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इंडोनेशिया के पास समुद्री भूकंप की वजह से गत 26 दिसम्बर को भारत के तटीय प्रदेशों में जान-माल की अपार क्षति हुई है। तमिलनाडु, विशेष रूप से चेन्नै, पाण्डिचेरी, कड्डलौर, नागपट्टनम तथा कन्याकुमारी के तटीय क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचा। यहां हम तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल के तटीय क्षेत्रों में प्रलयंकारी सुनामी लहरों द्वारा मचायी गई तबाही के विवरण सहित संकट की इस घड़ी में रा.स्व.संघ के स्वयंसेवकों के राहत कार्यों की विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी प्रकाशित कर रहे हैं। -सं.प्रलय मचाती लहरें, राहत पहुंचाते स्वयंसेवकतमिलनाडु के नागपट्टनम क्षेत्र में स्वयंसेवक एक मृतक की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैंआपदाग्रस्त देशवासियों की सहायतार्थ राहत राशि एकत्र करते हुए स्वयंसेवकबिना भेदभाव पहुंचाई राहतकन्याकुमारी जिले में कोलाचल मुस्लिम बहुल इलाका है। सुनामी लहरों की वजह से इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा हानि पहुंची है। यहां 200 से ज्यादा स्वयंसेवक राहत कार्य में जुटे हुए हैं। अब तक अनेक शव निकाले जा चुके हैं। स्वयंसेवकों का काम देखकर कोयंबतूर के मेलपलयम क्षेत्र के मुस्लिम मुन्नेत्र कषगम के सदस्यों ने काम में अड़चन डालनी चाही जबकि स्थानीय लोगों ने स्वयंसेवकों के राहत कार्य की प्रशंसा की और उनका हाथ बंटाया। यहीं बसी मछुआरों की बस्ती लगभग पूर्णत: ईसाईबहुल है। यहां भी स्वयंसेवकों ने बिना भेदभाव सभी को राहत पहुंचाई। इस समाज के वरिष्ठों ने स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का स्वागत किया।कोलाचल में स्वयंसेवकों ने खाना बनाने के बर्तन बांटे। नागरकोइल में संघ के जिला सह संघचालक डा. श्रीनिवासन कन्नन और सेवाभारती के जिला अध्यक्ष डा. देव प्रकाशम के नेतृत्व में चिकित्सा शिविर चल रहे हैं। स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर राहत कार्य के लिए पैसा इकट्ठा किया है।विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं नेतय किया और जुट गए सेवा मेंसुनामी विभीषिका के तुरन्त बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता चेन्नै और उसके आस-पास के प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्यों में जुट गए। उन्होंने न केवल शवों को निकालने और घायलों के उपचार में मदद की बल्कि बड़ी मात्रा में भेाजन और पेयजल जरूरतमंदों तक पहुंचाया। नागपट्टनम में सेवा भारती के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विद्यार्थी परिषद् ने राहत कार्यों में मदद की। चावल, कम्बल, दवाएं, डबलरोटी, बिस्कुट पैकेट आदि सामग्री से भरे दो ट्रक मदुरै से नागपट्टनम भेजे। कन्याकुमारी जिले में भी विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता बचाव और राहत कार्य में दिन-रात जुटे रहे। “ए.बी.वी.पी. सुनामी रिलीफ फंड” के नाम से चेन्नै में देय चेक द्वारा राहत राशि अथवा किसी भी प्रकार की अन्य सामग्री विद्यार्थी परिषद् के इस पते पर भेजी जा सकती है-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्35, शिवाजी स्ट्रीट, टी. नगर, चेन्नै-600017, दूरभाष-044-24343457, 24312359सेवा इंटरनेशनल की अपीलपीड़ितों की मदद में हाथ बंटाएंसेवा भारती, जन संक्षेम समिति, विवेकानन्द केन्द्र तथा कई अन्य संस्थाओं की ओर से भूकम्प पीड़ितों के लिए राहत कार्य शुरू किए गए हैं। पीड़ितों को दवाएं, भोजन पैकेट, पेयजल व कपड़े दिए जा रहे हैं।