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चेन्नै की एक उपन्यासकार सलमा आजकल चर्चा में हैं। तमिल महिलाओं की सामाजिक व पारिवारिक व्यथा-कथा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उन्होंने तमिल भाषा में अपना नवीनतम उपन्यास लिखा है, “इरन्दाम जायंगलिन कथाई” अर्थात “मध्यरात्रि की कहानी”। यह उपन्यास चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि सन् 1938 में जुनेदा बेगम द्वारा प्रकाशित कधाला कदमिया (प्यार या कर्तव्य) के पश्चात यह किसी मुस्लिम महिला द्वारा लिखा गया पहला उपन्यास है। सलमा का वास्तविक नाम ए. रुकैया है और वह तमिलनाडु के त्रिची शहर के समीप थुवरनकुरिची की रहने वाली हैं। वह अपनी ग्राम पंचायत की मुखिया भी हैं। मुस्लिम महिला का साहित्यकार के रूप में उभरना वस्तुत: तमिल भाषियों के मध्य आश्चर्य और कौतुहल का विषय माना जा रहा है। सलमा ने अपने उपन्यास में मुस्लिम महिलाओं के कष्टप्रद जीवन का मार्मिक वर्णन किया है।NEWS
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