|
नागालैण्ड में अजब व्यापारनागालैण्ड के सीमावर्ती क्षेत्रों में इन दिनों एक अजब व्यापार चल रहा है। यहां भारत-म्यांमार सीमा पर सक्रिय मादक पदार्थों के व्यापारी अब नशे के साथ हथियार मुफ्त में बांट रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 किलो अफीम के साथ 9 मिमी. पिस्तौल मुफ्त दी जा रही है! किपहिरे जिले का मोया गांव इस तरह के व्यापार का केन्द्र बना हुआ है। जबकि यहां राज्य सरकार का ऊर्जा प्रकल्प बंद है। 40 किमी. दूर स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा से म्यांमारी नागरिक यहां आकर ऊन, बैटरी और नमक के बदले सस्ती शराब दे जाते हैं। नशे के व्यापारियों का भी यहां निरंतर आना-जाना रहता है जो खुलेआम “कन्नी” (अफीम) बेचते हैं। वे इस नशे के साथ जो हथियार मुफ्त देते हैं वो आमतौर पर म्यांमार के बड़े-बड़े नशे के व्यापारियों द्वारा अपने उपयोग के लिए चीन और थाइलैण्ड से तस्करी करके लाए जाते हैं। हालांकि इस लेन-देन के कारोबार से गांव में कुछ खुशहाली आई है लेकिन गांव परिषद् के अध्यक्ष किउसुमियु ने नशे की बिक्री और हथियारों की मुफ्त आपूर्ति पर चिंता जताई है। वे सीमान्त गांवों की ओर राज्य सरकार की अनदेखी से दुखी हैं। स्थानीय पुलिस थाने के पुलिसकर्मी भी अफीम के साथ पिस्तौल दिए जाने की बात जानते हैं। सूत्रों के अनुसार गांव के लोग इस नशे के असली खरीददार नहीं होते और ये सब चीजें दीमापुर होते हुए देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचती हैं। नागालैण्ड के सीमान्त गांवों में नशे के व्यापार का पूरा संजाल बना हुआ है और तस्करी का यह संजाल पुलिस के ताने-बाने से ज्यादा मजबूत और प्रभावी है।आतंक को शरणखबर है कि जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ पी.डी.पी. के मंत्री और मुख्य विपक्षी दल नेशनल कान्फ्रेंस के विधायक खुलेआम आतंकवादियों को संरक्षण दे रहे हैं। पी.डी.पी. और नेशनल कान्फ्रेंस के बीच चले आरोप-प्रत्यारोप के ताजा दौर में इसका खुलासा हुआ है। सत्तारूढ़ पी.डी.पी. ने नेशनल कांफ्रेंस के एक विधायक पर आरोप लगाया है कि उसने एक आतंकवादी को पाकिस्तान जाने में प्रत्यक्ष मदद की, उसे अपने वाहन में बैठाकर अमृतसर तक छोड़ा। उक्त आरोप से तिलमिलाई नेशनल कान्फ्रेंस ने भी ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों के घरों में आतंकवादी पनाह ले रहे हैं। बाकायदा नेशनल कान्फ्रेंस ने एक मंत्री का नाम भी लिया है। ये हैं कश्मीर के आज के हालात। जबकि उधर केन्द्र सरकार कश्मीरी पंडितों की “सुरक्षित” घाटी वापसी की तैयारी में जुटी है।हज के नाम परमुसलमानों की सबसे पाक मानी जाने वाली हज यात्रा के नाम पर लोग कैसे-कैसे कार्य कर रहे हैं, इसका खुलासा गत दिनों लखनऊ में एक घोटाले के उजागर होने से सामने आया। पहले से ही यह सवाल खड़ा किया जाता रहा है कि जनता की गाढ़ी कमाई से प्राप्त टैक्स के बूते हजयात्रियों को विमान किराए में छूट क्यों दी जाती है। अब उ.प्र. हज कमेटी में व्याप्त भ्रष्टाचार से त्यौरियां और चढ़ गई हैं। यह घपला भी सामने नहीं आता अगर राज्य के दो मुस्लिम मंत्री-नगर विकासमंत्री आजम खान और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री हाजी याकूब कुरैशी-आपस में न उलझे होते। नगर विकास मंत्री एवं उ.प्र. हज कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद आजम खान के कहने पर हज अधिकारी तनवीर अहमद ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी की रपट दर्ज करा दी है। रपट में हज कमेटी में काम करने वाले तीन लोगों-तत्कालीन सहायक सचिव जावेद खान, सचिव जुबेर अहमद तथा लेखाकार नजम फारूकी- को नामजद करते हुए कहा गया है कि वर्ष 2002-03 में इन लोगों ने हज प्रबंधन के नाम पर 15 लाख रुपए की हेराफेरी के अलावा अवैध रूप से चंदा वसूलने, हज कार्यालय परिसर तथा हज हाउस के निर्माण में धोखाधड़ी कर लाखों रुपयों का गोलमाल किया है।NEWS
टिप्पणियाँ