सेवा इंटरनेशनल ने स्थानीय संस्थाओं के साथ पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की योजना बनाई है। प्राथमिकता के आधार पर मुख्य कार्य हैं- चिकित्सा सुविधा, मछली पकड़ने के जाल, नावों की मरम्मत, डीजल और ईंधन की आपूर्ति, छात्रों की पाठपुस्तकें, कापियां और वर्दियां, घरों का निर्माण।देश के जागरूक नागरिक सहायता राशि व सामग्री इन पतों पर भेजें-विदेशों से मदद इस पते पर भेजें-सेवा इंटरनेशनलआपटे भवन, 10196, डी.बी. गुप्ता मार्ग, झंडेवाला,नई दिल्ली-110055, भारतदूरभाष- 91-11-23517373, 23684445जन संक्षेम समितिमाधव सदन, कालेश्वर राव रोड, विजयवाड़ा-520002, आंध्र प्रदेश तमिलनाडुइस भीषण आपदा के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आता इससे पहले ही रा.स्व.संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक तुरंत राहत कार्य में जुट गए। शवों को मलबे से निकाला। सलेम और कोयम्बतूर के दो वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ दो चिकित्सा वाहन नागपट्टनम के लिए रवाना किए गए। तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों से स्वयंसेवकों ने दाल, चावल, कपड़े, भोजन के पैकेट, कम्बल, बच्चों के लिए दूध तथा दवाइयां एकत्र कर प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाईं।कन्याकुमारी जिले का पल्लाम, जो ईसाईबहुल गांव है, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। स्वयंसेवक तुरंत वहां राहत कार्य में जुटे। पूरे तटीय क्षेत्र में सर्वेक्षण के बाद स्वयंसेवकों ने आपात बैठक की और पुनर्वास संबंधी कार्यों की सूची तैयार की। तुरंत जिन मदद कार्यों की जरूरत है, उनमें मुख्य हैं, क्षतिग्रस्त नावों की मरम्मत, मछली पकड़ने के जाल खरीदना, यांत्रिक नौवों के मालिकों को कम दरों पर डीजल की आपूर्ति, घरेलू सामान की आपूर्ति तथा नए घरों का निर्माण।आंध्र प्रदेशनेल्लोर और प्रकाशम जिलों में स्वयंसेवकों ने राहत और चिकित्सा केन्द्र खोलकर पीड़ितों को प्राथमिक मदद पहुंचाई। मयपाडु, इस्कापल्ली तथा चन्नयापालेम गांवों में स्वयंसेवकों की अतिरिक्त टुकड़ियां पहुंचीं और प्रभावित नागरिकों को भोजन व खाद्य सामग्री वितरित की।प्रकाशम जिले के सिंगरयाकोडा में तटीय इलाके के 2000 लोगों को एक शिविर में आश्रय दिया गया। इनके लिए भोजन तथा दवाई की व्यवस्था स्वयंसेवकों ने स्थानीय चावल मिल मालिकों की मदद से की। गुंटूर, कृष्णा व गोदावरी जिलों में भी स्वयंसेवक राहत कार्य में लगे हुए हैं।केरलकेरल में सुनामी लहरों का प्रहार करुनागपल्ली तहसील पर सबसे अधिक था। यहां संघ स्वयंसेवक 14 राहत शिविर चला रहे हैं। 6 रोगी वाहन 24 घंटे पीड़ितों की मदद के लिए तैयार रखे गए हैं। भोजन, कपड़े, दवाइयां और बिस्तरों का प्रबंध भी किया गया है। इन राहत-शिविरों में उनकी क्षमता से कहीं अधिक लोगों ने आश्रय लिया हुआ है। एक अंदाज के अनुसार करीब 40,000 लोगों ने इन शिविरों में आश्रय पाया है।अर्णाकुलम जिले में नयराबालम में रा.स्व.संघ का प्रशिक्षण शिविर चल रहा था, जो आपदा की इस घड़ी में राहत शिविर में बदल चुका है। यहां 600 लोगों ने आश्रय लिया है जिनके लिए भोजन और दवा की व्यवस्था की गई है।-प्रतिनिधिNEWS
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