पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले

by
Jul 8, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 Jul 2005 00:00:00

वर्ष 10, अंक 2, सं. 2013 वि., 30 जुलाई, 1956, मूल्य 3आनेसम्पादक : तिलक सिंह पमारप्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, गौतमबुद्ध मार्ग, लखनऊप्रधानमंत्री की मनमानी और पुलिस के अत्याचारश्री देशमुख के इस्तीफे के कारण(सम्पादकीय)प्रधानमंत्री पं. नेहरू की विदेश यात्रा से पूर्व ही लगभग निश्चित हो चुका था कि वित्तमंत्री श्री चिन्तामणि देशमुख का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया जाएगा। फिर भी देश की जनता अत्यंत उत्सुकतापूर्वक त्यागपत्र के कारणों को जानने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी। मोटे तौर पर सभी जानते हैं कि त्यागपत्र का मुख्य कारण बम्बई के प्रश्न पर श्री देशमुख का प्रधानमंत्री की नीति के तीव्र मतभेद है। किन्तु प्रधानमंत्री के विदेशागमन के पश्चात राष्ट्रपति द्वारा उनका (श्री देशमुख का) त्यागपत्र स्वीकार होने पर संसद में उनके द्वारा जो वक्तव्य दिया गया है, उसने अनेक सनसनीखेज बातों पर प्रकाश डाला है। श्री देशमुख का प्रथम आरोप है कि गत जनवरी में बम्बई को केन्द्र शासन के अंतर्गत रखने का जो निर्णय किया गया था वह सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद द्वारा नहीं क्योंकि इस सम्बंध में मंत्रिपरिषद् के समस्त सदस्यों से कभी सलाह नहीं ली गई। दूसरा आरोप यह कि गत जून में (कांग्रेस महासमिति अधिवेशन के अवसर पर बम्बई में) प्रधानमंत्री द्वारा बम्बई नगर के सम्बंध में की गई घोषणा-फिलहाल मौजूदा शासन के ही अधीन रहेगा। पांच वर्ष पश्चात उसके बारे में पुन: विचार किया जा सकता है। “असाघारण” थी। देशमुख का यह कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा यह स्पष्टीकरण कि वह उनके निर्णयों की घोषणा करने के लिए स्वतंत्र हैं, अनुपयुक्त है, क्योंकि यह निर्णय सरकार का नहीं है। उनका तीसरा आरोप यह है कि उनके बार-बार अनुरोध के पश्चात प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री बम्बई काण्ड की न्यायालयी जांच कराने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने इसमें प्रधानमंत्री के इस कथन का विरोध करते हुए कहा कि “न्यायालयी जांच के कारण विभिन्न समुदायों में विद्वेश का कारण होगा” यह भी कहा “सत्य के कारण कभी कटुता निर्माण नहीं होती।”*        *        *        *तिब्बत में भयंकर विद्रोहकम्युनिस्ट शासन को पलटने के लिए देशभक्त कटिबद्ध(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)काठमाण्डू: विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पूर्वी तिब्बत में चीनी कम्युनिस्ट शासन के विरुद्ध विद्रोह आरम्भ हो गया है। देशभक्तों ने चीनी सेनाओं से गुरिल्ला युद्ध करना शुरू कर दिया है। इस विद्रोह के अपराध में तीन तिब्बती नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस कारण तनाव और भी अधिक बढ़ गया है। स्थानीय कम्युनिस्ट शासन इस विद्रोह को दबाने में असमर्थ सिद्ध हुआ है। इसी कारण पेकिंग से भारी संख्या में ट्रक, टैंक तथा सेना इस क्षेत्र में भेजी गई है किन्तु विद्रोह का रूप इतना व्यापक तथा भीषण है कि अभी तक पहुंचाई गई सैनिक सहायता उसे दबाने में पूरी तरह असमर्थ है। विद्रोह का एकमात्र कारण यह बताया जाता है कि तिब्बत की जनता जिसे अपनी स्वतंत्रता से अधिक प्रेम है, कम्युनिस्ट शासन से बुरी तरह नाराज तथा परेशान है और इस कारण उसका जुआ तुरन्त अपने कंधों से उतार देना चाहती है। इधर कुछ दिनों से कम्युनिस्ट शासन ने अत्याचार और अनाचार के बल पर वहां की जनता का शोषण आरम्भ किया है उसके कारण इस असंतोष में और भी वृद्धि हुई है।*        *        *        *यूरोपीय शक्तियों के लिए हिन्दुमहासागर के द्वार बन्द किए जांए1947 में अंग्रेज भारत को तो छोड़ गए किन्तु हिन्दु महासागर पर पूर्ववत अपना आधिपत्य बनाए रहे। आज भी उन पर ब्रिटिश जल सेना का प्रभुत्व हैं। किन्तु आज की बदलती दुनिया में ब्रिटेन का यह प्रभुत्व किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र को कैसे सहन हो सकता है। परिणामत: आज इस प्रभुत्व को चारों ओर से चुनौतियां मिलने लगी हैं। यह चुनौती देने वाला कोई ऐसा प्रतिद्वंद्वी राष्ट्र नहीं है जिसके पास ब्रिटेन के समान शक्तिशाली जलसेना न हो, वरन अदन से सिंगापुर तक स्थित राष्ट्रों की जनता के अंत:करण में उठने वाली प्रबल राष्ट्रीयता की भावना है।1. भारत सरकार अविलम्ब जल सेना की ओर ध्यान दे। 2. इस सम्बंध में ब्रिटेन का मुंह ताकना अनुचित, 3. एशियाई राष्ट्रों की संगठित सुरक्षा योजना बने। 4. प्रतिद्वंद्विता छोड़कर मानवता के आधार पर कार्य हो।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies