” बनाये जाने का प्रस्ताव भेजा है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं, इसे मंजूर तो कर लिया गया है परन्तु इस पर बजट जारी होना बाकी है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से सांसद, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री बच्ची सिंह रावत ने भी संसद में और गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर यहां की सीमा निगरानी का सवाल उठाया है। श्री रावत कहते हैं, “शारदा-काली नदी में निगरानी के लिए एस.एस.बी. को यंत्र चालित नावें भी तुरन्त उपलब्ध करायी जानी चाहिए।” देखना यह है कि केन्द्र और उत्तराञ्चल सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता बरतते हैं।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies