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जिहादी आतंक की दस्तक?-त्रिनिदाद से ब्राह्मभिक्षुगत दिनों वेस्टइंडीज के प्रमुख देश त्रिनिदाद- टोबैगो में इस्लामी आतंक की दस्तक सबको दहला गई। 11 जुलाई को पोर्ट आफ स्पेन में एक जबरदस्त बम धमाके के बाद पूरे शहर में अफरातफरी मच गई। लोग सड़कों पर बदहवास भाग रहे थे, पुलिस की कारों और अस्पताल की एम्बुलेंस चारों ओर दौड़ रही थीं। शुरुआती तौर पर करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल बताए गए जिनमें से सात की हालत चिंताजनक थी। टेलीविजन पर ये सारे दृश्य देखकर आम जनता भयभीत हो गई थी।करीब 4 दिन पहले ही लंदन में बम धमाके हुए थे। त्रिनिदाद के एक लाख से ज्यादा नागरिक लंदन में रह रहे हैं। उनके रिश्तेदार त्रिनिदाद स्थित ब्रिटिश दूतावास पर इकट्ठे होकर अपने रिश्तेदारों की कुशलक्षेम पूछ रहे थे। पोर्ट आफ स्पेन में जहां यह विस्फोट किया गया था, उससे कुछ ही दूरी पर राष्ट्रपति जार्ज रिचर्ड एक कार्यक्रम में मौजूद थे।बहरहाल, त्रिनिदाद में यह आतंकवादी घटना क्यों घटी? यह राष्ट्र तो किसी देश के खिलाफ संयुक्त सैन्य कार्रवाई में शामिल भी नहीं है, “नाटो” का सदस्य भी नहीं। फिर यह जिहाद के निशाने पर क्यों, इस बात की चारों ओर चर्चा हो रही है।इससे पहले 27 जुलाई, 1990 को त्रिनिदाद के संसद भवन को इस्लामी जिहादी नेता अबु बकर ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। यह मुस्लिमों का सशस्त्र विद्रोह माना गया था। गौर करने की बात है कि आगामी 27 जुलाई को संसद में उक्त घटना पर स्मृति कार्यक्रम के बारे में जिस समय बैठक चल रही थी तभी संसद भवन के पास यह जबरदस्त विस्फोट किया गया था। लोगों को यह अंदाजा लगाते देर न लगी कि “जमात अल मुसलमीन” के नेता अबु बकर ने ही यह कार्रवाई कराई है। बकर ने पूरी “इस्लामी सेना” तैयार की हुई है। लीबिया के नेता गद्दाफी से उसकी निकटता बताई जाती है। इस आतंकवादी घटना के बाद देश के महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।NEWS
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