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याद आते हैं वे दिनअपने पति के साथ श्रीमती जनकप्रिय,इस तेईस जून को हमारे विवाह की बारहवीं वर्षगांठ है। आज जब मैं बीते दिनों की याद करती हूं तो लगता ही नहीं कि हमारे विवाह को बारह वर्ष पूरे होने को हैं। मेरे दिल में आपके लिए वही प्यार व आकर्षण आज भी बरकरार है। मेरी छोटी-छोटी बातों को आपने हमेशा अहमियत दी। आपके सहयोग, प्यार व प्रोत्साहन के बल पर ही मैं अपने संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी कर पायी। बचपन में ही मां का साया सिर से उठ जाने के कारण मुझे यह मालूम न था कि मां के प्यार की अनुभूति क्या होती है। आपसे अगाध प्यार पाकर मैंने इसका अहसास भी किया। आपके प्यार ने मेरे अन्दर जो श्रद्धा भाव पैदा किया, वह आज भी मन मन्दिर के अन्दर मैंने संजोकर रखा है। मुझे याद है जब शादी के बाद एक दिन मैं अपनी मां को यादकर रोने लगी थी तब आपने ही यह समझाकर ढाढस बंधाया था कि अब से मैं ही आपका मां-बाप, भाई-बहन यानी सब कुछ हूं। तब से लेकर आज तक फिर कभी मां के बिछुड़ने की पीड़ा ने मुझे आंखों में आंसू नहीं दिए। आपने मेरी जिन्दगी में इतनी खुशियां भर दीं कि उन्हें याद कर भर आते हैं मेरे नैना। बस यही आपसे आज कहना है-मंगलम्, शुभ मंगलम्इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।क्षमा करो ऐ साथीमुझसे इन सालों में हो गयीहो कोई भूलकोई कांटा तेरे पग में ना चुभेबने चंदन तेरे पथ की धूलहम दोनों के प्यार की डोर युगों-युगों तक बंधी रहे, प्रभु से यही प्रार्थना है।-आपकीजनकबी-9, 27 सैक्टर-5रोहिणी, नई दिल्ली-85NEWS
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