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सुरक्षा तंंत्र सतर्क-बाड़मेर से आनंद गुप्तापुलिस की गिरफ्त में नबियाभारत की पश्चिमी सरहद पर पिछले पांच-छह माह में घुसपैठ व तस्करी की चार बड़ी घटनाओं ने पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेन्सियों को चौंका दिया है। इन घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. ने भारत में अस्थिरता उत्पन्न करने की नापाक कोशिशें तेज कर दी हैं।गडरारोड कस्बे में पुलिस ने 17 अगस्त को देर रात एक पाकिस्तानी महिला और उसके पुत्र को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में चौंकाने वाली बात पता चली कि ये दोनों पिछले 21 वर्ष से अवैध रूप से मुम्बई में रह रहे थे और सीमा पार कर पाकिस्तान जाने की फिराक में यहां आए थे। महिला का पति पाकिस्तान के कराची शहर में रहता है।पुलिस अधीक्षक उमेशचंद्र दत्ता ने बताया कि श्रीमती नूरजहां (47) पत्नी युसूफ खान और खान मोहम्मद (22) पुत्र युसूफ खां, दोनों मूल रूप से कराची के रहने वाले हैं। पिछले 21 वर्ष से वह महिला मुम्बई में ही रह रही है। इस दरम्यान एकाध बार वह पाकिस्तान हो आई है। करीब दो महीने पहले मां-बेटा दोनों मुम्बई से दिल्ली चले आए थे। बाद में अजमेर होते हुए जोधपुर पहुंचे। 17 अगस्त को जोधपुर से ट्रेन द्वारा बाड़मेर पहुंचे और बस से बाड़मेर से गडरारोड पहुंचे थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद मां-बेटा इतने समय से भारत में कैसे रहे थे और खान मोहम्मद का पासपोर्ट कैसे बना? यह जांच का विषय है।एक और घटना। बाड़मेर जिले के सीमावर्ती बाखासर सेक्टर में सीमा के स्तम्भ चिन्ह संख्या 905 के पास से एक ईरानी ने पाकिस्तान के रास्ते भारतीय सीमा में प्रवेश किया, जिसे गांव वालों की सहायता से सीमा सुरक्षा बल ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके खिलाफ बाखासर थाने में विदेशी अधिनियम-1946 के तहत अवैध रूप से सीमा पार करने का मामला दर्ज किया है।सूत्रों द्वारा बताया गया कि 3 मार्च, 2005 को देर रात में इस व्यक्ति ने कंटीली बाड़ के पास गड्ढा खोदकर भारतीय सीमा में प्रवेश किया था। इस घुसपैठ से जहां एक ओर सुरक्षा इंतजामों पर सवालिया निशान लगा वहीं उस घुसपैठिये से पूछताछ पर सामने आए तथ्यों ने तमाम सुरक्षा एजेन्सियों को भी पेसोपेश में डाल दिया। बाड़मेर में संयुक्त पूछताछ के बाद अदालत ने उसे रिमाण्ड पर जयपुर भेज दिया। जानकारी के मुताबिक सरहद पर कंटीली बाड़ के पास तैनात जवानों को एक निर्धारित समयावधि के बाद बदल दिया जाता है। सवाल यह उठता है कि सुरक्षा के इतने पुख्ता बंदोबस्त के बाद भी यह घुसपैठिया सीमा पार करने और चार किलोमीटर भीतर के एक गांव तक जाने में कैसे कामयाब हो गया? घुसपैठ की इस आश्चर्यजनक घटना ने सुरक्षा एजेन्सियों की नींद उड़ा रखी है।पश्चिमी सीमा से सटे बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में इसी तरह की तीसरी घटना ने आम जन में भय का वातावरण उत्पन्न किया है। जैसलमैर जिले के सम क्षेत्र में 18 अगस्त 2005 को सीमा सुरक्षा बल व पुलिस द्वारा लूणों की बस्ती के निवासी दिलदार उर्फ दिलावर के मकान से दस किलो हेरोइन बरामद की। इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में दस करोड़ रुपए कीमत आंकी गई है। उसने हेरोइन को अपने घर में छुपाकर रखा था। कार्रवाई में एक-एक किलो की दस थैलियां बरामद हुईं, जिन पर 999 मार्का अंकित था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर एनडीपीएस कानून के तहत सम थाने में मामला दर्ज कर जांच प्रारम्भ की है।8 अगस्त, 2005 को बाड़मेर में नबिया नामक अपराधी तत्व के पास से पुलिस ने हेरोइन व नकली नोटों का बड़ा जखीरा बरामद किया था। उसके 10 दिन बाद ही जैसलमैर में यह 10 किलो हेरोइन बरामद की गई। नबिया ने बाड़मेर के बाजार में 500 व 1000 रुपए के जाली नोट चला रखे थे। यह जानकर बाड़मेर व जैसलमेर के नागरिकों में भय व्याप्त हो गया और वे व्यापार करते समय 500 व 1000 रुपए के नोट लेने से कतरा रहे हैं।NEWS
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